अजमेर. जिले के अरबन हाट बाजार में खादी को लेकर लोगों में जबरदस्त क्रेज है. प्रदर्शनी में कुर्ते पायजामे, शर्ट-पेंट, सलवार सूट लोगों को पसंद आ रहे हैं. खादी की प्रदर्शनी में खादी की जींस और प्रिंटेड कोठी की डिमांड ज्यादा है. बता दें कि राजस्थान सरकार ने पहली बार खादी ऊनी और सिल्क पर 50 फीसदी की छूट दी है.
प्रदर्शनी में देश की सबसे पुरानी संस्था अजमेर मेरवाड़ा ग्राम सेवा मंडल रामगंज के महामंत्री महेश अग्रवाल ने बताया कि खादी को लेकर लोगों का क्रेज कम नहीं हुआ है बल्कि और बढ़ गया है. लोग खादी से निर्मित कपड़े पहनना पसंद करते हैं और अपनी आवश्यकतानुसार प्रदर्शनी में खरीद भी रहे हैं.
अग्रवाल ने बताया कि सन 1947 में आजादी के कुछ दिनों बाद ही अजमेर के रामगंज में अजमेर मेरवाड़ा सेवा मंडल को जमनालाल बजाज ने 5 हजार रुपए देकर शुरू किया था. उस वक्त अजमेर मेरवाड़ा स्टेट के मुख्यमंत्री हरीभाऊ उपाध्याय संस्था के आजीवन अध्यक्ष रहे. उनके बाद गोकुलभाई भट्ट अध्यक्ष रहे, तब से संस्था निरंतर खादी के कपड़ों का निर्माण करने का कार्य कर रही है.
प्रदर्शनी में देखने आए लोगों को खादी, ऊनी और सिल्क के कपड़े खूब रास आ रहे हैं. वहीं शिल्प कला भी उन्हें आकर्षित कर रही है. लोगों की माने तो खादी पहनने में उन्हें गर्व की अनुभूति होती है. वहीं इसका कपड़ा भी शरीर के लिए अच्छा होता है.
महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर राजस्थान सरकार ने खादी पर पहली बार 50 फीसदी छूट दी है. ऐसे में खादी, ऊनी और सिल्क के महंगे वैरायटी के कपड़े भी आम लोगों के बजट में फिट बैठ रहे हैं. यही वजह है कि लोग प्रदर्शनी में खादी के कपड़ों के साथ-साथ अपने घर की सजावट के लिए मिट्टी से बनी सुंदर कृतियों की भी खरीदारी कर रहे हैं.