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कर्फ्यू एरिया में अब पास लेना आसान नहीं, ऑनलाइन विकल्प भी फेल...अस्पताल की स्क्रीनिंग रिपोर्ट जरूरी

अजमेर के कई क्षेत्रों में राज्य सरकार ने लॉकडाउन में छूट दी है. लेकिन अब भी कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां लोगों को आवश्यक कार्य होने पर ही बाहर निकलने की स्वीकृति है. ऐसे कौन से क्षेत्र हैं जहां सरकार ने दी लोगों को राहत और कौन से क्षेत्र ऐसे हैं जहां अब भी लोगों को रहना है पाबंद में. पढ़े इसे ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट में.

अजमेर का कर्फ्यू ग्रस्त क्षेत्र, Ajmer curfew affected area
कर्फ्यू एरिया में अब पास लेना आसान नहीं
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Published : May 23, 2020, 8:11 PM IST

अजमेर. कोरोना महामारी के चलते किये गए लॉकडाउन को लंबा वक्त बीत चुका है. सरकार ने लॉकडाउन 4 में कई राहत दी है. लेकिन कर्फ्यू ग्रस्त क्षेत्रों में छूट का लाभ लोगों को नहीं मिलेगा. ऐसे में कर्फ्यू क्षेत्र के लोगों को आवश्यक कार्य होने पर ही बाहर निकलने की स्वीकृति है.

कर्फ्यू एरिया में अब पास लेना आसान नहीं

क्या हैं बाहर निकलने के नियम

लॉकडाउन 4 के साथ ही राज्य सरकार ने कई तरह की छूट लोगों को दी है. राजस्थान में एक जिले से दूसरे जिले में जाने को लेकर किसी तरह की कोई पाबंदी अब नहीं है. सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक व्यक्ति अपने निजी वाहन से यात्रा कर सकता है. इसके लिए किसी प्रकार की प्रशासनिक स्वीकृति की आवश्यकता नहीं है. लेकिन इस दौरान व्यक्ति को जारी गाइडलाइन के निर्देशों का पालन करना होगा. दुपहिया वाहन पर एक और चौपहिया वाहन में तीन सवारी बैठाने की स्वीकृति दी गई है. लेकिन, इस दौरान मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग की पालना भी करनी होगी.

क्या हाल है कर्फ्यू ग्रस्त इलाकों के नियम

कर्फ्यु ग्रस्त क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए अभी भी नियमों की जटिलता को पार करने की चुनौती है. पहली बात तो कर्फ्यू क्षेत्र में घर से बाहर नहीं निकल सकते. लेकिन, किसी को बाहर जाना है तो पहले क्षेत्र में ड्यूटी पर लगे पुलिसकर्मी से संपर्क करके कर्फ्यू क्षेत्र से बाहर जाने का सही कारण बताना होगा. इसके बाद पुलिसकर्मी नागरिक के बाहर निकलने के कारण की जानकारी संबंधित थानों को देंगे. मसलन यदि बाहर यात्रा के लिए नागरिक को पास की जरूरत है तो पहले उसे जेएलएन अस्पताल में जाकर स्क्रीनिंग करवानी होगी. तत्त्पश्चात एडीएम सिटी कार्यालय में एप्लिकेशन के साथ अस्पताल की स्क्रीनिंग रिपोर्ट देनी होगी. साथ ही वाहन की आरसी और लाइसेंस की प्रति भी आवेदन के साथ लगानी होगी.

अजमेर का कर्फ्यू ग्रस्त क्षेत्र, Ajmer curfew affected area
कर्फ्यू एरिया में अब पास लेना आसान नहीं

पढ़ेंः शादी का झांसा देकर महिला का यौन शोषण, मामला दर्ज होने के 2 महीने बाद भी नहीं हुई कार्रवाई

अजमेर एसपी कुंवर राष्ट्रदीप की माने तो जिले में कर्फ्यू क्षेत्र का दायरा पहले की अपेक्षा कम किया गया है. हालांकि, दरगाह क्षेत्र में कर्फ्यू क्षेत्र बड़ा है. क्योंकि इसी क्षेत्र से सबसे अधिक कोरोना संक्रमित मरीज सामने आए हैं. उन्होंने बताया कि कर्फ्यू क्षेत्र के लोग यात्रा पास के लिए ई-मित्र पर ऑनलाइन भी आवेदन कर सकते हैं. लेकिन, स्क्रीनिंग के लिए उन्हें अस्पताल आना पड़ेगा. वहीं वाट्सएप या अन्य विकल्पों के आधार पर भी पास के लिये आवेदन नही किया जा सकता.

इधर कर्फ्यू ग्रस्त क्षेत्रों से पास की स्वीकृति के लिए लोग एडीएम सिटी कार्यालय के चक्कर लगाते रहते हैं. कई लोग10 दिन से बाहर जाने के लिए प्रशासन से स्वीकृति मांग रहे हैं, और स्वीकृति मिलने की उम्मीद में हर रोज कर्फ्यू ग्रस्त क्षेत्र से आ रहे हैं.

