अजमेर. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के संबंधित अस्पताल में पीपीपी मोड पर प्रभावित हुए डायलिसिस सुविधा संबंधित कंपनी के प्रतिनिधि और अस्पताल प्रशासन के साथ हुई बैठक को आश्वासन के बाद सुचारू होगी. वहीं इस बैठक में कंपनी को एमओयू की शर्ते और उसकी पालना नहीं करने पर खरी- खोटी सुनाई गई. इस दौरान कंपनी न तो डायलिसिस सेंटर में नेफ्रोलॉजिस्ट को नियुक्त कर पाई और ना स्किल डेवलपमेंट के तहत स्थानीय स्टाफ को ट्रेनिंग दे पाई है. जेएलएन अस्पताल में पिछले 3 दिन से डायलसिस सेवाएं बंद होने की शिकायत पर डायलिसिस पीड़ित और परिजनों की ओर से कोलकाता की संजीवनी कंपनी को आड़े हाथों लिया गया
इसके साथ ही मरीजों के साथ कंपनी प्रतिनिधियों का अस्पताल प्रशासन की बैठक हुई, जिसमें मेडिकल कॉलेज के अतिरिक्त प्रधानाचार्य के डॉ. भास्कर और अस्पताल अधीक्षक डॉ. अनिल जैन विभागाध्यक्ष, डॉ. राजेश जैन ने विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की कंपनी प्रतिनिधि और प्रभारी संजीव चक्रवर्ती ने जानकारी दी तो बताएं कि कंपनी के करीब एक करोड़ रुपए का भुगतान अब तक अटका हुआ है, जिसके चलते कार्मिकों को भुगतान नहीं हो पा रहा है. भास्कर ने आश्वासन दिया कि 48 घंटे में समस्या का समाधान हो जाएगा, लेकिन पहले डाले फिर से शुरू किया जाए.
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कंपनी को ट्रेनिंग सेंटर करना था शुरू
एमओयू की शर्तों के मुताबिक डायलिसिस की ट्रेनिंग के लिए यहां के नर्सिंग और टेक्नीशियन स्टाफ को तैयार भी करना था, लेकिन ट्रेनिंग सेंटर शुरू नहीं किया गया. शर्तों के मुताबिक 10 मशीन पर डायलिसिस सुविधा उपलब्ध करानी थी, मगर हाल ही में चार मशीनों को सेंटर के बाहर ले जाया गया. वहीं, डायलिसिस बंद करने की भी धमकी दी गई. उधर कंपनी प्रतिनिधि चक्रवर्ती ने 76 लाख से अधिक भुगतान नहीं करने की बात को कहा.