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अजमेर: सोमलपुर पंचायत के सरपंच का 'रिपोर्ट कार्ड'...पानी, चिकित्सा और बिजली से ग्रामीण परेशान - अजमेर समाचार

राजस्थान में पंचायत चुनाव होने हैं. वहीं फरवरी 2020 के अंत में संभावित पंचायतीराज चुनाव करवाने की उम्मीद जताई जा रही है. राजस्थान पंचायती राज चुनाव से पहले ईटीवी भारत अजमेर जिले की सोमलपुर ग्राम पंचायत पहुंची. जहां ईटीवी भारत ने सरपंच सा'ब रो 'रिपोर्ट-कार्ड' स्पेशल प्रोग्राम के जरिए पंचायत के विकास कार्य और ग्रामीणों से बात की.

सोमलपुर ग्राम पंचायत, ग्राम पंचायत का सेवा केंद्र, rajasthan panchayat election
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Published : Oct 20, 2019, 4:02 PM IST

Updated : Oct 21, 2019, 12:00 PM IST

अजमेर. जिले में 283 ग्राम पंचायत है. इनमें 12 ग्राम पंचायत ऐसी है जो शहर के नजदीक होने की वजह से पेराफेरी क्षेत्र में आती है. सरपंच के 'रिपोर्ट कार्ड' के चुनाव कार्यक्रम के तहत ईटीवी भारत की टीम ने पेराफेरी क्षेत्र के सोमलपुर ग्राम पंचायत का दौरा किया. गांव में विकास और समस्याओं को लेकर लोगों से बातचीत की. वही वर्तमान सरपंच से भी उनके कार्यकाल का ब्योरा मांगा.

सोमलपुर ग्राम पंचायत, ग्राम पंचायत का सेवा केंद्र, rajasthan panchayat election
पहाड़ी की तलहटी में बसा सुंदर गांव

तारागढ़ पहाड़ी की तलहटी में बसा सोमलपुर ग्राम पंचायत
अजमेर जिला मुख्यालय से 12 किलोमीटर दूर तारागढ़ पहाड़ी की तलहटी में बसा सोमलपुर ग्राम पंचायत में सन 2011 की जनगणना के अनुसार 9 हजार 4 सौ 55 मतदाता है. इनमें 4 हजार 853 पुरुष एवं 4 हजार 600 महिलाएं है. ग्राम पंचायत से 17 ढाणियां जुड़ी हुई है. सोमलपुर गांव में करीब 90 फीसदी चीता समाज के लोग रहते हैं. जबकि शेष 10 फीसदी आबादी में अनुसूचित जाति जनजाति के लोग ग्राम पंचायत में निवास करते हैं.

अजमेर की सोमलपुर पंचायत के सरपंच का 'रिपोर्ट कार्ड'

सांप्रदायिक सद्भाव की मिसाल सोमलपुर
पहाड़ी की तलहटी में बसे होने की वजह से गांव की सुंदरता देखते ही बनती है. वहीं इस गांव से सांप्रदायिक सद्भाव की मिसाल लिए हुए बाबा बदाम शाह की मस्जिद भी है. मस्जिद परिसर में भोलेनाथ का मंदिर है. वहीं गुरुद्वारा भी है. सांप्रदायिक सद्भाव की खूबी के साथ सोमलपुर गांव को शहीद देवी खान के नाम से भी जाना जाता है.

