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मार्बल और ग्रेनाइट पर GST की दर 5 प्रतिशत की जाए, किशनगढ़ Granite हब के रूप में विकसित हो : सांसद भागीरथ

सांसद भागीरथ चौधरी ने मंगलवार को लोकसभा सत्र की कार्यवाही के दौरान शून्यकाल में अपनी बात रखी. उन्होंने सदन में बोलते हुए कहा कि देश में मार्बल और ग्रेनाइट उत्पाद पर जीएसटी की वर्तमान दर को 18 प्रतिशत से कम कर 5 प्रतिशत एंव किशनगढ़-अजमेर में मार्बल ग्रेनाइट का हब विकसित कराने की आगामी बजट में घोषणा के संबंध में सदन में मुद्दा उठाया.

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'किशनगढ़ ग्रेनाइट हब के रूप में विकसित हो'
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Published : Sep 23, 2020, 2:31 PM IST

अजमेर. सांसद भागीरथ चौधरी ने लोकसभा की कार्यवाही में शून्यकाल के दौरान मार्बल और ग्रेनाइट का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि देश में राजस्थान मार्बल और ग्रेनाइट उत्पाद का सबसे बड़ा केन्द्र होने के साथ-साथ कृषि केे बाद सबसे ज्यादा रोजगार देने वाला व्यवसाय भी है. वर्तमान में प्रदेश के 33 जिलों में से 23 जिलों में मार्बल और ग्रेनाइट का खनन एवं उत्पादन का कार्य हो रहा है, जिसमें लगभग 50 लाख लोग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं.

सांसद ने कहा कि वर्तमान में पूरे प्रदेश में मार्बल और ग्रेनाइट की लगभग 3 हजार गैंगसा इकाइयां संचालित हो रही हैं. यह सभी सूक्ष्म और लघु उद्योग की परिभाषा में आती हैं, जो कि देश के सकल घरेलू उत्पाद में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. लेकिन वर्तमान में उक्त दोनों उत्पादों पर 10 नवंबर 2017 से जीएसटी की दर 18 प्रतिशत चली आ रही है. जो कि जीएसटी की दरें तय करते समय सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों की भारी उपेक्षा और अनदेखी का परिणाम है. जबकि पूर्व में सेल्स टैक्स के समय इन उत्पादों की दर मात्र 5 प्रतिशत ही थी. इऩ दरों के चलते गत 2.5 साल में इन दोनों उत्पादों के खनन और प्रसंस्करण में सम्भावित नया निवेश थम सा गया है.

यह भी पढ़ें: मानसून सत्र : 10वें दिन की कार्यवाही के बाद राज्य सभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

वहीं दूसरी ओर जीएसटी की दर 18 प्रतिशत ही रहने पर आने वाले समय में भी संभावित निवेश पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. वर्तमान में कोरोना महामारी के चलते वैश्विक मंदी से कार्यरत हजारों इकाइयों को भी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है, जिसके चलते मार्बल और ग्रेनाइट का विशाल व्यापार भी चौपट होने की संभावना है.

यह भी पढ़ें: विपक्ष के बहिष्कार के बीच सरकार ने राज्यसभा में कई विधेयक पारित कराए

सांसद चौधरी ने सदन के माध्यम से केन्द्रीय वित्तमंत्री से आग्रह किया है कि आगामी जीएसटी अनुसूची में परिवर्तन के समय राजस्थान में मार्बल और ग्रेनाइट उत्पाद की वर्तमान जीएसटी दर 18 प्रतिशत से 5 प्रतिशत तक की जाए. उन्होंने कहा कि यह सर्वविदित है कि किसी भी उद्योग में नए निवेश से ही उछाल आता है और निवेशकों को आकर्षित करने का सहज और सरल उपाय यह है कि करों में छूट प्रदान की जाए. साथ ही अजमेर संसदीय क्षेत्र में स्थित विश्वविख्यात मार्बल नगरी किशनगढ़ को मार्बल और ग्रेनाईट हब के रूप मे विकसित करने के लिए आगामी बजट में घोषणा हो. उन्होंने कहा कि जीएसटी की दर को 18 प्रतिशत से कम कर 5 फीसदी कराने और किशनगढ़ में मार्बल व ग्रेनाइट का हब विकसित कराने की लंबे समय से मांग है. इसके लिए मार्बल उद्यमियों के प्रतिनिधि दल और किशनगढ़ मार्बल एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने सांसद भागीरथ चौधरी के आवास पर मुलाकात कर आग्रह किया था. साथ ही लिखित में ज्ञापन भी दिया था. इसको लेकर सांसद चौधरी ने लोकसभा सत्र में शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाया है.

