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अजमेर: टिड्डी नियंत्रण के लिए चलाए जा रहे अभियान को लेकर समीक्षा बैठक - Locust attack in Rajasthan

अजमेर जिले और प्रदेश भर में टिड्डियों के नियंत्रण के लिए चलाए जा रहे अभियान की शनिवार को समीक्षा बैठक हुई. संयुक्त सचिव ग्रुप 1 एसपी सिंह ने कहा कि विभाग टिड्डियों के हमले से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है. उन्होंने टिड्डियों के प्रजनन पर रोक लगाने के लिए चलाए जा रहे अभियान के बारे में भी जानकारी दी.

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टिड्डी नियंत्रण के लिए चलाए जा रहे अभियान की हुई समीक्षा बैठक
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Published : Jul 25, 2020, 10:29 PM IST

अजमेर. टिड्डियों के प्रभावी नियंत्रण को लेकर हो रहे कार्यों एवं आगामी तैयारियों को लेकर कृषि भवन में संयुक्त सचिव ग्रुप 1 एसपी सिंह ने कृषि पर्यवेक्षकों के साथ समीक्षा बैठक ली. सिंह ने कृषि अधिकारियों और पर्यवेक्षकों को टिड्डियों पर नियंत्रण के लिए सचेत रहने के निर्देश दिए. एसपी सिंह ने एक दिन पहले जोधपुर में टिड्डी नियंत्रण को लेकर अधिकारियों की बैठक ली थी.

टिड्डी नियंत्रण अभियान की समीक्षा बैठक

सिंह ने बताया कि राजस्थान में बांसवाड़ा, डूंगरपुर को छोड़कर शेष सभी जिलों में टिड्डियों के आक्रमण हो चुके हैं. वर्तमान में टिड्डियों का मूवमेंट पश्चिमी राजस्थान के जिलों में है. उत्तरी राजस्थान और अजमेर में भी टिड्डियों का आक्रमण हो चुका है. उन्होंने बताया कि विभाग की ओर से सभी जिलों में टिड्डियों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए चलाए जा रहे कार्यों की समीक्षा हो रही है. ताकि आगामी दिनों में टिड्डियों के नियंत्रण के लिए सभी जिलों में बेहतर इंतजाम किए जा सकें.

पढ़ें: नागौर: बारिश शुरू होते ही मिलने लगे टिड्डियों के अंडे

उन्होंने बताया कि जिले में 102 गांवों में टिड्डियों के हमले हो चुके हैं. 10 मई के बाद 20 जुलाई तक जिले में 10 से 12 टिड्डी दल आए हैं. 6 हजार हेक्टेयर पर विभाग ने टिड्डी नियंत्रण ऑपरेशन चलाएं हैं. जिले में 3000 लीटर से ज्यादा केमिकल टिड्डी नियंत्रण ऑपरेशन में काम में लिया गया है. इस वक्त जो पीली टिड्डी है वो प्रजनन के लिए है, वो फसलों को ज्यादा नुकसान नहीं पहुचाती है. ऐसी अवस्था में यदि टिड्डी दल आता है तो उसके प्रजनन को कैसे रोके और उस पर नियंत्रण कैसे पाएं इस को लेकर कार्य योजना तैयार की है.

पढ़ें: बाड़मेर: टिड्डियों पर 'एयर स्ट्राइक', हेलीकॉप्टर से कीटनाशक का छिड़काव

उन्होंने बताया कि टिड्डी नियंत्रण के लिए ड्रोन और हेलीकॉप्टर का भी उपयोग लिया जा रहा है. जिन क्षेत्रों में जैसी स्थिति है उसी प्रकार संसाधनों का उपयोग किया जाएगा. सिंह ने बताया कि मई माह में मूंग, कपास और मूंगफली की फसल की बुवाई हुई थी. उस वक्त जो टिड्डी थी वह परिपक्व नहीं थी. जिस से कुछ जिलों में शुरुआत में ज्यादा नुकसान हुआ था. लेकिन उसके बाद की गई फसलों की बुवाई में नुकसान को लेकर कोई ज्यादा चिंताजनक स्थिति नहीं है.

