अजमेर. बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने विभिन्न मुद्दों को लेकर गहलोत सरकार पर जमकर निशाना साधा है. पूनिया ने कहा कि गहलोत सरकार कर्ज लेकर घी पीने का काम कर रही है. पूनिया ने बजट को सियासी बताते हुए कहा कि बजट में उन वादों को गहलोत सरकार (Satish Poonia target Gehlot government) बिल्कुल भूल गई जो उन्होंने जनता से किए थे.
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया रविवार को अजमेर (Satish Poonia in Ajmer) में फॉयसागर रोड स्थित एक मैरिज गार्डेन में संभाग के सभी पदाधिकारियों के साथ बैठक में शामिल होने के लिए आए थे. पूनिया ने कहा कि रीट में चीट के मामले आंदोलन किए कई कार्यकर्त्ताओं को चोटें भी आईं हैं. उन्होंने कहा कि रीट में चीट मामले में बीजेपी की सीबीआई जांच की मांग कटिबद्ध है. कोर्ट के निर्णय के बाद इस मामले में विधानसभा में कुछ नहीं कहा जा सकता लेकिन इस मामले में विधिक राय ली जाएगी. इसके साथ ही सीबीआई जांच की मांग जारी रहेगी.
पूनिया ने आरोप लगाया कि सरकार दावा कर रही कि जनघोषणा के 70 फीसदी वादे पूरे किए गए हैं, लेकिन सरकार बताए कि कितने किसानों का कर्ज माफ कर दिया. चुनाव के वक़्त राहुल गांधी ने पोखरण, जालोर, हनुमानगढ़ में चुनावी रैली में कहा था कि प्रदेश में सरकार आती है तो एक से दस तक गिनती गिनते ही किसानों का कर्जा माफ हो जाएगा.
पूनिया ने कहा कि किसानों के कर्जे सहकारिता बैकों के परंपरागत तरीके से माफ हुए लेकिन वह किसान जिन पर राष्ट्रीयकृत बैंकों और अन्य संस्थाओं के कर्जे थे. ऐसे में लाखों की किसानों की जमीन नीलामी होने पर आ गई. 9 हजार से भी अधिक किसानों का एनपीए हुआ. एक लाख किसान कर्जे के दायरे में है. किसानों को इस मुद्दे पर राहत देने के लिए बजट में कोई प्रवधान नहीं था.
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पूनिया ने कहा कि सर्वे में स्पष्ट है कि देश में बेरोजगारी दर में प्रदेश का दूसरा स्थान है. राजस्थान में बेरोजगारी दर 27 फीसदी है. पूनिया ने कहा कि सत्ता में आने से पहले कांग्रेस ने जनघोषणा में युवाओं को नौकरी देने का वादा किया था. सरकार ने कितने युवाओं को भर्तियों के माध्यम से सरकारी नौकरियां दी हैं यह आंकड़े भी भ्रमित करने वाले हैं. पूनिया ने कहा कि सीएम बड़े-बड़े दावे करते हैं कि एक लाख से भी अधिक युवाओं को विभिन्न भर्तियों में नौकरियां मिली हैं जबकि राजस्थान में अभी तक 70 लाख युवाओं ने विभिन्न भर्ती परीक्षाओं में हिस्सा लिया है और एक लाख से भी कम युवाओं को नौकरियां मिली हैं. शेष युवाओं के लिए नौकरी को लेकर सरकार का कोई रोड मैप नहीं है.
प्रदेश में 30 लाख ऐसे युवा हैं जो बेरोजगार भत्ते के हकदार थे लेकिन केवल दो लाख युवाओं को बेरोजगारी भत्ता मिला है. बेरोजगारी भत्ते को लेकर भी सरकार ने बैरियर लगा दिया. युवा इंटर्नशिप एग्जाम देंगे और उन्हें बेरोजगारी भत्ता मिलेगा. सरकार के इस निर्णय को अधिकांश बेरोजगार युवाओं ने नकार दिया. समस्या यह हुई कि 15 से ज्यादा भर्तियां वित्तीय एवं प्रशासनिक कारणों से लंबित है.
नकल माफिया से कांग्रेसी नेताओं के संबंध का आरोप लगाया
रीट परीक्षा में धांधली ने तो लोगों के आंख-कान खोल दिए हैं. पूनिया ने आरोप लगाया कि राजस्थान में नकल माफिया पनप चुके हैं. उनके सम्बन्ध कांग्रेस के बड़े नेताओं से भी हैं. एसओजी ने इस मामले में बड़ा खुलासा तो किया लेकिन उसका अपना दायरा है. वह सीएम और मंत्रियों से मामले में पूछताछ नहीं कर सकती है. बीजेपी ने सीबीआई जांच की मांग इसलिए उठाई की छोटी मछलियां तो पकड़ी गईं लेकिन बड़े मगरमच्छ जो सरकार में शामिल थे उनपर भी शिकंजा कस सकता.
पूनिया ने कहा कि महिला उत्पीड़न मामले में 6 हजार 337 मुकदमे दर्ज हैं. एक अनुमान के मुताबिक प्रदेश में 18 बलात्कार प्रतिदिन हो रहे हैं. प्रदेश में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है. ऐसे में बजट में कानून व्यवस्था को मजबूत करने के लिए पुलिस को आधुनिक और संसाधन युक्त बनाने के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया.
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कर्ज लेकर घी पी रही सरकार, असर गवर्नेंस पर पड़ेगा
पूनिया ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में 25 फीसदी कर्ज गहलोत ने लिया है. यह सरकार कर्ज लेकर घी पीने का काम कर रही है जिसका असर राजस्थान की गवर्नेंस पर पड़ रहा है. पिछली बार राजस्व का लक्ष्य एक लाख 30 हजार करोड़ था. इस बार एक लाख 27 हजार करोड़ है. उसमें में भी केंद्र सरकार पैसा देती है. गहलोत सरकार आय के स्त्रोत बढ़ाने और निवेश लाने में फेल रही है.
जनघोषणा के वादों को बजट में भूले गहलोत
पूनिया ने कहा कि जनघोषणा में कई वादे किए गए मसलन राइट टू हेल्थ, खेल नीति, खनिज नीति, जेम पार्क, जवाब देही कानून, नए जिलों का गठन, फ़ूड प्रोसेसिंग यूनिट, मसाला बोर्ड, प्रदेश की सार्वजनिक परिवहन नीति, शिक्षा नीति, 24 घंटे बिजली, लघु सीमांत किसानों का मुफ्त बीमा, स्टार्टअप्स के लिए आर्थिक सहयोग की इच्छा शक्ति भी राजस्थान सरकार की नहीं दिख रही है. बुनियादी शिक्षा में जितना सुधार और इंफ्रास्ट्रक्चर होना चाहिए था वह नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि यह एक दिशाहीन बजट है.
प्रदेश के सात संभागों की बैठक
पूनिया ने बताया कि संगठन की समीक्षात्मक और आगामी कार्ययोजना को लेकर सातों संभागों में बैठकें की जा रहीं हैं. संगठन की मजबूती के लिए जमीनी स्तर पर सक्रिय मंडल एवं बूथ स्तर तक गति देने के लिए अजमेर संभाग की बैठक में चर्चा की गई. उन्होंने बताया कि पार्टी को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने के लिए पार्टी का निधि संग्रहण अभियान भी संतोषप्रद चल रहा है. 6 अप्रैल को पार्टी का स्थापना दिवस है तब तक मतदाता पन्ना प्रमुख तक नियुक्ति के कार्य पूरी करेंगे.