अजमेर. राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की तरफ से विज्ञान वर्ग का परिणाम बुधवार को घोषित किया गया. जिसमें शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा राजस्थान बोर्ड पहुंचे. शिक्षा मंत्री ने 12 वीं बोर्ड का परिणाम जारी किया. जैसे ही अभिभावकों को जानकारी मिली कि शिक्षा मंत्री अजमेर पहुंच रहे हैं तो राजस्थान बोर्ड कार्यालय के बाहर निजी शिक्षण संस्थान के अध्यक्ष सहित स्कूली अभिभावक जमघट लगा कर खड़े हो गए.
शिक्षा मंत्री का लगभग 2 घंटे तक इंतजार कर रहे अभिभावकों को पहले तो पुलिस ने खदेड़ दिया. उसके बाद अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र कुमार भाटी और डिप्टी अनिल सोनी ने मिलने वाले लोगों में से एक-एक व्यक्ति को मंत्री जी से मिलने बुलाया. अभिभावकों ने कहा कि निजी स्कूल उनसे मनमानी फीस वसूल कर रहे हैं. मंत्री ने आदेश तो जारी कर दिया गया, लेकिन अभी तक केवल स्थगित करने के आदेश जारी किए गए हैं. जिस पर अभिभावकों को संशय है. उनका कहना है कि 3 महीने फीस नहीं लेंगे. लेकिन आखिर क्या बाद में फीस ली जाएगी. इस पर मंत्री जी स्पष्टीकरण करें.
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वहीं निजी शिक्षण संस्थान के अध्यक्ष कैलाश शर्मा ने भी शिक्षा मंत्री से मुलाकात की. शर्मा ने मंत्री से निजी स्कूल फीस संबंधी मामले में बातचीत की. अगर निजी स्कूल अभिभावकों से फीस नहीं लेंगे तो राज्य सरकार निजी स्कूलों को भी राहत देने का कार्य करे. अगर वह ऐसा नहीं करेंगे तो निजी शिक्षण संस्थान उनका विरोध करेंगे, लेकिन शिक्षा मंत्री डटोसरा ने निजी शिक्षण संस्थान के अध्यक्ष कैलाश शर्मा को साफ तौर पर बोला कि स्कूल नहीं खुलेंगे तो फिर किस बात की किसी भी अभिभावकों से फीस नहीं ली जाएगी. अब ऐसे में निजी शिक्षण संस्थान मंत्री के खिलाफ विरोध में उतर सकते हैं.
मंत्री जी कर रहे हैं वोट की राजनीति
निजी शिक्षण संस्थान के अध्यक्ष कैलाश शर्मा ने कहा कि मंत्रीजी अभिभावकों व निजी शिक्षण संस्थानों को आपस में उलझा रहे हैं. किसी भी तरह का कोई भी स्पष्टीकरण वो नहीं दे रहे हैं. आखिर यह क्या वोट की राजनीति है कि मंत्री जी किसी भी मामले को लेकर स्पष्ट नहीं बोल रहे. निजी शिक्षण संस्थान के अध्यक्ष शर्मा ने कहा कि मंत्री जी के इस बयान का विरोध किया जाएगा कि निजी शिक्षण संस्थान नहीं खुलने पर किसी भी अभिभावक से फीस नहीं ली जाए.