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घूसखोर OS सहीराम : ACB कोर्ट ने 8 दिसंबर तक आरोपी को भेजा न्यायिक अभिरक्षा में... - Arrested with 40 Thousand Rupees

राजस्थान में अजमेर एसीबी इकाई (Ajmer ACB Court) के हत्थे चढ़े कार्यालय अजमेर रेल प्रबंधक के ओएस सहीराम मीणा (Office Superintendent) को बुधवार को एसीबी कोर्ट (ACB Court) में पेश किया गया. पेशी पर जाते वक्त बातचीत में आरोपी सहीराम मीणा (os of DRM Office) ने परिवादी पर उसे झूठा फंसाने का आरोप लगाया है.

ACB in Action
घूसखोर OS सहीराम
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Published : Nov 24, 2021, 5:16 PM IST

अजमेर. आरोपी मीणा का आरोप है कि परिवादी के स्थानांतरण का कोई मामला नहीं था, बल्कि वरिष्ठता का मामला लंबित था. आरोपी को कोर्ट ने न्यायिक अभिरक्षा में भेजा है. अजमेर एसीबी इकाई (Ajmer ACB) के मुताबिक मंगलवार को रेल मंडल प्रबंधक के ओएस सहीराम मीणा (OS of DRM office) को 40 हजार रुपये (Arrested with 40 Thousand Rupees) की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था. आरोपी सहीराम मीणा के खिलाफ परिवादी एक रेलकर्मी ने एसीबी को शिकायत दी थी.

परिवादी ने एसीबी को बताया कि ओएस सहीराम मीणा स्थानांतरण (Bribe for Transfer) की एवज में 1 लाख रुपये की डिमांड कर रहा है. इसमें 40 हजार रुपये परिवादी आरोपी को दे चुका है, जबकि शेष राशि के लिए आरोपी सहीराम मीणा उसे परेशान कर रहा है. शिकायत का सत्यापन करने के बाद मंगलवार को एसीबी ने परिवादी से 40 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था.

ACB कोर्ट ने 8 दिसंबर तक आरोपी को भेजा न्यायिक अभिरक्षा में...

एसीबी की गिरफ्त में आए आरोपी सहीराम मीणा ने बातचीत में बताया कि परिवादी से यूनियन सचिव को लेकर विवाद था. आरोपी मीणा ने बताया कि वह ऑल इंडिया रेलवे एसटी-एससी कर्मचारी यूनियन का मंडल सचिव है. यूनियन में परिवादी सचिव बनना चाहता हूं. सहीराम ने आगे बताया कि परिवादी का स्थानांतरण को लेकर कोई मामला नहीं था, बल्कि वरिष्ठता को लेकर उसका मामला लंबित था.

पढ़ें : ACB In Action : अजमेर रेल मंडल प्रबंधक कार्यालय का OS 40 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार

वरिष्ठता दिलवाने को लेकर वह उसके पीछे पड़ा हुआ था. यही वजह है कि उसने अपने एक साथी के साथ मिलकर उसे फंसाया है. इधर लोक अभियोजक एसएन चितारा ने बताया कि आरोपी सहीराम मीणा को एसीबी कोर्ट (ACB Court) में पेश किया गया, जहां से उसे 8 दिसंबर तक न्यायिक अभिरक्षा में भेजा है. अजमेर एसीबी इकाई के अतिरिक्त अधीक्षक सतनाम सिंह ने बताया कि आरोपी के घर, कार्यालय और अन्य ठिकानों की तलाशी में कुछ दस्तावेज और हिसाब-किताब के रिकॉर्ड मिले हैं. एसीबी आय से अधिक संपत्ति के मामले में भी जांच कर रही है.

अजमेर. आरोपी मीणा का आरोप है कि परिवादी के स्थानांतरण का कोई मामला नहीं था, बल्कि वरिष्ठता का मामला लंबित था. आरोपी को कोर्ट ने न्यायिक अभिरक्षा में भेजा है. अजमेर एसीबी इकाई (Ajmer ACB) के मुताबिक मंगलवार को रेल मंडल प्रबंधक के ओएस सहीराम मीणा (OS of DRM office) को 40 हजार रुपये (Arrested with 40 Thousand Rupees) की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था. आरोपी सहीराम मीणा के खिलाफ परिवादी एक रेलकर्मी ने एसीबी को शिकायत दी थी.

परिवादी ने एसीबी को बताया कि ओएस सहीराम मीणा स्थानांतरण (Bribe for Transfer) की एवज में 1 लाख रुपये की डिमांड कर रहा है. इसमें 40 हजार रुपये परिवादी आरोपी को दे चुका है, जबकि शेष राशि के लिए आरोपी सहीराम मीणा उसे परेशान कर रहा है. शिकायत का सत्यापन करने के बाद मंगलवार को एसीबी ने परिवादी से 40 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था.

ACB कोर्ट ने 8 दिसंबर तक आरोपी को भेजा न्यायिक अभिरक्षा में...

एसीबी की गिरफ्त में आए आरोपी सहीराम मीणा ने बातचीत में बताया कि परिवादी से यूनियन सचिव को लेकर विवाद था. आरोपी मीणा ने बताया कि वह ऑल इंडिया रेलवे एसटी-एससी कर्मचारी यूनियन का मंडल सचिव है. यूनियन में परिवादी सचिव बनना चाहता हूं. सहीराम ने आगे बताया कि परिवादी का स्थानांतरण को लेकर कोई मामला नहीं था, बल्कि वरिष्ठता को लेकर उसका मामला लंबित था.

पढ़ें : ACB In Action : अजमेर रेल मंडल प्रबंधक कार्यालय का OS 40 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार

वरिष्ठता दिलवाने को लेकर वह उसके पीछे पड़ा हुआ था. यही वजह है कि उसने अपने एक साथी के साथ मिलकर उसे फंसाया है. इधर लोक अभियोजक एसएन चितारा ने बताया कि आरोपी सहीराम मीणा को एसीबी कोर्ट (ACB Court) में पेश किया गया, जहां से उसे 8 दिसंबर तक न्यायिक अभिरक्षा में भेजा है. अजमेर एसीबी इकाई के अतिरिक्त अधीक्षक सतनाम सिंह ने बताया कि आरोपी के घर, कार्यालय और अन्य ठिकानों की तलाशी में कुछ दस्तावेज और हिसाब-किताब के रिकॉर्ड मिले हैं. एसीबी आय से अधिक संपत्ति के मामले में भी जांच कर रही है.

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