अजमेर. देश में पहले कोरोना की मार और उसके बाद टिड्डियों के आतंक से किसान काफी परेशान हैं. अजमेर में 10 मई से लगातार टिड्डियों का अटैक जारी है, जिसकी वजह से किसानों की काफी फसलें भी बर्बाद हो चुकी हैं. फसलें बर्बाद हो जाने के बाद निराश किसान को सरकार से ही मदद की आशा है.
अजमेर जिला प्रशासन और कृषि विभाग भी अपनी पूरी मुस्तैदी से टिड्डी को भगाने में लगा हुआ है. अजमेर जिले में टिड्डियों के खात्मे को लेकर 82 ऑपरेशन किए जा चुके हैं. जिसके साथ ही टिड्डियां हाल फिलहाल कपास, चारा, बाजरा ,ज्वार और कुछ सब्जियों की फसलों को लगातार नुकसान पहुंचा रही है. वहीं जिले में अब तक लगभग 6 हजार हेक्टेयर की फसल को टिड्डियों ने बर्बाद कर दिया है. फसल बर्बादी की कीमत करीब लाखों रुपये की बताई जा रही है.
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किसानों की आस अब राजस्थान सरकार के मुखिया अशोक गहलोत से है. सरकार किसानों को उनकी फसल का जल्द मुआवजा दे. जिला के कृषि विभाग के उप निदेशक विजय कुमार शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि अजमेर में 23 साल बाद बड़े तादात में टिड्डियां आई हैं. इसकी तादाद काफी संख्या में बताई जा रही है. कृषि विभाग की ओर से टिड्डियों को भगाने के लिए नए-नए प्रकार के प्रयास किए जा रहे हैं. इसके साथ ही अजमेर में अब तक ड्रोन के माध्यम से टिड्डियों को नष्ट करने में कृषि विभाग लगा हुआ है.
नवंबर तक रहेगी जिले में टिड्डियां
कृषि विभाग के उपनिदेशक का कहना है कि टिड्डियों का आतंक नवंबर तक जारी रहेगा. वहीं किसानों की फसल बर्बाद को लेकर भी उनके भुगतान की व्यवस्था करने का कार्य किया जा रहा है. लगातार टिड्डियों के जगह-जगह मूवमेंट देखने को मिल रहे हैं. शर्मा ने कहा कि टिड्डियों का बड़ी तादाद में जिले में प्रवेश हुआ था, लेकिन अब तादात धीरे धीरे कम हो रही है. उन्होंने कहा कि सीमावर्ती इलाकों में टिड्डियों की ब्रीडिंग तेजी से हो रही है, इसलिए लगातार गतिविधि जारी है.