अजमेर का कर्फ्यू ग्रस्त क्षेत्र, Ajmer curfew affected area
कर्फ्यू एरिया में अब पास लेना आसान नहीं

पढ़ेंः अलवरः ईट भट्टे के मुनीम ने मजदूरों से की मारपीट

ईटीवी भारत ने कर्फ्यू ग्रस्त क्षेत्र के लोगों को दिए जाने वाले पास के मामलों की पड़ताल की तो सामने आया की पास को पाना किसी चुनौती से कम नहीं है. अंदरकोट में रहकर चूड़ी बनाने का काम कर रहें 40 लोग अपने घर बिहार के कटिहार जिले में जाना चाहते हैं. इन्होंने ई-मित्र ऐप के माध्यम से पंजीयन भी करा लिया हैं. बावजूद इसके अजमेर से बिहार जाने वाली श्रमिक ट्रेन में उन्हें जाने का मौका नहीं मिला. अब सभी लोग अपने निजी साधन से बिहार जाना चाहते हैं.

अजमेर. कोरोना महामारी के चलते किये गए लॉकडाउन को लंबा वक्त बीत चुका है. सरकार ने लॉकडाउन 4 में कई राहत दी है. लेकिन कर्फ्यू ग्रस्त क्षेत्रों में छूट का लाभ लोगों को नहीं मिलेगा. ऐसे में कर्फ्यू क्षेत्र के लोगों को आवश्यक कार्य होने पर ही बाहर निकलने की स्वीकृति है.

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क्या हैं बाहर निकलने के नियम

लॉकडाउन 4 के साथ ही राज्य सरकार ने कई तरह की छूट लोगों को दी है. राजस्थान में एक जिले से दूसरे जिले में जाने को लेकर किसी तरह की कोई पाबंदी अब नहीं है. सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक व्यक्ति अपने निजी वाहन से यात्रा कर सकता है. इसके लिए किसी प्रकार की प्रशासनिक स्वीकृति की आवश्यकता नहीं है. लेकिन इस दौरान व्यक्ति को जारी गाइडलाइन के निर्देशों का पालन करना होगा. दुपहिया वाहन पर एक और चौपहिया वाहन में तीन सवारी बैठाने की स्वीकृति दी गई है. लेकिन, इस दौरान मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग की पालना भी करनी होगी.

क्या हाल है कर्फ्यू ग्रस्त इलाकों के नियम

कर्फ्यु ग्रस्त क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए अभी भी नियमों की जटिलता को पार करने की चुनौती है. पहली बात तो कर्फ्यू क्षेत्र में घर से बाहर नहीं निकल सकते. लेकिन, किसी को बाहर जाना है तो पहले क्षेत्र में ड्यूटी पर लगे पुलिसकर्मी से संपर्क करके कर्फ्यू क्षेत्र से बाहर जाने का सही कारण बताना होगा. इसके बाद पुलिसकर्मी नागरिक के बाहर निकलने के कारण की जानकारी संबंधित थानों को देंगे. मसलन यदि बाहर यात्रा के लिए नागरिक को पास की जरूरत है तो पहले उसे जेएलएन अस्पताल में जाकर स्क्रीनिंग करवानी होगी. तत्त्पश्चात एडीएम सिटी कार्यालय में एप्लिकेशन के साथ अस्पताल की स्क्रीनिंग रिपोर्ट देनी होगी. साथ ही वाहन की आरसी और लाइसेंस की प्रति भी आवेदन के साथ लगानी होगी.

अजमेर का कर्फ्यू ग्रस्त क्षेत्र, Ajmer curfew affected area
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अजमेर एसपी कुंवर राष्ट्रदीप की माने तो जिले में कर्फ्यू क्षेत्र का दायरा पहले की अपेक्षा कम किया गया है. हालांकि, दरगाह क्षेत्र में कर्फ्यू क्षेत्र बड़ा है. क्योंकि इसी क्षेत्र से सबसे अधिक कोरोना संक्रमित मरीज सामने आए हैं. उन्होंने बताया कि कर्फ्यू क्षेत्र के लोग यात्रा पास के लिए ई-मित्र पर ऑनलाइन भी आवेदन कर सकते हैं. लेकिन, स्क्रीनिंग के लिए उन्हें अस्पताल आना पड़ेगा. वहीं वाट्सएप या अन्य विकल्पों के आधार पर भी पास के लिये आवेदन नही किया जा सकता.

इधर कर्फ्यू ग्रस्त क्षेत्रों से पास की स्वीकृति के लिए लोग एडीएम सिटी कार्यालय के चक्कर लगाते रहते हैं. कई लोग10 दिन से बाहर जाने के लिए प्रशासन से स्वीकृति मांग रहे हैं, और स्वीकृति मिलने की उम्मीद में हर रोज कर्फ्यू ग्रस्त क्षेत्र से आ रहे हैं.

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ईटीवी भारत ने कर्फ्यू ग्रस्त क्षेत्र के लोगों को दिए जाने वाले पास के मामलों की पड़ताल की तो सामने आया की पास को पाना किसी चुनौती से कम नहीं है. अंदरकोट में रहकर चूड़ी बनाने का काम कर रहें 40 लोग अपने घर बिहार के कटिहार जिले में जाना चाहते हैं. इन्होंने ई-मित्र ऐप के माध्यम से पंजीयन भी करा लिया हैं. बावजूद इसके अजमेर से बिहार जाने वाली श्रमिक ट्रेन में उन्हें जाने का मौका नहीं मिला. अब सभी लोग अपने निजी साधन से बिहार जाना चाहते हैं.

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