अजमेर. जिला पहली बार टिड्डियों का प्रकोप झेल रहा है. जिले के कई इलाके टिड्डियों की जद में आ चुके है. टिड्डियों के अजमेर प्रवेश के बाद कृषि विभाग भी अलर्ट हो चुका है. जिले में विभाग की 30 टीमें टिड्डियों पर नियंत्रण पाने में जुटी हुई है. वहीं जिले के आसमान पर मंडरा रहे, इस खतरे से जायद की फसल पर उम्मीद लगाकर बैठे किसान खाफी चिंतित है.
![कृषि विभाग टिड्डी लेकर अलर्ट, Agriculture Department Alert Locust](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/rj-ajm-priyank-krashivibhag-03-av-7201708_11052020204934_1105f_1589210374_258.jpg)
जिले में टिड्डी दल पर कीटनाशकों का छिड़काव करके इस पर नियंत्रण पाने की कवायद में कृषि विभाग जुटा हुआ है. कृषि विभाग के उप निदेशक वी.के. शर्मा ने बताया कि जिले में रविवार को टिड्डी दल का प्रवेश थांवला, पादूकंला गांवों से हवा के प्रवाह के साथ हुआ और असंख्य टिड्डिया देवनगर, बांसेली, कडेल में होते हुए जिले के कई क्षेत्रों में फैल गई.
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आंधी के कारण इसका फैलाव जेठाना, ब्यावर, रुपनगढ़ क्षेत्रों में भी हुआ. टिड्डियों के नियंत्रण के लिए चलाए गए ऑपरेशन में रविवार बीती रात को ब्यावर में लगभग 200 लीटर क्लोरपायरीफास दवा का उपयोग किया गया. उन्होंने बताया कि ब्यावर क्षेत्र के फतेहगढ़ सल्ला गांव में लगभग 3 किमी. क्षेत्र में टिड्डियों का ठहराव हुआ.
विभाग के अधिकारी सम्पूर्ण रात्रि टिड्डी दल प्रभावित क्षेत्र में मुस्तेद रहें. शर्मा ने बताया कि सोमवार सुबह साढे 4 बजे से टिड्डी नियंत्रण अभियान आरम्भ किया गया. यह अभियान सूर्योदय तक चला. इसमें 5 फायर ब्रिग्रेड, लगभग 10 ट्रैक्टर, माउंटेड स्प्रेयर, टिड्डी नियंत्रण दल की 8 गाड़ियां और कृषि विभाग के 15 दलों के द्वारा नियंत्रण किया गया. खेतों में फसले नहीं होने से टिड्डी दल का ठहराव मुख्यत देशी बबूल के पेड़ों पर हुआ.
उन्होंने बताया कि जेठाना क्षेत्र में लगभग 15 हैक्टयर क्षेत्र में छितराए हुए टिड्डी दल का प्रकोप देखा गया. टिड्डी नियंत्रण दल की एक गाड़ी, 5 ट्रेक्टर माउंटेड स्पे्रयर और कृषि विभाग के दलों द्वारा कीटनाशी दवा का छिड़काव किया गया. कीटनाशी दवा के प्रभाव से टिड्डियां तुरन्त मर गई. कुछ टिड्डियां अपनी क्षमतानुसार कुछ दूरी तक उड़ी और मरकर नीचे गिर गई.
उन्होंने बताया कि टिड्डी दल सूर्योदय के साथ उड़ना प्रारम्भ करता है. सूर्योस्त के समय एक स्थान पर बैठे जाता हैं. जिले के कृषकों से आहवान किया जाता है कि सामूहिक रुप से टिड्डी नियंत्रण में योगदान दें. टिड्डी नियंत्रण के लिए क्लोरफायरीफास 20 प्रतिशत ई.सी. 1200 एम.एल. अथवा डेल्टामेथ्रीन 2.8 ई.सी. 480 एम.एल. अथवा लेम्बडासायहेलाथ्रिन 5 प्रतिशत ई.सी. 400 एम.एल. प्रति हैक्टयर की दर से छिड़काव किया जा सकता हैं.
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ब्यावर में टिड्डी नियंत्रण ऑपरेशन में यह रहे मौजूद
उन्होंने बताया कि सम्पूर्ण ऑपरेशन में ब्यावर उपखण्ड अधिकारी जसमीत सिंह सन्धु, तहसीलदार ब्यावर रमेश चन्द्र, टिड्डी नियंत्रण दल के अधिकारी गोकुल चौधरी, जिला प्रशासन कृषि विभाग के सहायक निदेशक ब्यावर वी.के शर्मा, सहायक निदेशक अजमेर कैलाश चन्द मेघवंशी, कृषि अधिकारी और क्षेत्र के कृषि पर्यवेक्षक और स्थानीय ग्रामीणों का सक्रिय सहयोग रहा. बता दें कि सोमवार शाम को पुष्कर क्षेत्र के आसपास टिड्डियों का मूवमेंट देखा गया है. टिड्डी नियंत्रण ऑपरेशन रात्रि को संभवतः पुष्कर क्षेत्र में चलाया जाएगा.