अजमेर. रेलवे के निजीकरण को लेकर इसके कर्मचारी लगातार विरोध कर रहे हैं. ऑल इंडिया रेलवे फेडरेशन और नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन के आह्वान पर 14 से 19 सितंबर तक विरोध सप्ताह मनाया जा रहा है. इसके पांचवे दिन भी कर्मचारियों ने रेलवे के निजीकरण और निगमीकरण का विरोध किया और रेल कर्मचारी रैली निकाली गई.
निजीकरण को लेकर रेलवे कर्मचारियों ने कहा कि, रेल मंत्रालय के खिलाफ उनमें काफी रोष व्याप्त है. शुक्रवार को रेल कर्मचारी रैली में रेल कर्मचारी के परिवारों को भी जोड़ने का काम किया गया है. इसके अलावा उन्हें संघर्ष में आगे तैयार रहने के लिए उनसे आह्वान भी किया जाएगा. मंडल मंत्री अरुण गुप्ता ने कहा कि निजीकरण के विरोध में शुक्रवार को तमाम जगह पर विशाल रैली निकाली गई. इसके माध्यम से केंद्र सरकार को संकेत देने का काम किया जा रहा है. यह लाल सेना पूरी तरह से अब युद्ध के लिए तैयार है.
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मंत्री गुप्ता ने कहा कि, सरकार रेलवे के निजीकरण का इरादा छोड़ दे. केंद्र सरकार ने भारतीय रेलवे में निजीकरण का जो फैसला लिया है उसे बदलने का कार्य जल्द किया जाए. वरना वह दिन अब दूर नहीं जब भारत सरकार के खिलाफ भारतीय रेल के साथ जन आंदोलन शुरू हो जाएगा. गौरतलब है कि, केंद्र सरकार की ओर से रेलवे के निजीकरण के फैसले का देश भर में विरोध जारी है. देश प्रदेश के अलग अलग रेल मंडलों में रेलवे के कर्मचारी निजीकरण के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. रेल कर्मचारी इस फैसले को वापस लेने की मांग करते हुए मुखर होकर सड़कों पर उतर रहे हैं, रैलियां कर रहे हैं.