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अजमेरः रेलवे निजीकरण के विरोध में उतरे कर्मचारी संगठन, मनाएंगे विरोध सप्ताह - जन आंदोलन करने की कवायद शुरू

केंद्र सरकार द्वारा भारतीय रेल में निजीकरण के विरोध में नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एम्पलाइज यूनियन देशभर में 14 से 19 सितंबर तक विरोध सप्ताह मनाएंगे. इस कड़ी में अजमेर में भी ऑल इंडिया रेलवे एम्प्लाइज फेडरेशन के आह्वान पर नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एम्प्लाइज यूनियन जन आंदोलन करने की तैयारी में जुट गया हैं.

रेल के निजीकरण के विरोध में विरोध सप्ताह, protest week against privatization of rail
रेल के निजीकरण के विरोध में विरोध सप्ताह
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Published : Sep 14, 2020, 4:11 PM IST

अजमेर. ऑल इंडिया रेलवे एम्प्लाइज फेडरेशन के आह्वान पर भारतीय रेल के निजीकरण के विरुद्ध देशभर में 14 से 19 सितंबर तक रेलकर्मी द्वारा विरोध सप्ताह मनाया जा रहा है. इस कड़ी में अजमेर में भी फेडरेशन के आह्वान पर नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एम्प्लाइज यूनियन जन आंदोलन करने की तैयारी कर रहा है.

रेल के निजीकरण के विरोध में विरोध सप्ताह

नार्थ वेस्टर्न रेलवे एम्प्लॉइज यूनियन के सचिव अरुण गुप्ता ने बताया कि रेलवे देश की लाइफलाइन है. सामान्य और गरीब व्यक्ति 90 फीसदी व्यक्ति रेल में आसानी से सफर करता है. यह तभी संभव हो रहा है, जबकि इसमें कार्यरत लगभग 12 लाख सरकारी कर्मचारी अपने दायित्व का निर्वहन पूरी जिम्मेदारी के साथ कर रहे हैं.

भारतीय रेल युवाओं को सामाजिक सुरक्षा के साथ-साथ नियमित रोजगार प्रदान करने का भारत का सबसे बड़ा संस्थान है. इस प्रकार रेलों का निजीकरण देश के आमजन और युवाओं के हित में बिल्कुल नहीं है.

गुप्ता ने कहा कि भारतीय रेलवे का निजीकरण करने की जिद पर सरकार अड़ी हुई है निजीकरण से ना तो देश का भला होने वाला है ना ही आम जनता को इसका लाभ मिलेगा. केवल विदेशी कंपनियों और कुछ पूंजीपतियों को देश की संपदा हस्तांतरित होनी है. उन्होंने कहा कि भारतीय रेल का सिद्धांत रहा है, सेफ्टी फर्स्ट नॉट प्रॉफिट, सर्विस फर्स्ट नॉट प्रॉफिट है फिर भी सरकार लाभ को क्यों आधार बना रही है.

पढ़ेंः बानसूर: मकान के जंगले को काटकर चोरों ने किया नकदी समेत गहनों पर हाथ साफ

14 से 19 सितंबर तक यह रहेगा विरोध सप्ताह का कार्यक्रम

गुप्ता ने बताया कि 14 या 15 सितंबर को सभी शाखाओं और परिषद की बैठक होगी. जिसमें मैन टू मैन कांटेक्ट किया जाएगा. पर्चे में काले बेच का वितरण करने के साथ ही छोटी-छोटी नुक्कड़ सभाएं होंगी.

16 सितंबर को शाखा के कार्य क्षेत्र में आने वाले सामाजिक संगठन, छात्र संगठन, व्यापारिक संगठन, रेल उपभोक्ता संगठन, आवासीय समितियां और एनजीओ समितियां के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा और सेमिनार किए जाएंगे.

17 सितंबर को जनप्रतिनिधि राजनीतिक दल के प्रमुख नेता गण से मुलाकात कर उनसे अपील की जाएगी कि वह प्रधानमंत्री और रेल मंत्री तक रेलवे के निजीकरण को रोकने की मांग उन तक पहुंचाएं.

18 सितंबर को रेलवे कॉलोनी में संध्या के समय वाहन रैली मशाल जुलूस और टॉर्च जुलूस निकालकर रेल कर्मियों के परिवारों को भी निजीकरण के विरोध में जोड़ा जाएगा.

