अजमेर. जिले के जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में राजस्थान नर्सिंग एसोसिएशन के रविवार को होने वाले चुनावों का अस्पताल के नर्सिंग कर्मचारियों के एक गुट ने विरोध शुरू कर दिया है. विरोधी गुट के नर्सिंग कर्मियों ने शनिवार को कैजुअल्टी के बाहर चुनाव के विरोध में जमकर प्रदर्शन कर चुनाव को लोकतंत्र के विरुद्ध बताया है. साथ ही और चुनाव रद्द करने की मांग शुरू कर दी है.
जबकि दूसरी और चुनाव मैदान में डटे उम्मीदवारों का कहना है कि जो लोग चुनाव का विरोध कर रहे हैं, वह लोकतंत्र विरोधी है. साथ ही लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत रविवार को होने वाले एसोसिएशन के जिला इकाई के चुनाव को गलत आरोप लगाकर रद्द करने की नाजायज मांग कर रहे हैं.
पढ़ेंः सूचना सहायक भर्ती-2018 में अनियमितता पर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब
राजस्थान नर्सिंग भर्ती 2018 संघर्ष समिति के प्रदेश संयोजक पवन कुमार मीणा ने बताया कि इस बार चुनाव गलत तरीके से और असंवैधानिक तरीके से आयोजित कराने पर एक गुट आमादा है. उनका कहना है कि चुनाव के लिए जारी मतदाता सूची में कई खामियां हैं. सूची में मतदाताओं के नाम के आगे सरनेम अंकित नहीं किया गया है. जिसके अलावा कई मतदाताओं के पिता का नाम भी अंकित नहीं किया गया है और मतदाता क्रमांक अंकित नहीं किया गया है. जिसके चलते फर्जी मतदान होना निश्चित है.
विरोधी गुट का कहना है कि यह चुनाव लोकतांत्रिक तरीके से कराया जा रहा है जिसे तुरंत रोका नहीं गया तो लोकतंत्र पर कुठाराघात होगा. साथ ही उमीदवारों का कहना है कि चुनाव का विरोध करने वाले मुट्ठीभर नर्सिंग कर्मचारी हैं. जो इस अस्पताल में हमेशा से ही लोकतंत्र प्रक्रिया के विरोधी रहे हैं और कभी जातिवाद तो कभी धर्म के राजनीतिक कर अस्पताल का माहौल बिगाड़ने पर हमेशा आमादा रहते हैं.
पढ़ेंः CID क्राइम ब्रांच ने 30 लाख रुपए की प्रतिबंधित खैर की लकड़ी के साथ दो तस्करों को पकड़ा
चुनाव मैदान के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार गंगाशरण जाटव ने बताया कि अस्पताल के नर्सिंग कर्मचारी को रसीद कटवाने का काफी समय दिया गया था. लेकिन कई नर्सिंग कर्मचारियों ने जानबूझकर रसीदें नहीं कटवाई और वोटिंग लिस्ट में नाम नहीं आने के कारण विरोध का स्वर तेज हो रहा है.
नर्सिंग एसोसिएशन के चुनाव में कुल वोटर्स 1258-
बता दें कि अस्पताल में कुल 1258 नर्सिंग कर्मचारी है. जिनमें केवल 710 नर्सिंग कर्मचारियों के नाम ही वोटिंग लिस्ट में शामिल होने का आरोप सामने आ रहा है. जहां कर्मचारी विरोध कर रहे हैं, उनमें ज्यादातर लोगों के नाम वोटिंग लिस्ट में नहीं है. विरोधी पक्ष का कहना है कि अस्पताल के कुछ लोगों ने बंद कमरे में बैठकर चुनाव कराने का ही निर्णय कर लिया है. नरसिंह कर्मचारियों ने इसे गलत करार दिया है.