पढ़ें- भीलवाड़ा: गागेडा पंचायत के सरपंच का 'रिपोर्ट कार्ड'...मॉडल तालाब से लेकर पार्क तक सब चकाचक

सोमलपुर गांव सरपंच इकराम चीता ने गिनाई उपलब्धियां
वर्तमान में सोमलपुर गांव में सरपंच इकराम चीता है. इकराम युवा है और गांव में विकास की सोच रखते है. इकराम का दावा है कि उनके कार्यकाल में गांव में सीसी रोड बनी. शहर की मुख्य सड़क से गांव जुड़ पाया. इसके अलावा गांव में एक तालाब को मॉडल बनाया गया है. वहीं मनरेगा में जिले में सोमलपुर ग्राम पंचायत दूसरे स्थान पर पहुंची है. गांव में शिक्षा को लेकर भी जागरूकता आई है. पेयजल व्यवस्था में भी पहले से सुधार आया है. सरपंच इकराम बताते है कि गांव की वर्तमान में मूल समस्या टाटा पावर से है. पेराफेरी गांव की वजह से विद्युत विभाग के सब डिविजनल कार्यालय के बजाय गांव को टाटा पॉवर से जोड़ दिया गया है. इससे ग्रामीणों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है. इसके खिलाफ मांग भी उठाई लेकिन प्रशासन कोई नहीं सुनता.

सोमलपुर ग्राम पंचायत, ग्राम पंचायत का सेवा केंद्र, rajasthan panchayat election
बाबा बदाम शाह की मस्जिद

पढ़ें- स्पेशल रिपोर्ट: जोधपुर में डेंगू रोगियों का आंकड़ा पहुंचा 400 पार...घर-घर सर्वे का काम शुरू

गांव के विकास पर जनता के बोल
वहीं सरपंच के विकास कार्यों को लेकर गांव की जनता का कहना है कि गांव में श्मशान भूमि की चारदीवारी और शटर लगाने का चुनाव लड़ने से पहले सरपंच ने वादा किया था. वादा तो दूर श्मशान की जमीन भी बदल दी गई. वहीं लोगों ने ये भी बताया कि नलों में 8 दिन तक पानी नहीं आता है. दूसरी तरफ गांव में मूलभूत सुविधाओं को लेकर युवा का कहना है कि सड़कों के गांव में हाल खराब है. चिकित्सा के लिए प्राथमिक उपचार केंद्र हैं, लेकिन चिकित्सक और स्टाफ सप्ताह में दो या 3 दिन ही आता है. शहर के नजदीक होने के बावजूद भी ग्रामीणों को 8 दिन में पेयजल सप्लाई होती है.

पढ़ें- आपणी सरकार: सीकर नगर परिषद के 5 साल, कैसा रहा शहर का हाल...देखिए रिपोर्ट

गांव में कोई भी एक दूसरे पर कटाक्ष या आरोप नहीं लगाता
सोमलपुर गांव में चुनाव को लेकर सियासत उतनी नहीं गर्माती. जितनी अन्य जगहों पर देखने को मिलती है. हालांकि चुनाव लड़ने के लिए चार पांच उम्मीदवार अभी से तैयार हैं. लेकिन खास बात यह है कि गांव में कोई भी एक दूसरे पर कटाक्ष या आरोप नहीं लगाता है. संभावित उम्मीदवार सलीम की मानें तो गांव में 90 फ़ीसदी चीता समाज के लोग हैं. माना जाता है कि गांव में रहने वाले सभी चीता समाज के लोग एक ही कुनंबे से हैं. यही वजह है कि लोग यहां समस्याओं पर बात करते हैं लेकिन आरोपों पर नहीं. सोमलपुर ग्राम पंचायत में चुनाव को लेकर सुगबुगाहट शुरू हो गई है. हालांकि ग्रामीण अभी पेशोपेश में है कि ग्राम पंचायत के चुनाव में पहले की तरह पेराफेरी ग्राम पंचायतों के चुनाव साथ में होंगे या एक साथ.

सोमलपुर ग्राम पंचायत, ग्राम पंचायत का सेवा केंद्र, rajasthan panchayat election
ग्राम पंचायत का सेवा केंद्र

अजमेर. जिले में 283 ग्राम पंचायत है. इनमें 12 ग्राम पंचायत ऐसी है जो शहर के नजदीक होने की वजह से पेराफेरी क्षेत्र में आती है. सरपंच के 'रिपोर्ट कार्ड' के चुनाव कार्यक्रम के तहत ईटीवी भारत की टीम ने पेराफेरी क्षेत्र के सोमलपुर ग्राम पंचायत का दौरा किया. गांव में विकास और समस्याओं को लेकर लोगों से बातचीत की. वही वर्तमान सरपंच से भी उनके कार्यकाल का ब्योरा मांगा.

