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अजमेर: LIC कर्मचारियों का 3 सूत्रीय मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन, कहा- निजीकरण देश के लिए घातक

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Published : Feb 19, 2021, 6:16 AM IST

शहर में आगरा गेट स्थित एलआईसी के प्रधान कार्यालय के बाहर गुरुवार को कर्मचारियों ने 3 सूत्रीय मांगों को लेकर अपना विरोध जताया. अजमेर डिवीजन इंश्योरेंस वर्कर्स ऑर्गेनाइजेशन (noiw) के बैनर तले कर्मचारियों ने केंद्र सरकार पर एलआईसी में आईपीओ और एफडीआई के माध्यम से निजीकरण के लिए द्वार खोलने का आरोप लगाया.

LIC employees protest, ajmer news
LIC कर्मचारियों का 3 सूत्रीय मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन...

अजमेर. शहर में आगरा गेट स्थित एलआईसी के प्रधान कार्यालय के बाहर गुरुवार को कर्मचारियों ने 3 सूत्रीय मांगों को लेकर अपना विरोध जताया. अजमेर डिवीजन इंश्योरेंस वर्कर्स ऑर्गेनाइजेशन (noiw) के बैनर तले कर्मचारियों ने केंद्र सरकार पर एलआईसी में आईपीओ और एफडीआई के माध्यम से निजीकरण के लिए द्वार खोलने का आरोप लगाया.

एलआईसी कर्मचारियों ने मुख्य कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया...

कर्मचारियों का कहना है कि सरकार का यह कदम देश के लिए घातक है और कर्मचारियों के लिए नकारात्मक साबित होगा. अजमेर डिवीजन इंश्योरेंस वर्कर्स ऑर्गेनाइजेशन (noiw) के जोनल सचिव कानसिंह ने बताया कि प्रदर्शन 3 सूत्रीय मांगों को लेकर देशभर में किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि 1 अगस्त 2017 से कर्मचारियों का वेतन लंबित है. सरकार और वित्त मंत्री सहित प्रबंधन को भी पत्र कई बार लिखे जा चुके हैं. दिसंबर 2020 में 16 प्रतिशत का ऑफर दिया गया था.एलआईसी की प्रोग्रेस ऑफर अपेक्षित नहीं था. इसलिए दोबारा इसके लिए वार्ता जल्द हो.

पढ़ें: अलवर: पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर ट्रक ओनर एसोसिएशन का प्रदर्शन, कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

तीसरी मांग के बारे में बताते हुए जोनल सचिव कान सिंह ने बताया कि बैंकों में एफडीआई की सीमा 74 प्रतिशत है. सरकार एलआईसी में भी एफडीआई को 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत किया जा रहा है, जबकि एलआईसी अधिनियम 1956 में संशोधन करके 33 लाख करोड़ रुपए की एलआईसी की एसेट है. एलआईसी में इनिशियल पब्लिक ऑफर (आईपीओ) और ( फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट ) एफडीआई के माध्यम से निजीकरण के द्वार खोले जा रहे हैं. इससे आने वाले समय में देश के लिए घातक होगा. वहीं, कर्मचारियों के लिए भी नकारात्मक कदम होगा. इन तीन मांगों को लेकर एलआईसी कर्मचारी संघर्षरत है.

अजमेर. शहर में आगरा गेट स्थित एलआईसी के प्रधान कार्यालय के बाहर गुरुवार को कर्मचारियों ने 3 सूत्रीय मांगों को लेकर अपना विरोध जताया. अजमेर डिवीजन इंश्योरेंस वर्कर्स ऑर्गेनाइजेशन (noiw) के बैनर तले कर्मचारियों ने केंद्र सरकार पर एलआईसी में आईपीओ और एफडीआई के माध्यम से निजीकरण के लिए द्वार खोलने का आरोप लगाया.

एलआईसी कर्मचारियों ने मुख्य कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया...

कर्मचारियों का कहना है कि सरकार का यह कदम देश के लिए घातक है और कर्मचारियों के लिए नकारात्मक साबित होगा. अजमेर डिवीजन इंश्योरेंस वर्कर्स ऑर्गेनाइजेशन (noiw) के जोनल सचिव कानसिंह ने बताया कि प्रदर्शन 3 सूत्रीय मांगों को लेकर देशभर में किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि 1 अगस्त 2017 से कर्मचारियों का वेतन लंबित है. सरकार और वित्त मंत्री सहित प्रबंधन को भी पत्र कई बार लिखे जा चुके हैं. दिसंबर 2020 में 16 प्रतिशत का ऑफर दिया गया था.एलआईसी की प्रोग्रेस ऑफर अपेक्षित नहीं था. इसलिए दोबारा इसके लिए वार्ता जल्द हो.

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तीसरी मांग के बारे में बताते हुए जोनल सचिव कान सिंह ने बताया कि बैंकों में एफडीआई की सीमा 74 प्रतिशत है. सरकार एलआईसी में भी एफडीआई को 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत किया जा रहा है, जबकि एलआईसी अधिनियम 1956 में संशोधन करके 33 लाख करोड़ रुपए की एलआईसी की एसेट है. एलआईसी में इनिशियल पब्लिक ऑफर (आईपीओ) और ( फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट ) एफडीआई के माध्यम से निजीकरण के द्वार खोले जा रहे हैं. इससे आने वाले समय में देश के लिए घातक होगा. वहीं, कर्मचारियों के लिए भी नकारात्मक कदम होगा. इन तीन मांगों को लेकर एलआईसी कर्मचारी संघर्षरत है.

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