अजमेर. दिल्ली से आए वाइल्ड आई इंडिया एनजीओ के सदस्यों द्वारा रविवार को वन्य जीव अधिनियम के तहत प्रतिबंधित जीवों के अवशेषों को बेचने और खरीदने के विरुद्ध बोगस ग्राहक बनकर जब खरीद-फरोख्त की गई तो चौंकाने वाले खुलासे सामने आए. एनजीओ टीम को अजमेर में पंसारियों की दुकानों पर धड़ल्ले से प्रतिबंधित जीवों के अंग बेचने की जानकारी मिली तो उन्होंने वन विभाग को कार्रवाई करने के लिए सूचित किया.
इस पर उप वन संरक्षक सुनील चिन्द्री और सहायक वन संरक्षक नरेंद्र सिंह शेखावत ने तत्काल निर्देश देकर अपनी टीम के साथ रवाना किया. सबसे पहले केसरगंज शिव मंदिर के पीछे चोर बनिये की दुकान पर टीम ने कार्रवाई को अंजाम दिया. जहां बारहसिंघा के सीग, हथजोड़ और इंद्रजाल जैसे प्रतिबंधित अवशेष बरामद हुए. इस पर दुकान संचालक राजकुमार जैन को गिरफ्तार कर लिया गया. इसके बाद टीम नया बाजार स्थित गुलाबचंद लादू राम अतार और चंद्र नारायण नरेंद्र कुमार भंडारी की दुकान पर पहुंची.
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जहां बोगस ग्राहक ने प्रतिबंधित जीवों की डिमांड की तो उन्हें सहज उपलब्ध करा दिए गए. तत्काल टीम ने दोनों दुकानों पर कार्रवाई कर बारहसिंगा के सींग, हथजोड़, इंद्रजाल और लिजर्ड पाउडर सहित कई प्रतिबंधित जीव अंगों को बरामद कर गुलाबचंद लादू राम अतार की दुकान से आयुष अग्रवाल को और भंडारी की दुकान से राजेश सहित दो नौकरों को गिरफ्तार कर लिया. नया बाजार में अचानक हुई वन विभाग की इस कार्रवाई से हड़कंप मच गया और बाजार में लोगों की भारी-भीड़ जमा हो गई. सोमवार को कार्यवाहक क्षेत्रीय वन अधिकारी राकेश मालाकर ने बताया, लंबे समय से पंसारी की दुकान पर प्रतिबंधित जीवों के अंग बेचने की शिकायत मिल रही थी. इस पर रविवार को एनजीओ टीम द्वारा दी गई सूचना के आधार पर कार्रवाई को अंजाम दिया गया है.
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पकड़े गए आरोपियों से बड़ी संख्या में प्रतिबंधित जीवों के अवशेष बरामद किए गए हैं, जिन्हें सोमवार को देहरादून स्थित लैब में वन्य जीवों से डीएनए मिलान के लिए भेजा गया है. वहीं पकड़े गए समस्त दुकानदारों को फिलहाल बयान लेने के बाद मुचलके पर छोड़ा गया है. पंसारियों की दुकान पर मिले अवशेष किस प्रतिबंधित जीव के हैं. इसकी देहरादून की लैब से रिपोर्ट आने के बाद ही आरोपियों के विरुद्ध वन्यजीव अधिनियम के तहत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.