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अजमेर : पंडितों ने धार्मिक क्रियाकलापों में आने जाने के लिए जिला कलेक्टर से मांगी अनुमति

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Published : Apr 27, 2021, 3:07 PM IST

शादी ब्याह, जन्म-मरण के लिए पंडितों को घरों से बाहर निकलना पड़ता है. लेकिन बाहर निकलते ही पुलिस पंडितों को रोक कर उनका चालान बना रही है. मामले को लेकर मंगलवार को अजमेर में पंडितों ने आवागमन की अनुमति के तौर पर स्टीकर जारी करने की मांग की है. अपनी मांग को लेकर पंडितों ने जिला कलेक्टर से गुहार लगाई है.

अजमेर हिंदी न्यूज, Corona cases in Rajasthan, आवागमन के लिए मांगी अनुमति
पंडितों ने आवागमन के लिए मांगी जिला कलेक्टर से अनुमति

अजमेर. जन अनुशासन पखवाड़ा के दौरान आवागमन को लेकर पुलिस और प्रशासन और भी सख्त हो गया है. इस सख्ती के बीच जन्म मरण और परण के कार्य भी हो रहे हैं. इन तीनों कार्यों के लिए लोगों को पंडितों की आवश्यकता होती है. लेकिन घर से बाहर निकलते ही पुलिस रोककर चालान बना रही है.

पंडितों ने आवागमन के लिए मांगी जिला कलेक्टर से अनुमति

यही वजह है कि श्री अजयमेरु विप्र पुरोहित्य संस्थान के बैनर तले पंडितों ने जिला कलेक्टर से उन्हें आवागमन की अनुमति प्रदान करने की गुहार लगाई है. कहते हैं कि जनम मरण परण कभी नहीं रुकते. यह विधि का विधान है. इन तीनों ही परिस्थितियों में लोग धार्मिक अनुष्ठान अवश्य करवाते हैं. इसके लिए लोगों को धार्मिक अनुष्ठान करवाने के लिए पंडितों की आवश्यकता होती है. इन दिनों शादी के सावे जोरों पर है. शादियों में अनुष्ठान के लिए पंडितों को आना जाना पड़ता है. जिला प्रशासन विभिन्न आवश्यक सेवाओं में लगे लोगों को उनके वाहनों के लिए अनुमति के तौर पर स्टीकर जारी कर रहा है.

ऐसे में पंडितों ने भी जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित से मिलकर उन्हें भी अनुमति के तौर पर स्टीकर जारी करने की गुहार लगाई है. पंडित अभिषेक शास्त्री ने बताया कि धार्मिक क्रियाकलापों के लिए पंडित जब घर से बाहर निकलते हैं तो पुलिस उन्हें रोक लेती है वजह बताने के बावजूद उनका चालान काट दिया जाता है.

पढ़ें- सांस पर सियासत : गहलोत सरकार के दिल्ली जाने पर सतीश पूनिया ने किया ये कटाक्ष...

उन्होंने बताया कि जन अनुशासन पखवाड़ा की गाइडलाइन के अनुसार मंदिर में श्रद्धालुओं के आने पर पाबंदी है लेकिन पारंपरिक धार्मिक रस्मों और सुबह शाम होने वाली आरती और सेवा की कोई पाबंदी नहीं है. पंडित अभिषेक शास्त्री का आरोप है कि पंडितों को बेवजह चालान काट कर परेशान किया जा रहा है. संस्थान के बैनर के माध्यम से जिला कलेक्टर से आवागमन की अनुमति मांगी गई है. उन्होंने बताया कि उनकी जायज मांग को लेकर समस्त विप्र संगठन उनके समर्थन में है.

अजमेर. जन अनुशासन पखवाड़ा के दौरान आवागमन को लेकर पुलिस और प्रशासन और भी सख्त हो गया है. इस सख्ती के बीच जन्म मरण और परण के कार्य भी हो रहे हैं. इन तीनों कार्यों के लिए लोगों को पंडितों की आवश्यकता होती है. लेकिन घर से बाहर निकलते ही पुलिस रोककर चालान बना रही है.

पंडितों ने आवागमन के लिए मांगी जिला कलेक्टर से अनुमति

यही वजह है कि श्री अजयमेरु विप्र पुरोहित्य संस्थान के बैनर तले पंडितों ने जिला कलेक्टर से उन्हें आवागमन की अनुमति प्रदान करने की गुहार लगाई है. कहते हैं कि जनम मरण परण कभी नहीं रुकते. यह विधि का विधान है. इन तीनों ही परिस्थितियों में लोग धार्मिक अनुष्ठान अवश्य करवाते हैं. इसके लिए लोगों को धार्मिक अनुष्ठान करवाने के लिए पंडितों की आवश्यकता होती है. इन दिनों शादी के सावे जोरों पर है. शादियों में अनुष्ठान के लिए पंडितों को आना जाना पड़ता है. जिला प्रशासन विभिन्न आवश्यक सेवाओं में लगे लोगों को उनके वाहनों के लिए अनुमति के तौर पर स्टीकर जारी कर रहा है.

ऐसे में पंडितों ने भी जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित से मिलकर उन्हें भी अनुमति के तौर पर स्टीकर जारी करने की गुहार लगाई है. पंडित अभिषेक शास्त्री ने बताया कि धार्मिक क्रियाकलापों के लिए पंडित जब घर से बाहर निकलते हैं तो पुलिस उन्हें रोक लेती है वजह बताने के बावजूद उनका चालान काट दिया जाता है.

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उन्होंने बताया कि जन अनुशासन पखवाड़ा की गाइडलाइन के अनुसार मंदिर में श्रद्धालुओं के आने पर पाबंदी है लेकिन पारंपरिक धार्मिक रस्मों और सुबह शाम होने वाली आरती और सेवा की कोई पाबंदी नहीं है. पंडित अभिषेक शास्त्री का आरोप है कि पंडितों को बेवजह चालान काट कर परेशान किया जा रहा है. संस्थान के बैनर के माध्यम से जिला कलेक्टर से आवागमन की अनुमति मांगी गई है. उन्होंने बताया कि उनकी जायज मांग को लेकर समस्त विप्र संगठन उनके समर्थन में है.

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