19 सितंबर को सभी रेल कर्मचारी काला रिबन और काला बैच लगाकर विरोध-प्रदर्शन करेंगे. साथ ही सुबह 9 से रात्रि 9 तक ट्विटर पर प्रारूप के अनुसार प्रधानमंत्री और रेल मंत्री को ट्वीट किए जाएंगे. इसके अलावा रात्रि को 8:00 बजे से 8:10 तक रेल कर्मचारी अपने घरों की सभी लाइटें बंद रखकर ब्लैकआउट के माध्यम से विरोध जताएंगे.

अजमेर. ऑल इंडिया रेलवे एम्प्लाइज फेडरेशन के आह्वान पर भारतीय रेल के निजीकरण के विरुद्ध देशभर में 14 से 19 सितंबर तक रेलकर्मी द्वारा विरोध सप्ताह मनाया जा रहा है. इस कड़ी में अजमेर में भी फेडरेशन के आह्वान पर नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एम्प्लाइज यूनियन जन आंदोलन करने की तैयारी कर रहा है.

रेल के निजीकरण के विरोध में विरोध सप्ताह

नार्थ वेस्टर्न रेलवे एम्प्लॉइज यूनियन के सचिव अरुण गुप्ता ने बताया कि रेलवे देश की लाइफलाइन है. सामान्य और गरीब व्यक्ति 90 फीसदी व्यक्ति रेल में आसानी से सफर करता है. यह तभी संभव हो रहा है, जबकि इसमें कार्यरत लगभग 12 लाख सरकारी कर्मचारी अपने दायित्व का निर्वहन पूरी जिम्मेदारी के साथ कर रहे हैं.

भारतीय रेल युवाओं को सामाजिक सुरक्षा के साथ-साथ नियमित रोजगार प्रदान करने का भारत का सबसे बड़ा संस्थान है. इस प्रकार रेलों का निजीकरण देश के आमजन और युवाओं के हित में बिल्कुल नहीं है.

गुप्ता ने कहा कि भारतीय रेलवे का निजीकरण करने की जिद पर सरकार अड़ी हुई है निजीकरण से ना तो देश का भला होने वाला है ना ही आम जनता को इसका लाभ मिलेगा. केवल विदेशी कंपनियों और कुछ पूंजीपतियों को देश की संपदा हस्तांतरित होनी है. उन्होंने कहा कि भारतीय रेल का सिद्धांत रहा है, सेफ्टी फर्स्ट नॉट प्रॉफिट, सर्विस फर्स्ट नॉट प्रॉफिट है फिर भी सरकार लाभ को क्यों आधार बना रही है.

पढ़ेंः बानसूर: मकान के जंगले को काटकर चोरों ने किया नकदी समेत गहनों पर हाथ साफ

14 से 19 सितंबर तक यह रहेगा विरोध सप्ताह का कार्यक्रम

गुप्ता ने बताया कि 14 या 15 सितंबर को सभी शाखाओं और परिषद की बैठक होगी. जिसमें मैन टू मैन कांटेक्ट किया जाएगा. पर्चे में काले बेच का वितरण करने के साथ ही छोटी-छोटी नुक्कड़ सभाएं होंगी.

16 सितंबर को शाखा के कार्य क्षेत्र में आने वाले सामाजिक संगठन, छात्र संगठन, व्यापारिक संगठन, रेल उपभोक्ता संगठन, आवासीय समितियां और एनजीओ समितियां के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा और सेमिनार किए जाएंगे.

17 सितंबर को जनप्रतिनिधि राजनीतिक दल के प्रमुख नेता गण से मुलाकात कर उनसे अपील की जाएगी कि वह प्रधानमंत्री और रेल मंत्री तक रेलवे के निजीकरण को रोकने की मांग उन तक पहुंचाएं.

18 सितंबर को रेलवे कॉलोनी में संध्या के समय वाहन रैली मशाल जुलूस और टॉर्च जुलूस निकालकर रेल कर्मियों के परिवारों को भी निजीकरण के विरोध में जोड़ा जाएगा.

19 सितंबर को सभी रेल कर्मचारी काला रिबन और काला बैच लगाकर विरोध-प्रदर्शन करेंगे. साथ ही सुबह 9 से रात्रि 9 तक ट्विटर पर प्रारूप के अनुसार प्रधानमंत्री और रेल मंत्री को ट्वीट किए जाएंगे. इसके अलावा रात्रि को 8:00 बजे से 8:10 तक रेल कर्मचारी अपने घरों की सभी लाइटें बंद रखकर ब्लैकआउट के माध्यम से विरोध जताएंगे.

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