अजमेर. देशभर में नवरात्रि के समापन के साथ ही दशहरा पर्व धूमधाम से मनाया गया. दशहरा पर्व जिसमें असत्य पर सत्य की विजय को दिखाया जाता है. इस दिन भगवान राम के हाथों रावण का वध किया गया था, जिसको लेकर देशभर में ये पर्व मनाया जाता है. इस दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में रामलीला का मंचन भी किया जाता है, लेकिन शहर के अशोक नगर भट्टा इलाके के रामलीला मंचन में कुछ ऐसा हुआ जो चर्चा का विषय बन गया.
यहां राम के हाथों रावण का वध नहीं होता, उल्टा राम को खुद अपनी जान बचानी पड़ी. और ऐसा रावण का किरदार निभा रहे कलाकार के नशे में होने के कारण हुआ.
दरअसल, अशोकनगर भट्टा इलाके में दशहरे के अवसर पर पिछले कई वर्षों से भारी भीड़ जमा होती है और वजह है रामलीला का पात्र रावण. रावण का पात्र निभाने वाले नवनीत का अभिनय देख लोग ठहाके लगाते हैं. मंगलवार को भी कुछ ऐसा ही हुआ जब रावण राम के हाथों नहीं मरता बल्कि राम के पीछे ही तलवार लेकर दौड़ता है. इससे पहले की रावण राम तक पहुंच जाए, नशे में चूर रावण नीचे गिर जाता है. जिसे राम नवयुवक मंडल के सदस्य कंधों पर उठाकर ले जाते हैं.
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शराबी रावण की करतूत का यह मामला जीमेल के नगरा इलाके का है जहां दहन से पहले रावण ने जमकर हंगामा मचाया. रावण को राम से युद्ध करना था मगर यहां तो राम को ख़ुद अपनी जान बचाने पड़ गई. दरअसल हुआ यूं कि राम-रावण युद्ध के मंचन के बीच रावण मरने से इंकार कर देता है.और जोर-जोर से ठहाके लगाकर हंसता हुआ नजर आता है.
केकड़ी में भी कुंभकर्ण व मेघनाद से पहले ही जल गया रावण
केकड़ी में रावण का पुतला समय से पहले लपटों से घिर गया और कुंभकर्ण-मेघनाद खड़े रह गए. दशहरा पर्व पर यह अनूठा प्रसंग हजारों लोगों ने देखा जब कुंभकर्ण और मेघनाद के पहले रावण का वध हो गया. हुआ यूं कि अतिशबाजी के दौरान पटेल मैदान में खड़े रावण के पुतले में आग लग गई. जिससे रावण का पूतला धूं-धूं जलकर राख हो गया. बाद में रावण के तीर लगाने की रस्म की परम्परा निभाई गई. बुराई पर अच्छाई की जीत के पर्व दशहरा के अवसर पर मंगलवार की देर शाम को नगर पालिका पास स्थित पटेल मैदान पर 51 फिट के रावण, मेघनाथ व कुम्भकर्ण के पुतले का दहन किया गया.
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लेकिन अतिशबाजी के दौरान रावण के पुतले में आग लगने से कुम्भकरण व मेघनाथ के पुतले से पहले ही रावण का पुतला धूं-धूं कर जलने लगा. आनन-फानन में रामचरित मानस के अन्य प्रसंगो का तेज गति से मंचन करते हुए रावण दहन की परम्परा का निवर्हन किया गया.