अजमेर. देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से पेश किए गए बजट को लेकर रेलकर्मी दिनेश चंद्र शर्मा ने बताया कि मोदी सरकार ने जो बजट पेश किया है. उसमें इनकम टैक्स में आमजन और कर्मचारियों को राहत मिलेगी. जिससे बाजार में खरीदारी बढ़ेगी मार्केट में पैसा आएगा तो लोगों को रोजगार भी मिलेगा.
रेलकर्मी सुरेश बताते हैं कि बजट में निजीकरण पर सरकार का दृढ़ निश्चय है. 150 ट्रेनें पीपीपी मॉडल पर चलाई जाएगी. जिससे आमजन तेजस ट्रेन में सफर करने में असमर्थ रहेगा. ट्रेनों का आयोजन किराया बढ़ेगा. रेलवे कर्मचारियों के लिए पीपीपी मॉडल पर चलने वाली ट्रेन नुकसानदायक है. उन्होंने कहा कि इससे बेहतर ट्रेनें कर्मचारी खुद अपनी मेहनत से चला सकते हैं.
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नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन के अजमेर मंडल अध्यक्ष मोहन चेनानी ने बताया कि देश के विकास में भारतीय रेलवे का महत्वपूर्ण योगदान है. रेलवे को आगे बढ़ाने की उम्मीद बजट से की जा रही थी, लेकिन उसमें हमें निराशा मिली है. चेनानी ने कहा कि सबसे बड़ा नकारात्मक पहलू है कि वर्तमान मे 8 हजार से ज्यादा रेलगाड़ियों को आमजन के लिए सस्ता और सुगम यातायात के साधन के रूप में रेलवे संचालित कर रही है.
सरकार ने इन रेलगाड़ियों में से 1 हजार 1 सौ 50 रेलगाड़ियां पीपीपी मोड पर चलाने का निर्णय बजट में लिया है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि आने वाले वक्त में 20 प्रतिशत रेलगाड़ियां पीपीपी मोड पर चलेगी. उनमें आमजन को सस्ता और सुगम यातायात नहीं मिल पाएगा. इससे निम्न और मध्यम वर्ग के लोगों को परेशानी होगी.
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उन्होंने कहा कि तेजस में ढाई गुना तक किराया वसूला जा रहा है, जबकि भारतीय रेल में भी उनके बराबर ही सुविधाएं यात्रियों को मिल रही है. उन्होंने कहा कि बजट के माध्यम से लिंडोरा पीटने का काम हो रहा है. धरातल पर किसी को सुविधाएं नहीं मिल रही है. बजट से उम्मीद थी कि राष्ट्रीयकरण को बढ़ावा दिया जाएगा और भारतीय रेल की संपदा को बचाने का काम होगा, लेकिन ऐसा नहीं किया गया जिससे हमें निराशा मिली है.
यूनियन के सचिव अरुण गुप्ता ने बताया कि बजट से हमें उम्मीद थी कि पिछले दो-तीन वर्षों से देश में आर्थिक मंदी है. महंगाई और बेरोजगारी का दौर चल रहा है. इसको देखते हुए इस वर्ष का बजट विकास के लिए बेरोजगारी को दूर करने के लिए महंगाई को कम करने के लिए होगा. लेकिन बजट में हर मामले में पीपीपी मोड एफडीआई है. देश की अपनी इकोनामी बनाने की बात नहीं हुई है.
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उन्होंने कहा कि अजमेर में रेलवे के बड़े कारखानों के सुदृढ़ीकरण को लेकर बजट से काफी उम्मीद की जा रही थी. रेलवे के मूलभूत ढांचे को मजबूत करने का काम बजट के माध्यम से होगा, लेकिन बजट में फिर एक बार दिखावे पर ज्यादा ध्यान दिया गया है. पेंशनर्स कर्मचारी गोपाल शर्मा ने बताया कि बजट में सरकार ने पेंशनर को छोड़ दी है. इसका सभी पेंशनर्स सरकार के निर्णय का स्वागत करते हैं.