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वासुदेव देवनानी का आरोप, कहा- अजमेर चिकित्सा मंत्री का गृह जिला होने पर भी उपेक्षित

राजस्थान के चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा का गृह जिला अजमेर होने के बावजूद भी यह उपेक्षित है. यह आरोप है पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी का.

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ईटीवी भारत से खास बातचीत में देवनानी
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Published : Apr 23, 2020, 2:53 PM IST

अजमेर. ईटीवी भारत से खास बातचीत में देवनानी ने कहा कि अजमेर संभागीय जिला होने के बाद भी कोरोना वायरस को लेकर जवाहरलाल मेडिकल कॉलेज में समुचित जांच व्यवस्था नहीं है. जांच के लिए भी अन्य जिलों पर निर्भर रहना पड़ रहा है, जिससे जांचें कम हो रही हैं. वहीं संक्रमण का खतरा भी फैल रहा है.

ईटीवी भारत से खास बातचीत में देवनानी

देवनानी ने कहा कि क्लेक्टर से मिलकर उन्होंने व्यवस्था को लेकर कई मांगें की हैं. उन्होंने बताया कि कर्फ्यू क्षेत्र में कई होलसेल दुकानें हैं, जहां पर व्यापारियों का माल खराब हो रहा है. प्रशासन से मांग की गई है कि इन व्यापारियों को अपनी दुकानों से माल निकालने की स्वीकृति दी जाए. उन्होंने कहा कि अधिकारियों के बीच संवाद का निरंतर अभाव है, जिससे धरातल पर क्रियान्वयन नहीं हो रहा है. लोग परेशान हो रहे हैं और उनमें आक्रोश उत्पन्न हो रहा है.

यह भी पढ़ेंः अजमेर: बीजेपी विधायक अनिता भदेल ने जिले को RED ZONE में मिलाने को लेकर कलेक्टर पर लगाया आरोप

देवनानी ने बताया कि अधिकारी कई बार जनप्रतिनिधियों के भी फोन नहीं उठाते हैं. जिले के प्रभारी सचिव भवानी सिंह देथा के आने के बाद कुछ बदलाव आया है. देथा के प्रयास से ही गुरुवार को बैठक हुई है, जिसमें लोगों से जुड़ी समस्याओं को सामने रखा गया है. उन्होंने कहा कि कर्फ्यू ग्रस्त क्षेत्र के कई इलाकों में पिछले 3 दिन से खाद्य सामग्री और दूध तक की सप्लाई नहीं हुई है.

विधायक ने लगाया आरोप...

देवनानी ने आरोप लगाया कि प्रशासन के पास समुचित मशीनरी नहीं है और जबरन ही कर्फ्यू का क्षेत्र बढ़ाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि कर्फ्यू क्षेत्र में खाद्य सामग्री सब्जियां और दूध वितरण की जिम्मेदारी उन्हीं क्षेत्र के लोगों को दी जाए. साथ ही संबंधित क्षेत्रों के पार्षदों को भी इसमें शामिल किया जाए. देवनानी का कहना है कि सरकारी मशीनरी के लोग क्षेत्र में केवल घूमकर आ जाते हैं उन्हें नहीं पता होता है कि क्षेत्र में किस घर में रहने वाले लोगों को खाद्य सामग्री या अन्य किसी भी तरह की कोई तकलीफ है.

यह भी पढ़ेंः अजमेर: रामनगर क्षेत्र में कोरोना की NO ENTRY, रास्तों को किया बंद

उन्होंने कहा कि बिना जनप्रतिनिधियों को शामिल किए इन क्षेत्रों में व्यवस्थाएं दूर नहीं हो सकती. अजमेर हॉटस्पॉट बन चुका है और 100 से ज्यादा लोग संक्रमित पाए गए हैं. अजमेर संभाग का केंद्र है ऐसे में यहां जांच की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए. अजमेर में जांच की समुचित व्यवस्था नहीं होने पर अन्य जिलों पर निर्भर होना पड़ रहा है. इस कारण जांच देरी से आती है. वहीं संक्रमित व्यक्ति से संक्रमण का खतरा भी बना रहता है.

चिकित्सा मंत्री पर कसा तंज...

चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा पर तंज कसते हुए देवनानी ने कहा कि चिकित्सा मंत्री भले ही अजमेर जिले से हैं. लेकिन वे सिर्फ केकड़ी (अजमेर) के चिकित्सा मंत्री हैं. जिले का आपदा प्रबंधन से जुड़ा पैसा वे 95 प्रतिशत केकड़ी ले गए हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण की दृष्टि से केकड़ी फिलहाल सुरक्षित है. जबकि अजमेर में इस पैसे की ज्यादा आवश्यकता थी.

