अजमेर. शहर में सीएए, एनआरसी और एनपीआर का विरोध डेढ़ माह से लगातार जारी है. इसके विरोध में पिछले 6 दिन से गांधी भवन पर लोगों ने पड़ाव डाल रखा है. वहीं मंगलवार को मुस्लिम समाज की सैकड़ों महिलाएं सीएए, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में सड़कों पर निकल पड़ी.
गांधी भवन चौराहे से रैली के रूप में सैकड़ों महिलाएं जिला मुख्यालय पहुंचे. जहां उन्होंने जमकर विरोध प्रदर्शन किया. मुस्लिम महिलाओं ने सीएए, एनआरसी और एनपीआर कानून को वापस लेने की मोदी सरकार से मांग की है. इसके तहत उन्होंने जिला कलेक्टर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम भी ज्ञापन सौंपा है. महिलाओं के प्रदर्शन में बड़ी संख्या में युवा और विभिन्न मुस्लिम संगठनों के पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी मौजूद थे.
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रैली को देखते हुए जिला मुख्यालय पर पुलिस ने सुरक्षा की दृष्टि से पहले से ही कड़े इंतजाम कर रखे थे. विरोध-प्रदर्शन में शामिल कौशल चिश्ती ने बताया कि महिलाएं और सभी समाज के लोग यहां सरकार को यह बताने के लिए एकत्रित हुए हैं कि सरकार हमारे भविष्य का निश्चय नहीं कर सकती. यह अधिकार देश के नागरिकों को प्राप्त है. संविधान में भी यही बात कही गई है, सरकार हमारा भविष्य तय नहीं कर सकती. इसलिए हम यह दिखाने आए हैं कि जनता में कितनी ताकत है.
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उन्होंने कहा कि सरकार सीएए, एनआरसी और एनपीआर वापस लें यह हमारा निवेदन है और यदि सरकार नहीं मानती है, तो हर बच्चा-बच्चा इसके खिलाफ रोड पर दिखेगा. महिला हिना खान ने बताया कि गांधी भवन से कलेक्ट्रेट तक रैली निकाली गई है. गांधी भवन पर 13 फरवरी से पड़ाव जारी है. आगे भी इसी तरह से विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा.