अजमेर. राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन (NUHM) प्रबंधकीय संविदाकर्मियों ने स्थायीकरण की मांग उठाई है. संविदाकर्मियों का आरोप है कि वर्तमान की गहलोत सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले NUHM संविदाकर्मियों से सरकार बनने पर उन्हें स्थाई करने का वादा किया था, लेकिन सरकार बनने के बाद भी वादा पूरा नहीं किया गया.
NUHM के तहत कार्यरत संविदाकर्मी गरिमा ने बताया कि प्रदेश में 900 और अजमेर में 22 एनयूएचएम संविदाकर्मी हैं. राज्य सरकार की ओर से नियमितीकरण तो दूर की बात संविदा कर्मचारियों के मानदेय संशोधन कर सम्मान जनक मानदेय भी नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकारी स्तर पर स्थायीकरण के लिए समिति बनाई गई है. समिति कब तक निर्णय लेगी यह स्पष्ट नहीं है, लेकिन तब तक मानदेय बढ़ाकर राहत दी जा सकती है.
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उन्होंने बताया कि अल्प मानदेय में संविदाकर्मी पूरी लगन और निष्ठा के साथ अपना काम कर रहे हैं. संविदाकर्मी बसंत राजोरिया ने बताया कि एनयूएचएम संविदाकर्मियों के स्थायीकरण को लेकर कोई संज्ञान नहीं लिया जा रहा है. एनयूएचएम शहरी क्षेत्र के प्रबंधकीय कर्मचारियों को हमेशा ही सरकार द्वारा अनदेखा किया जाता रहा है. जबकि इन प्रबंधकीय संविदा कर्मचारियों ने हर परिस्थिति में स्वास्थ्य विभाग के समस्त महत्वपूर्ण कार्य 8 से 10 हजार के अल्प मानदेय में पूरी निष्ठा से किए जाते रहे हैं.