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RPSC कृषि व्याख्याता भर्ती : 27 साल बाद निकली थी भर्ती, काउंसलिंग के 1 साल बाद भी अंतिम सूची नहीं..अभ्यर्थी बने 'मुर्गा'

आरपीएससी ने 27 वर्ष बाद कृषि व्याख्याता की भर्ती आयोजित की थी. लेकिन काउंसलिंग के एक वर्ष बाद भी अंतिम सूची जारी नहीं होने से अभ्यर्थियों के सब्र का बांध टूट गया. विभिन्न जिलों के अभ्यर्थियों ने अजमेर में मुर्गा बनकर प्रदर्शन किया.

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Published : Jul 12, 2021, 5:04 PM IST

Updated : Jul 12, 2021, 5:50 PM IST

अभ्यर्थियों का प्रदर्शन
अभ्यर्थियों का प्रदर्शन

अजमेर. स्कूल व्याख्याता भर्ती परीक्षा 2018 के अंतर्गत कृषि विषय का अंतिम परिणाम जारी करने की मांग को लेकर 1 साल से इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों का सब्र जवाब दे गया है.

बेरोजगारी से परेशान अभ्यार्थी मानसिक रूप से भी त्रस्त हो गए हैं. यही वजह है कि विभिन्न जिलों से आए अभ्यर्थियों ने अजमेर में आरपीएससी कार्यालय से कुछ दूरी पर अर्धनग्न होकर मुर्गा बन कर अनूठा प्रदर्शन किया. अभ्यर्थियों का आरोप है कि आयोग ने 1 वर्ष से उन्हें कोई सकारात्मक जवाब नहीं दिया.

अभ्यर्थियों ने किया 'मुर्गा प्रदर्शन'

अंतिम परिणाम जारी करने की मांग को लेकर ये अभ्यर्थी पिछले 1 वर्ष से आयोग कार्यालय और बीकानेर के चक्कर लगा रहे थे. प्रदर्शनकारी अभ्यर्थी सुभाष पलसानी ने बताया कि परीक्षा 9-10 जनवरी 2020 को हुई थी. 17 जुलाई 2020 को परिणाम आयोग ने जारी किए थे. सितंबर 2020 को सफल अभ्यर्थियों की काउंसलिंग और आवश्यक दस्तावेजों का सत्यापन भी हो चुका है. इसके बाद भी आयोग ने परिणाम की अंतिम सूची जारी नहीं की है.

पढ़ें- KVPY 2021: स्टूडेंट्स को पात्रता में रियायत, बोर्ड एक्जाम के प्रतिशत की बाध्यता खत्म

पलसानी ने बताया कि 27 वर्ष बाद व्याख्याता भर्ती परीक्षा में कृषि व्याख्याता विषय की भर्ती परीक्षा हुई है. प्रदेश के स्कूलों में कृषि व्याख्याता के पद वर्षों से रिक्त हैं. प्रायोगिक परीक्षा के लिए व्याख्याता तक नहीं मिल पाते हैं. उन्होंने बताया कि शिक्षा मंत्री बीकानेर निदेशालय, जयपुर सचिवालय और अजमेर में आरपीएससी कार्यालय के अभ्यार्थी 1 वर्ष से चक्कर लगा रहे हैं.

अभियर्थी शीशपाल बायला ने बताया कि अभ्यर्थी मानसिक रूप से परेशान हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि अपनी मांग को लेकर अभ्यार्थी अब आर-पार की लड़ाई लड़ने को भी तैयार हैं. फिर चाहे उन्हें अपने परिवार और समाज को लेकर आयुक्त कार्यालय के बाहर जमा होना पड़े. उन्होंने बताया कि आयोग की कार्यशैली से परेशान अभ्यर्थियों को मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ रही है. यही वजह है कि अभ्यार्थियों ने आयोग कार्यालय से कुछ दूरी पर अर्धनग्न होकर मुर्गा बन कर प्रदर्शन किया है.