सोमलपुर ग्राम पंचायत, ग्राम पंचायत का सेवा केंद्र, rajasthan panchayat election
पहाड़ी की तलहटी में बसा सुंदर गांव

तारागढ़ पहाड़ी की तलहटी में बसा सोमलपुर ग्राम पंचायत
अजमेर जिला मुख्यालय से 12 किलोमीटर दूर तारागढ़ पहाड़ी की तलहटी में बसा सोमलपुर ग्राम पंचायत में सन 2011 की जनगणना के अनुसार 9 हजार 4 सौ 55 मतदाता है. इनमें 4 हजार 853 पुरुष एवं 4 हजार 600 महिलाएं है. ग्राम पंचायत से 17 ढाणियां जुड़ी हुई है. सोमलपुर गांव में करीब 90 फीसदी चीता समाज के लोग रहते हैं. जबकि शेष 10 फीसदी आबादी में अनुसूचित जाति जनजाति के लोग ग्राम पंचायत में निवास करते हैं.

अजमेर की सोमलपुर पंचायत के सरपंच का 'रिपोर्ट कार्ड'

सांप्रदायिक सद्भाव की मिसाल सोमलपुर
पहाड़ी की तलहटी में बसे होने की वजह से गांव की सुंदरता देखते ही बनती है. वहीं इस गांव से सांप्रदायिक सद्भाव की मिसाल लिए हुए बाबा बदाम शाह की मस्जिद भी है. मस्जिद परिसर में भोलेनाथ का मंदिर है. वहीं गुरुद्वारा भी है. सांप्रदायिक सद्भाव की खूबी के साथ सोमलपुर गांव को शहीद देवी खान के नाम से भी जाना जाता है.

पढ़ें- भीलवाड़ा: गागेडा पंचायत के सरपंच का 'रिपोर्ट कार्ड'...मॉडल तालाब से लेकर पार्क तक सब चकाचक

सोमलपुर गांव सरपंच इकराम चीता ने गिनाई उपलब्धियां
वर्तमान में सोमलपुर गांव में सरपंच इकराम चीता है. इकराम युवा है और गांव में विकास की सोच रखते है. इकराम का दावा है कि उनके कार्यकाल में गांव में सीसी रोड बनी. शहर की मुख्य सड़क से गांव जुड़ पाया. इसके अलावा गांव में एक तालाब को मॉडल बनाया गया है. वहीं मनरेगा में जिले में सोमलपुर ग्राम पंचायत दूसरे स्थान पर पहुंची है. गांव में शिक्षा को लेकर भी जागरूकता आई है. पेयजल व्यवस्था में भी पहले से सुधार आया है. सरपंच इकराम बताते है कि गांव की वर्तमान में मूल समस्या टाटा पावर से है. पेराफेरी गांव की वजह से विद्युत विभाग के सब डिविजनल कार्यालय के बजाय गांव को टाटा पॉवर से जोड़ दिया गया है. इससे ग्रामीणों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है. इसके खिलाफ मांग भी उठाई लेकिन प्रशासन कोई नहीं सुनता.

