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Corona का खौफ : अजमेर कोर्ट में परिवादियों के प्रवेश पर रोक, 15 अप्रेल तक न्यायिक कार्य स्थगित!

अजमेर में कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए न्यायालय परिसर में भी एहतियात बरती जा रही है. जिला और सत्र न्यायाधीश ने बुधवार को 30 मार्च तक न्यायिक कार्य स्थगित करने के आदेश जारी किए हैं. वहीं पेशी के लिए सभी को 31 मार्च की तारीख दी गई है.

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15 अप्रेल तक न्यायिक काम स्थगित
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Published : Mar 19, 2020, 8:56 AM IST

अजमेर. कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए न्यायालय परिसर में भी एहतियात बरती जा रही है. जिला और सत्र न्यायाधीश ने बुधवार को 30 मार्च तक न्यायिक कार्य स्थगित करने के आदेश जारी किए हैं. कोरोना वायरस को महामारी घोषित करने के बाद स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी, जिम और पुरातत्व इमारतों को भी बंद कर दिया गया है. इसी कड़ी में सेशन कोर्ट ने भी एक बड़ा फैसला लिया है, जिसमें जिला और सेशन न्यायाधीशों ने आवश्यक और अति आवश्यक मामलों को छोड़कर सभी न्यायालयों में 15 अप्रेल तक न्यायिक काम स्थगित कर दिये हैं.

15 अप्रेल तक न्यायिक काम स्थगित

वहीं पेशियों के लिए सभी को 31 मार्च की तारीख दी गई है. जहां किसी मुलजिम पक्षकार गवाह को कोर्ट में आने की कोई भी जरूरत नही है, जिसमे मुलजिम की भी जमानत जब्त नहीं होगी और गवाह के वारंट जारी नहीं होंगे. पक्षकार की अनुपस्थिति में उसके खिलाफ कोई फैसला नहीं होगा, सिर्फ जमानत, रिमांड, आवश्यक स्टे और आवश्यक प्रकरणों में ही सुनवाई होगी.

न्यायालय परिसर में कैंटीन-चाय की दुकानें भी 31 मार्च तक के लिए बंद कर दी गई हैं. इसके साथ ही सेशन कोर्ट परिसर के तीन गेटों को भी पूरी तरह बंद कर दिया गया है. सिर्फ एक गेट से ही सभी वकीलों को प्रवेश दिया जा रहा है. उन्हें भी प्रवेश करने से पहले सैनिटाइजर से हाथ धोने पड़ेंगे.

पढ़ें. Special Report: कोरोना से किसान भी नहीं अछूते, नहीं बेच पा रहे समर्थन मूल्य पर फसल, ये है बड़ी वजह

परिवादियों का प्रवेश हुआ बंद..

बता दे कि, कोर्ट में सभी परिवादियों के प्रवेश पर जिला बार एसोसिएशन ने रोक लगा दी है. बाहर से आने वाले किसी भी व्यक्ति को कोर्ट परिसर में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है. केवल उन्हीं लोगों को प्रवेश दिए जा रहे है, जिनके मामले अति संवेदनशील और अतिआवश्यक है. उन्हें भी अंदर प्रवेश देने से पहले सभी तरह की एहतियात बरती जा रही है.

अजमेर. कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए न्यायालय परिसर में भी एहतियात बरती जा रही है. जिला और सत्र न्यायाधीश ने बुधवार को 30 मार्च तक न्यायिक कार्य स्थगित करने के आदेश जारी किए हैं. कोरोना वायरस को महामारी घोषित करने के बाद स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी, जिम और पुरातत्व इमारतों को भी बंद कर दिया गया है. इसी कड़ी में सेशन कोर्ट ने भी एक बड़ा फैसला लिया है, जिसमें जिला और सेशन न्यायाधीशों ने आवश्यक और अति आवश्यक मामलों को छोड़कर सभी न्यायालयों में 15 अप्रेल तक न्यायिक काम स्थगित कर दिये हैं.

15 अप्रेल तक न्यायिक काम स्थगित

वहीं पेशियों के लिए सभी को 31 मार्च की तारीख दी गई है. जहां किसी मुलजिम पक्षकार गवाह को कोर्ट में आने की कोई भी जरूरत नही है, जिसमे मुलजिम की भी जमानत जब्त नहीं होगी और गवाह के वारंट जारी नहीं होंगे. पक्षकार की अनुपस्थिति में उसके खिलाफ कोई फैसला नहीं होगा, सिर्फ जमानत, रिमांड, आवश्यक स्टे और आवश्यक प्रकरणों में ही सुनवाई होगी.

न्यायालय परिसर में कैंटीन-चाय की दुकानें भी 31 मार्च तक के लिए बंद कर दी गई हैं. इसके साथ ही सेशन कोर्ट परिसर के तीन गेटों को भी पूरी तरह बंद कर दिया गया है. सिर्फ एक गेट से ही सभी वकीलों को प्रवेश दिया जा रहा है. उन्हें भी प्रवेश करने से पहले सैनिटाइजर से हाथ धोने पड़ेंगे.

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परिवादियों का प्रवेश हुआ बंद..

बता दे कि, कोर्ट में सभी परिवादियों के प्रवेश पर जिला बार एसोसिएशन ने रोक लगा दी है. बाहर से आने वाले किसी भी व्यक्ति को कोर्ट परिसर में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है. केवल उन्हीं लोगों को प्रवेश दिए जा रहे है, जिनके मामले अति संवेदनशील और अतिआवश्यक है. उन्हें भी अंदर प्रवेश देने से पहले सभी तरह की एहतियात बरती जा रही है.

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