स्कूल व्याख्याता भर्ती 2018 में 20 विषयों की परीक्षा हुई थी. इनमें से अट्ठारह विषयों के अभ्यर्थियों को काउंसलिंग के बाद नौकरी भी मिल चुकी है. 5000 पदों के लिए भर्ती परीक्षा आयोजित की गई थी. इन में जीव विज्ञान और कृषि विज्ञान विषयों के कुल 500 अभ्यार्थी अंतिम परिणाम का इंतजार कर रहे हैं.

अजमेर. स्कूल व्याख्याता भर्ती परीक्षा 2018 के अंतर्गत कृषि विषय का अंतिम परिणाम जारी करने की मांग को लेकर 1 साल से इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों का सब्र जवाब दे गया है.

बेरोजगारी से परेशान अभ्यार्थी मानसिक रूप से भी त्रस्त हो गए हैं. यही वजह है कि विभिन्न जिलों से आए अभ्यर्थियों ने अजमेर में आरपीएससी कार्यालय से कुछ दूरी पर अर्धनग्न होकर मुर्गा बन कर अनूठा प्रदर्शन किया. अभ्यर्थियों का आरोप है कि आयोग ने 1 वर्ष से उन्हें कोई सकारात्मक जवाब नहीं दिया.

अभ्यर्थियों ने किया 'मुर्गा प्रदर्शन'

अंतिम परिणाम जारी करने की मांग को लेकर ये अभ्यर्थी पिछले 1 वर्ष से आयोग कार्यालय और बीकानेर के चक्कर लगा रहे थे. प्रदर्शनकारी अभ्यर्थी सुभाष पलसानी ने बताया कि परीक्षा 9-10 जनवरी 2020 को हुई थी. 17 जुलाई 2020 को परिणाम आयोग ने जारी किए थे. सितंबर 2020 को सफल अभ्यर्थियों की काउंसलिंग और आवश्यक दस्तावेजों का सत्यापन भी हो चुका है. इसके बाद भी आयोग ने परिणाम की अंतिम सूची जारी नहीं की है.

पढ़ें- KVPY 2021: स्टूडेंट्स को पात्रता में रियायत, बोर्ड एक्जाम के प्रतिशत की बाध्यता खत्म

पलसानी ने बताया कि 27 वर्ष बाद व्याख्याता भर्ती परीक्षा में कृषि व्याख्याता विषय की भर्ती परीक्षा हुई है. प्रदेश के स्कूलों में कृषि व्याख्याता के पद वर्षों से रिक्त हैं. प्रायोगिक परीक्षा के लिए व्याख्याता तक नहीं मिल पाते हैं. उन्होंने बताया कि शिक्षा मंत्री बीकानेर निदेशालय, जयपुर सचिवालय और अजमेर में आरपीएससी कार्यालय के अभ्यार्थी 1 वर्ष से चक्कर लगा रहे हैं.

अभियर्थी शीशपाल बायला ने बताया कि अभ्यर्थी मानसिक रूप से परेशान हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि अपनी मांग को लेकर अभ्यार्थी अब आर-पार की लड़ाई लड़ने को भी तैयार हैं. फिर चाहे उन्हें अपने परिवार और समाज को लेकर आयुक्त कार्यालय के बाहर जमा होना पड़े. उन्होंने बताया कि आयोग की कार्यशैली से परेशान अभ्यर्थियों को मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ रही है. यही वजह है कि अभ्यार्थियों ने आयोग कार्यालय से कुछ दूरी पर अर्धनग्न होकर मुर्गा बन कर प्रदर्शन किया है.

स्कूल व्याख्याता भर्ती 2018 में 20 विषयों की परीक्षा हुई थी. इनमें से अट्ठारह विषयों के अभ्यर्थियों को काउंसलिंग के बाद नौकरी भी मिल चुकी है. 5000 पदों के लिए भर्ती परीक्षा आयोजित की गई थी. इन में जीव विज्ञान और कृषि विज्ञान विषयों के कुल 500 अभ्यार्थी अंतिम परिणाम का इंतजार कर रहे हैं.

Last Updated : Jul 12, 2021, 5:50 PM IST
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