सोमलपुर ग्राम पंचायत, ग्राम पंचायत का सेवा केंद्र, rajasthan panchayat election
बाबा बदाम शाह की मस्जिद

पढ़ें- स्पेशल रिपोर्ट: जोधपुर में डेंगू रोगियों का आंकड़ा पहुंचा 400 पार...घर-घर सर्वे का काम शुरू

गांव के विकास पर जनता के बोल
वहीं सरपंच के विकास कार्यों को लेकर गांव की जनता का कहना है कि गांव में श्मशान भूमि की चारदीवारी और शटर लगाने का चुनाव लड़ने से पहले सरपंच ने वादा किया था. वादा तो दूर श्मशान की जमीन भी बदल दी गई. वहीं लोगों ने ये भी बताया कि नलों में 8 दिन तक पानी नहीं आता है. दूसरी तरफ गांव में मूलभूत सुविधाओं को लेकर युवा का कहना है कि सड़कों के गांव में हाल खराब है. चिकित्सा के लिए प्राथमिक उपचार केंद्र हैं, लेकिन चिकित्सक और स्टाफ सप्ताह में दो या 3 दिन ही आता है. शहर के नजदीक होने के बावजूद भी ग्रामीणों को 8 दिन में पेयजल सप्लाई होती है.

पढ़ें- आपणी सरकार: सीकर नगर परिषद के 5 साल, कैसा रहा शहर का हाल...देखिए रिपोर्ट

गांव में कोई भी एक दूसरे पर कटाक्ष या आरोप नहीं लगाता
सोमलपुर गांव में चुनाव को लेकर सियासत उतनी नहीं गर्माती. जितनी अन्य जगहों पर देखने को मिलती है. हालांकि चुनाव लड़ने के लिए चार पांच उम्मीदवार अभी से तैयार हैं. लेकिन खास बात यह है कि गांव में कोई भी एक दूसरे पर कटाक्ष या आरोप नहीं लगाता है. संभावित उम्मीदवार सलीम की मानें तो गांव में 90 फ़ीसदी चीता समाज के लोग हैं. माना जाता है कि गांव में रहने वाले सभी चीता समाज के लोग एक ही कुनंबे से हैं. यही वजह है कि लोग यहां समस्याओं पर बात करते हैं लेकिन आरोपों पर नहीं. सोमलपुर ग्राम पंचायत में चुनाव को लेकर सुगबुगाहट शुरू हो गई है. हालांकि ग्रामीण अभी पेशोपेश में है कि ग्राम पंचायत के चुनाव में पहले की तरह पेराफेरी ग्राम पंचायतों के चुनाव साथ में होंगे या एक साथ.

सोमलपुर ग्राम पंचायत, ग्राम पंचायत का सेवा केंद्र, rajasthan panchayat election
ग्राम पंचायत का सेवा केंद्र
Intro:अजमेर। अजमेर जिले में 283 ग्राम पंचायत है। इनमें 12 ग्राम पंचायत ऐसी है शहर के नजदीक होने की वजह से पेराफेरी क्षेत्र में आती है। सरपंच साब का चुनाव कार्यक्रम के तहत ईटीवी भारत की टीम ने पेराफेरी क्षेत्र के सोमलपुर ग्राम पंचायत का दौरा किया। गांव में विकास और समस्याओं को लेकर लोगों से बातचीत की। वही वर्तमान सरपंच से भी उनके कार्यकाल का हिसाब मांगा।

अजमेर जिला मुख्यालय से 12 किलोमीटर दूर तारागढ़ पहाड़ी की तलहटी में बसा सोमलपुर ग्राम पंचायत में सन 2011 की जनगणना के अनुसार 9 हजार 4 सौ 55 मतदाता है। इनमें 4 हजार 853 पुरुष एवं 4 हजार 600 महिलाएं है। ग्राम पंचायत से 17 ढाणीया जुड़ी हुई है। सोमलपुर गांव में करीब 90 फ़ीसदी चीता समाज के लोग रहते हैं। जबकि शेष 10 फीसदी आबादी में अनुसूचित जाति जनजाति के लोग ग्राम पंचायत में निवास करते हैं। पहाड़ी की तलहटी में बसे होने की वजह से गांव की सुंदर है। वही किस गांव से सांप्रदायिक सद्भाव की मिसाल लिए हुए बाबा बदाम शाह की मस्जिद भी है। मस्जिद परिसर में भोलेनाथ का मंदिर है वही गुरुद्वारा भी है। सांप्रदायिक सद्भाव की खूबी के साथ सोमलपुर गांव को शहीद देवी खान के नाम से भी जाना जाता है ...
ओपनिंग पी2सी

वर्तमान में सोमलपुर गांव में सरपंच इकराम चीता है। इकराम युवा है और गांव में विकास की सोच रखते है। इकराम का दावा है कि उनके कार्यकाल में गांव में सीसी रोड बनी। शहर की मुख्य सड़क से गांव जुड़ पाया। इसके अलावा गांव में एक तालाब को मॉडल बनाया गया है। वही मनरेगा में जिले में सोमलपुर ग्राम पंचायत दूसरे स्थान पर पहुची है। गांव में शिक्षा को लेकर भी जागरूकता आई है। वही पेयजल व्यवस्था में भी पहले से सुधार आया है। इकराम बताते है कि गांव की वर्तमान में मूल समस्या टाटा पावर से है। पेराफेरी गांव की वजह से विद्युत विभाग के सब डिविजनल कार्यालय के बजाय गांव को टाटा पॉवर से जोड़ दिया गया है। इससे ग्रामीणों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। इसके खिलाफ मांग भी उठाई लेकिन प्रशासन कोई नही सुनता ...
बाइट- इकराम चीता- सरपंच- सोमलपुर ग्राम पंचायत ( ब्लैक शर्ट )

इकराम ने अपने कार्यकाल की उपलब्धियां गिन्नी माही अब देखते हैं कि ग्रामीणों का क्या कहना है। गांव की संतोष बताती हैं कि गांव में शमशान भूमि की चारदीवारी और शटर लगाने का चुनाव लड़ने से पहले सरपंच ने वादा किया था। वादा तो दूर श्मशान की जमीन भी बदल दी गई। नलों में 8 दिन तक पानी नहीं आता है। संतोष सरपंच की वादाखिलाफी से इतनी नाराज है कि दोबारा चुनाव में वोट देने को भी तैयार नही है ...
बाइट संतोष ग्रामीण

गांव में मूलभूत सुविधाओं को लेकर युवा का कहना है कि सड़कों के गांव में हाल खराब है। चिकित्सा के लिए प्राथमिक उपचार केंद्र हैं लेकिन चिकित्सक और स्टाफ सप्ताह में दो या 3 दिन ही आता है। शहर के नजदीक होने के बावजूद भी ग्रामीणों को 8 दिन में पेयजल सप्लाई होती है....
बाइट- सलीम खान युवा ग्रामीण
बाइट लियाकत अली युवा ग्रामीण ( लाल शर्ट )

सोमलपुर गांव में चुनाव को लेकर सियासत उतनी नहीं गरमाती। जितनी अन्य जगहों पर देखने को मिलती है। हालांकि चुनाव लड़ने के लिए चार पांच उम्मीदवार अभी से तैयार हैं। लेकिन खास बात यह है कि गांव में कोई भी एक दूसरे पर कटाक्ष यह आरोप नहीं लगाता है। संभावित उम्मीदवार सलीम की मानें तो गांव में 90 फ़ीसदी चीता समाज के लोग हैं। माना जाता है कि गांव में रहने वाले सभी चीता समाज के लोग एक ही कुनंबे से हैं। यही वजह है कि लोग यहां समस्याओं पर बात करते हैं लेकिन आरोपों पर नहीं....
बाइट- सलीम खान संभावित उम्मीदवार ( वाइट शर्ट )

सोमलपुर ग्राम पंचायत में चुनाव को लेकर सुगबुगाहट शुरू हो गई है। हालांकि ग्रामीण अभी पशोपेश में है कि ग्राम पंचायत के चुनाव में पहले की तरह पेराफेरी ग्राम पंचायतों के चुनाव साथ मे होंगे या एक साथ।

पी2सी





Body:प्रियांक शर्मा
अजमेर


Conclusion:
Last Updated : Oct 21, 2019, 12:00 PM IST
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