अजमेर. सांसद भागीरथ चौधरी ने लोकसभा की कार्यवाही में शून्यकाल के दौरान मार्बल और ग्रेनाइट का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि देश में राजस्थान मार्बल और ग्रेनाइट उत्पाद का सबसे बड़ा केन्द्र होने के साथ-साथ कृषि केे बाद सबसे ज्यादा रोजगार देने वाला व्यवसाय भी है. वर्तमान में प्रदेश के 33 जिलों में से 23 जिलों में मार्बल और ग्रेनाइट का खनन एवं उत्पादन का कार्य हो रहा है, जिसमें लगभग 50 लाख लोग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं.

सांसद ने कहा कि वर्तमान में पूरे प्रदेश में मार्बल और ग्रेनाइट की लगभग 3 हजार गैंगसा इकाइयां संचालित हो रही हैं. यह सभी सूक्ष्म और लघु उद्योग की परिभाषा में आती हैं, जो कि देश के सकल घरेलू उत्पाद में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. लेकिन वर्तमान में उक्त दोनों उत्पादों पर 10 नवंबर 2017 से जीएसटी की दर 18 प्रतिशत चली आ रही है. जो कि जीएसटी की दरें तय करते समय सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों की भारी उपेक्षा और अनदेखी का परिणाम है. जबकि पूर्व में सेल्स टैक्स के समय इन उत्पादों की दर मात्र 5 प्रतिशत ही थी. इऩ दरों के चलते गत 2.5 साल में इन दोनों उत्पादों के खनन और प्रसंस्करण में सम्भावित नया निवेश थम सा गया है.

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वहीं दूसरी ओर जीएसटी की दर 18 प्रतिशत ही रहने पर आने वाले समय में भी संभावित निवेश पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. वर्तमान में कोरोना महामारी के चलते वैश्विक मंदी से कार्यरत हजारों इकाइयों को भी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है, जिसके चलते मार्बल और ग्रेनाइट का विशाल व्यापार भी चौपट होने की संभावना है.

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सांसद चौधरी ने सदन के माध्यम से केन्द्रीय वित्तमंत्री से आग्रह किया है कि आगामी जीएसटी अनुसूची में परिवर्तन के समय राजस्थान में मार्बल और ग्रेनाइट उत्पाद की वर्तमान जीएसटी दर 18 प्रतिशत से 5 प्रतिशत तक की जाए. उन्होंने कहा कि यह सर्वविदित है कि किसी भी उद्योग में नए निवेश से ही उछाल आता है और निवेशकों को आकर्षित करने का सहज और सरल उपाय यह है कि करों में छूट प्रदान की जाए. साथ ही अजमेर संसदीय क्षेत्र में स्थित विश्वविख्यात मार्बल नगरी किशनगढ़ को मार्बल और ग्रेनाईट हब के रूप मे विकसित करने के लिए आगामी बजट में घोषणा हो. उन्होंने कहा कि जीएसटी की दर को 18 प्रतिशत से कम कर 5 फीसदी कराने और किशनगढ़ में मार्बल व ग्रेनाइट का हब विकसित कराने की लंबे समय से मांग है. इसके लिए मार्बल उद्यमियों के प्रतिनिधि दल और किशनगढ़ मार्बल एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने सांसद भागीरथ चौधरी के आवास पर मुलाकात कर आग्रह किया था. साथ ही लिखित में ज्ञापन भी दिया था. इसको लेकर सांसद चौधरी ने लोकसभा सत्र में शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाया है.

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