देवनानी ने नाराजगी प्रकट करते हुए कहा कि ऐसी राजनीति नहीं होनी चाहिए. अजमेर में कोरोना की जांच के लिए मशीनों की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए. प्रभावित क्षेत्रों में ड्यूटी कर रहे पुलिसकर्मियों के लिए पीपीपी किट भी नहीं है. उन्होंने कहा कि ऐसी राजनीति नहीं होनी चाहिए. डॉ. रघु शर्मा अजमेर जिले से हैं और सरकार में चिकित्सा मंत्री भी हैं. बावजूद इसके अजमेर जिला उपेक्षित है.

अजमेर. ईटीवी भारत से खास बातचीत में देवनानी ने कहा कि अजमेर संभागीय जिला होने के बाद भी कोरोना वायरस को लेकर जवाहरलाल मेडिकल कॉलेज में समुचित जांच व्यवस्था नहीं है. जांच के लिए भी अन्य जिलों पर निर्भर रहना पड़ रहा है, जिससे जांचें कम हो रही हैं. वहीं संक्रमण का खतरा भी फैल रहा है.

ईटीवी भारत से खास बातचीत में देवनानी

देवनानी ने कहा कि क्लेक्टर से मिलकर उन्होंने व्यवस्था को लेकर कई मांगें की हैं. उन्होंने बताया कि कर्फ्यू क्षेत्र में कई होलसेल दुकानें हैं, जहां पर व्यापारियों का माल खराब हो रहा है. प्रशासन से मांग की गई है कि इन व्यापारियों को अपनी दुकानों से माल निकालने की स्वीकृति दी जाए. उन्होंने कहा कि अधिकारियों के बीच संवाद का निरंतर अभाव है, जिससे धरातल पर क्रियान्वयन नहीं हो रहा है. लोग परेशान हो रहे हैं और उनमें आक्रोश उत्पन्न हो रहा है.

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देवनानी ने बताया कि अधिकारी कई बार जनप्रतिनिधियों के भी फोन नहीं उठाते हैं. जिले के प्रभारी सचिव भवानी सिंह देथा के आने के बाद कुछ बदलाव आया है. देथा के प्रयास से ही गुरुवार को बैठक हुई है, जिसमें लोगों से जुड़ी समस्याओं को सामने रखा गया है. उन्होंने कहा कि कर्फ्यू ग्रस्त क्षेत्र के कई इलाकों में पिछले 3 दिन से खाद्य सामग्री और दूध तक की सप्लाई नहीं हुई है.

विधायक ने लगाया आरोप...

देवनानी ने आरोप लगाया कि प्रशासन के पास समुचित मशीनरी नहीं है और जबरन ही कर्फ्यू का क्षेत्र बढ़ाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि कर्फ्यू क्षेत्र में खाद्य सामग्री सब्जियां और दूध वितरण की जिम्मेदारी उन्हीं क्षेत्र के लोगों को दी जाए. साथ ही संबंधित क्षेत्रों के पार्षदों को भी इसमें शामिल किया जाए. देवनानी का कहना है कि सरकारी मशीनरी के लोग क्षेत्र में केवल घूमकर आ जाते हैं उन्हें नहीं पता होता है कि क्षेत्र में किस घर में रहने वाले लोगों को खाद्य सामग्री या अन्य किसी भी तरह की कोई तकलीफ है.

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उन्होंने कहा कि बिना जनप्रतिनिधियों को शामिल किए इन क्षेत्रों में व्यवस्थाएं दूर नहीं हो सकती. अजमेर हॉटस्पॉट बन चुका है और 100 से ज्यादा लोग संक्रमित पाए गए हैं. अजमेर संभाग का केंद्र है ऐसे में यहां जांच की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए. अजमेर में जांच की समुचित व्यवस्था नहीं होने पर अन्य जिलों पर निर्भर होना पड़ रहा है. इस कारण जांच देरी से आती है. वहीं संक्रमित व्यक्ति से संक्रमण का खतरा भी बना रहता है.

चिकित्सा मंत्री पर कसा तंज...

चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा पर तंज कसते हुए देवनानी ने कहा कि चिकित्सा मंत्री भले ही अजमेर जिले से हैं. लेकिन वे सिर्फ केकड़ी (अजमेर) के चिकित्सा मंत्री हैं. जिले का आपदा प्रबंधन से जुड़ा पैसा वे 95 प्रतिशत केकड़ी ले गए हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण की दृष्टि से केकड़ी फिलहाल सुरक्षित है. जबकि अजमेर में इस पैसे की ज्यादा आवश्यकता थी.

देवनानी ने नाराजगी प्रकट करते हुए कहा कि ऐसी राजनीति नहीं होनी चाहिए. अजमेर में कोरोना की जांच के लिए मशीनों की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए. प्रभावित क्षेत्रों में ड्यूटी कर रहे पुलिसकर्मियों के लिए पीपीपी किट भी नहीं है. उन्होंने कहा कि ऐसी राजनीति नहीं होनी चाहिए. डॉ. रघु शर्मा अजमेर जिले से हैं और सरकार में चिकित्सा मंत्री भी हैं. बावजूद इसके अजमेर जिला उपेक्षित है.

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