सिंह ने अजमेर जिले में टिड्डी नियंत्रण के कामों की सराहना की. पश्चिम दिशा से पूर्व की ओर जो भी टिड्डी दल गए हैं उन्हें रात को ऑपरेशन चलाकर मारा है ताकि आगे के जिले प्रभावित ना हों. उन्होंने कहा कि इंडो पाक बॉर्डर की ओर लौटने वाली टिड्डियों को भी खत्म करने के लिए विभाग की पूरी तैयारी है.

अजमेर. टिड्डियों के प्रभावी नियंत्रण को लेकर हो रहे कार्यों एवं आगामी तैयारियों को लेकर कृषि भवन में संयुक्त सचिव ग्रुप 1 एसपी सिंह ने कृषि पर्यवेक्षकों के साथ समीक्षा बैठक ली. सिंह ने कृषि अधिकारियों और पर्यवेक्षकों को टिड्डियों पर नियंत्रण के लिए सचेत रहने के निर्देश दिए. एसपी सिंह ने एक दिन पहले जोधपुर में टिड्डी नियंत्रण को लेकर अधिकारियों की बैठक ली थी.

टिड्डी नियंत्रण अभियान की समीक्षा बैठक

सिंह ने बताया कि राजस्थान में बांसवाड़ा, डूंगरपुर को छोड़कर शेष सभी जिलों में टिड्डियों के आक्रमण हो चुके हैं. वर्तमान में टिड्डियों का मूवमेंट पश्चिमी राजस्थान के जिलों में है. उत्तरी राजस्थान और अजमेर में भी टिड्डियों का आक्रमण हो चुका है. उन्होंने बताया कि विभाग की ओर से सभी जिलों में टिड्डियों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए चलाए जा रहे कार्यों की समीक्षा हो रही है. ताकि आगामी दिनों में टिड्डियों के नियंत्रण के लिए सभी जिलों में बेहतर इंतजाम किए जा सकें.

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उन्होंने बताया कि जिले में 102 गांवों में टिड्डियों के हमले हो चुके हैं. 10 मई के बाद 20 जुलाई तक जिले में 10 से 12 टिड्डी दल आए हैं. 6 हजार हेक्टेयर पर विभाग ने टिड्डी नियंत्रण ऑपरेशन चलाएं हैं. जिले में 3000 लीटर से ज्यादा केमिकल टिड्डी नियंत्रण ऑपरेशन में काम में लिया गया है. इस वक्त जो पीली टिड्डी है वो प्रजनन के लिए है, वो फसलों को ज्यादा नुकसान नहीं पहुचाती है. ऐसी अवस्था में यदि टिड्डी दल आता है तो उसके प्रजनन को कैसे रोके और उस पर नियंत्रण कैसे पाएं इस को लेकर कार्य योजना तैयार की है.

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उन्होंने बताया कि टिड्डी नियंत्रण के लिए ड्रोन और हेलीकॉप्टर का भी उपयोग लिया जा रहा है. जिन क्षेत्रों में जैसी स्थिति है उसी प्रकार संसाधनों का उपयोग किया जाएगा. सिंह ने बताया कि मई माह में मूंग, कपास और मूंगफली की फसल की बुवाई हुई थी. उस वक्त जो टिड्डी थी वह परिपक्व नहीं थी. जिस से कुछ जिलों में शुरुआत में ज्यादा नुकसान हुआ था. लेकिन उसके बाद की गई फसलों की बुवाई में नुकसान को लेकर कोई ज्यादा चिंताजनक स्थिति नहीं है.

सिंह ने अजमेर जिले में टिड्डी नियंत्रण के कामों की सराहना की. पश्चिम दिशा से पूर्व की ओर जो भी टिड्डी दल गए हैं उन्हें रात को ऑपरेशन चलाकर मारा है ताकि आगे के जिले प्रभावित ना हों. उन्होंने कहा कि इंडो पाक बॉर्डर की ओर लौटने वाली टिड्डियों को भी खत्म करने के लिए विभाग की पूरी तैयारी है.

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