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अजमेर: निजी स्कूल के खिलाफ अभिभावकों का प्रदर्शन, कहा- फीस देने का लगातार बनाया जा रहा दबाव - protest against private school

अमजेर के निजी स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ाने वाले अभिभावकों ने फीस को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. दरअसल, अभिभावकों का कहना है कि जब ऑनलाइन क्लॉसेज के जरिए बच्चों को ठीक से पढ़ाई नहीं करवाई जा रही है तो किस बात की फीस. इस मामले में प्रदेश के शिक्षा मंत्री को तत्काल हस्ताक्षेप करना चाहिए.

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निजी स्कूलों के खिलाफ अभिभावकों का प्रदर्शन
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Published : Aug 6, 2020, 6:21 PM IST

अजमेर. जहां एक तरफ लगभग पूरे प्रदेश में फीस को लेकर अभिभावक प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं गुरुवार को अजमेर के निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों ने फीस को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. अभिभावकों ने 'नो स्कूल, नो फीस' के बैनर तले वैशाली नगर स्थित निजी स्कूल के बाहर विरोध किया.

निजी स्कूलों के खिलाफ अभिभावकों का प्रदर्शन

अभिभावकों ने कहा कि आखिर लगातार हम लोगों को क्यों परेशान किया जा रहा है. अब ऐसा लग रहा है कि निजी स्कूल माफिया बन चुके हैं, क्योंकि वह अभिभावकों को आए दिन किसी न किसी प्रकार से परेशान करने का बहाना ढूंढ लेते हैं.

यह भी पढ़ेंः प्राइवेट स्कूल संचालकों की ओर फीस जमा कराने को लेकर दबाव, सड़कों पर उतरे अभिभावक

वहां मौजूद अन्य अभिभावकों ने कहा कि जिस तरह से पहले स्कूलों में मोबाइल ले जाने पर प्रतिबंध था, लेकिन अब उस मोबाइल के जरिए ही बच्चों की पढ़ाई करवाई जा रही है. आंधे घंटे की ऑनलाइन क्लॉस में बच्चे कुछ भी नहीं समझ पा रहे हैं. वहीं स्कूल प्रशासन फीस को लेकर अभिभावकों पर दबाव भी बनाता है, जिससे परेशान होकर हम लोगों ने स्कूल प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

यह भी पढ़ेंः जयपुर: फीस माफी को लेकर अभिभावकों का निजी स्कूलों के खिलाफ प्रदर्शन

अभिभावकों ने जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना के चलते उनके काम धंधे भी बंद हो चुके हैं. ऐसे में उन्हें परिवार चलाना भी मुश्किल हो रहा है और ऊपर से स्कूल संचालक मनमानी कर रहे हैं. इतना ही नहीं फोन पर मैसेज के जरिए फीस लेने का दबाव बनाया जा रहा है, जिसे हम लोग कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे. अभिभावकों का यह भी कहना है कि यदि हम लोगों को ऐसे परेशान किया जाता रहा तो उग्र आंदोलन भी कर सकते हैं, जिसकी जिम्मेदारी स्कूल प्रशासन की होगी.

शिक्षा मंत्री इस पूरे मामले में करें हस्ताक्षेप

वहीं अभिभावकों का कहना है कि राजस्थान सरकार के शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा इस मामले में अपना हस्ताक्षेप करें. क्योंकि कोरोना काल में भी अभिभावकों को परेशान किया जा रहा है. जबकि शिक्षा मंत्री ने यह साफ कह दिया गया था कि जब तक स्कूलों को नहीं खोला जाएगा, तब तक निजी स्कूल संचालक अभिभावकों पर फीस लेने का दबाव नहीं बनाएंगे. बावजूद, उसके भी निजी स्कूल संचालक मनमाने तरीके से फीस लेने का दबाव बना रहे हैं.

अजमेर. जहां एक तरफ लगभग पूरे प्रदेश में फीस को लेकर अभिभावक प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं गुरुवार को अजमेर के निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों ने फीस को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. अभिभावकों ने 'नो स्कूल, नो फीस' के बैनर तले वैशाली नगर स्थित निजी स्कूल के बाहर विरोध किया.

निजी स्कूलों के खिलाफ अभिभावकों का प्रदर्शन

अभिभावकों ने कहा कि आखिर लगातार हम लोगों को क्यों परेशान किया जा रहा है. अब ऐसा लग रहा है कि निजी स्कूल माफिया बन चुके हैं, क्योंकि वह अभिभावकों को आए दिन किसी न किसी प्रकार से परेशान करने का बहाना ढूंढ लेते हैं.

यह भी पढ़ेंः प्राइवेट स्कूल संचालकों की ओर फीस जमा कराने को लेकर दबाव, सड़कों पर उतरे अभिभावक

वहां मौजूद अन्य अभिभावकों ने कहा कि जिस तरह से पहले स्कूलों में मोबाइल ले जाने पर प्रतिबंध था, लेकिन अब उस मोबाइल के जरिए ही बच्चों की पढ़ाई करवाई जा रही है. आंधे घंटे की ऑनलाइन क्लॉस में बच्चे कुछ भी नहीं समझ पा रहे हैं. वहीं स्कूल प्रशासन फीस को लेकर अभिभावकों पर दबाव भी बनाता है, जिससे परेशान होकर हम लोगों ने स्कूल प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

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अभिभावकों ने जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना के चलते उनके काम धंधे भी बंद हो चुके हैं. ऐसे में उन्हें परिवार चलाना भी मुश्किल हो रहा है और ऊपर से स्कूल संचालक मनमानी कर रहे हैं. इतना ही नहीं फोन पर मैसेज के जरिए फीस लेने का दबाव बनाया जा रहा है, जिसे हम लोग कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे. अभिभावकों का यह भी कहना है कि यदि हम लोगों को ऐसे परेशान किया जाता रहा तो उग्र आंदोलन भी कर सकते हैं, जिसकी जिम्मेदारी स्कूल प्रशासन की होगी.

शिक्षा मंत्री इस पूरे मामले में करें हस्ताक्षेप

वहीं अभिभावकों का कहना है कि राजस्थान सरकार के शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा इस मामले में अपना हस्ताक्षेप करें. क्योंकि कोरोना काल में भी अभिभावकों को परेशान किया जा रहा है. जबकि शिक्षा मंत्री ने यह साफ कह दिया गया था कि जब तक स्कूलों को नहीं खोला जाएगा, तब तक निजी स्कूल संचालक अभिभावकों पर फीस लेने का दबाव नहीं बनाएंगे. बावजूद, उसके भी निजी स्कूल संचालक मनमाने तरीके से फीस लेने का दबाव बना रहे हैं.

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