अजमेर. राजस्थान के अजमेर नगर निगम में भाजपा की ओर से मेयर पद की प्रत्याशी ब्रजलता हाड़ा होंगी, यह लगभग तय माना जा रहा है. ब्रजलता हाड़ा के मेयर बनने से राजनीति दृष्टिकोण से हाड़ा का कद बढ़ेगा, बल्कि भविष्य में ब्रजलता हाड़ा या उनके पति डॉ. प्रियशील हाड़ा अजमेर दक्षिण से विधायक के लिए भी प्रबल दावेदार होंगे. फिलाल भाजपा शहर अध्यक्ष रहते हुए अपनी पत्नी ब्रजलता हाड़ा को मेयर का टिकट दिलवाने में कामयाब हो गए.
हाड़ा दंपती का राजनीतिक कद बढ़ गया है, इससे विधायक अनिता भदेल की बेचैनी भी बढ़ गई है. शायद यही वजह है कि भदेल ने मेयर प्रत्याशी के लिए कुसुमलता सोगरा की पैरवी की. सब जानते हैं कि डॉ. प्रियशील हाड़ा और अनिता भदेल एक पार्टी में रहते हुए भी प्रतिद्वंदी हैं. डॉ. हाड़ा अजमेर दक्षिण से पूर्व में विधायक का टिकट मांग चुके हैं, तब से भदेल और डॉ. हाड़ा के बीच दूरियां बढ़ गईं. इन दूरियों का खामियाजा डॉ. हाड़ा सन 2010 में नगर निगम के मेयर पद के सीधे चुनाव में उठा चुके हैं.
परिस्थितियां फिर से डॉ. हाड़ा को उसी जगह ले कर आई है. इस बार उनकी पत्नी मेयर का चुनाव लड़ रही हैं. मेयर का टिकट पत्नी को दिलवाने के लिए डॉ. प्रियशील हाड़ा के लिए आसान नहीं था, बल्कि विधायक अनिता भदेल के पेच फंसाने के बाद भाजपा के पार्षद दल की पोलिंग हुई. कुसुमलता और ब्रजलता हाड़ा के बीच चुनाव करवाये गए. इसमे ब्रजलता हाड़ा को 38 और कुसुमलता हाड़ा को 15 वोट मिले. पार्टी ने अपना निर्णय ब्रजलता के पक्ष में सुना दिया.
जानकारी यह भी है कि कुसुमलता सोगरा के पक्ष में बड़ी संख्या में रेगर समाज के लोग भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया तक का दरवाजा खटखटा के आए थे. ब्रजलता पार्टी की मेयर प्रत्याशी हैं. ऐसे में पार्टी से बगावत की भदेल सोच भी नहीं सकती हैं. यही वजह है कि ब्रजलता हाड़ा के नामांकन जमा करवाने के दौरान भदेल मौजूद रही, लेकिन भाजपा पार्षद दल के उन 15 वोट को लेकर चर्चा का बाजार जरूर गर्म हो गया जो ब्रजलता हाड़ा के खिलाफ गिरे थे, जबकि मेयर चुनाव के लिए भाजपा के पास बहुमत से अधिक पार्षद है.