अजमेर. एमडीएसयू के कॉलेजों में समस्याओं को लेकर विद्यार्थियों ने सोमवार को धरना-प्रदर्शन किया. वहीं, यूनिवर्सिटी के प्रमुख दो अधिकारियों पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए उनका नाले के ऊपर श्राद्ध कर पिंड का विसर्जन कर दिया. विद्यार्थियों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें जल्द ही पूरी नहीं की गई तो समस्त कॉलेजों को बंद करवाया जाएगा.
बता दें कि अजमेर में एमडीएस यूनिवर्सिटी के बाहर विभिन्न कॉलेजों के विद्यार्थियों ने 23 सूत्रीय मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन किया. प्रदर्शन में यूनिवर्सिटी डीएवी जीजीसीए जीसीए लॉ कॉलेज श्रमजीवी कॉलेज के बड़ी संख्या में विद्यार्थी एवं छात्रसंघ के पदाधिकारी मौजूद थे. खास बात यह है कि पूर्व में प्रदर्शन का कार्यक्रम निर्धारित होने के बावजूद यूनिवर्सिटी छात्रसंघ अध्यक्ष रामेश्वर छाबा मौजूद नहीं थे. प्रदर्शन कर रहे विद्यार्थियों ने अपनी मांग को लेकर यूनिवर्सिटी के मुख्य द्वार पर धरना दिया और छात्र-छात्राएं मुख्य द्वार पर ही धरने पर बैठ गए.
इस दौरान रणभेरी और नगाड़े भी बजाए गए. विद्यार्थियों ने मुख्य द्वार से होकर गुजर रहे गंदे नाले पर लगी जाली पर ही श्राद्ध कर्म किया. एमडीएसयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष मोहित जैन का आरोप है कि कुलपति के रिक्त पद रहने से मौजूद अधिकारियों ने तानाशाही अपनाते हुए यूनिवर्सिटी के कामकाज को प्रभावित कर दिया है. इसका खामियाजा विद्यार्थियों को भुगतना पड़ रहा है. जैन ने कहा कि जल्द ही विद्यार्थियों की मांगे नहीं मानी गई तो समस्त कॉलेजों को बंद करवाया जाएगा.
प्रदर्शन के साथ धरना दे रहे विद्यार्थियों ने श्राद्ध कर्म करने के बाद पिंड का विसर्जन भी गंदे नाले में ही कर दिया. डीएवी कॉलेज के छात्रसंघ अध्यक्ष सीताराम चौधरी एवं यूनिवर्सिटी के पूर्व अध्यक्ष लोकेश गोदारा ने यूनिवर्सिटी स्पोर्ट्स बोर्ड पर गंभीर आरोप लगाए. वहीं, स्पोर्ट्स बोर्ड के सचिव दिग्विजय सिंह को हटाने की मांग की. अव्यवस्थाओं से परेशान विद्यार्थी यूनिवर्सिटी प्रशासन की लचर कार्यशैली से काफी नाराज नजर आए.
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यूनिवर्सिटी में धरना और प्रदर्शन के बाद विद्यार्थियों ने यूनिवर्सिटी में घुसने की कोशिश की, जिसे पुलिस ने नाकाम कर दिया. पुलिस ने 10 सदस्य प्रतिनिधिमंडल को ही दिन को राज्यपाल के नाम मांगपत्र सौंपने की अनुमति दी. अव्यवस्थाओं से परेशान विद्यार्थी अजमेर में आंदोलन का रूख अपनाए हुए हैं.