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अजमेर: हादसों में कमी लाने के लिए सभी थानों में उपयोग की जाएगी IRAD एप्लिकेशन

अजमेर पुलिस ने कुछ नई तकनीकों को जनता के हित में अपनाया है और इसी में से एक है भारत सरकार और मद्रास आईआईटी की ओर से लागू की गई आईआरएडी एप्लीकेशन, जिसका प्रमुख उद्देश्य दुर्घटनाओं में कमी लाना है. डिप्टी ट्रैफिक अधिकारी पार्थ शर्मा ने बताया कि प्लीकेशन सभी थानों में उपलब्ध करवा दिया गया है. डेमो के बाद रविवार से इसका उपयोग शुरू कर दिया गया है.

Ajmer News, पुलिस थानों में आईआरएडी एप्लीकेशन
अजमेर में सभी थानों में उपयोग की जाएगी आईआरएडी एप्लीकेशन
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Published : Mar 21, 2021, 5:43 PM IST

अजमेर. जिले में पिछले कुछ समय से पुलिस जनता के बीच अपनी छवि को बेहतर बनाने में कामयाब रही है. इसके तहत आगे कदम बढ़ाते हुए अजमेर पुलिस ने कुछ नई तकनीकों को जनता के हित में अपनाया है और इसी में से एक है भारत सरकार और मद्रास आईआईटी की ओर से लागू की गई आईआरएडी एप्लीकेशन, जिसका प्रमुख उद्देश्य दुर्घटनाओं में कमी लाना है.

पढ़ें: SPECIAL : अन्नदाता पर दोहरा संकट : खुले में फसल, बारिश की चेतावनी...पटवारियों की हड़ताल, नहीं हो रही गिरदावरी

डिप्टी ट्रैफिक ऑफिसर पार्थ शर्मा ने बताया कि इस एप्लीकेशन की 2 खास बातें हैं. पहली लाइव लोकेशन स्टोर करना और दूसरी टाइम स्टोर करना, जहां कहीं भी ब्लैक स्पॉट है. जहां एक्सीडेंट ज्यादा हो रहे हो तो इस एप्लीकेशन की इन दोनों खासियतो के आधार पर दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सकती है यानी कि यह उन जगहों को चिन्हित करता है, जहां सबसे ज्यादा एक्सीडेंट होते हैं और उस वक्त को भी चिन्हित करता है, जिस समय एक्सीडेंट ज्यादा हो रहे हैं. ऐसे में इन दोनों बातों का ध्यान रखकर दुर्घटनाओं में कमी लाने का प्रयास किया जा सकता है. एप्लीकेशन सभी थानों में उपलब्ध करवा दिया गया है. डेमो के बाद रविवार से इसका उपयोग शुरू कर दिया गया है. सभी पुलिस अधिकारी मौके पर जाकर लाइव लोकेशन स्टोर करेंगे. सभी को इसकी ट्रेनिंग दी जा चुकी है.

अजमेर में सभी थानों में उपयोग की जाएगी आईआरएडी एप्लीकेशन

दुर्घटनाओं में कमी लाना है पुलिस कप्तान की प्राथमिकता

अजमेर एसपी जगदीश चंद्र शर्मा की मंशा जिले को दुर्घटना मुक्त बनाने की है. इसीलिए इस काम पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. वहीं, अभय कमांड सेंटर के बारे में बात करते हुए पार्थ शर्मा ने बताया कि अभय कमांड सेंटर को अभी प्रशासन द्वारा 100 फीसदी काम में नहीं लिया जा रहा है. पूरी संभावना है लोगों में जागरूकता फैलाने के बाद इसका 100 फीसदी उपयोग किया जाएगा.

पढ़ें: सीकर: पुलिस के सीसीटीवी कैमरे भी नहीं सुरक्षित, बदमाशों ने पत्थर मार तोड़े

पुलिस-प्रशासन ने अनिवार्य कर किया हेलमेट लगाना

शहर को दुर्घटना मुक्त बनाने के लिए पुलिस-प्रशासन ने हेलमेट को 100 फीसदी अनिवार्य कर दिया है. ये सख्ती तब तक लागू रहेगी, जब तक लोगों को हाल में पहनने की आदत ना हो जाए, इसके बाद लोग खुद ही जागरूक होकर हेलमेट का उपयोग करने लगेंगे.

अजमेर. जिले में पिछले कुछ समय से पुलिस जनता के बीच अपनी छवि को बेहतर बनाने में कामयाब रही है. इसके तहत आगे कदम बढ़ाते हुए अजमेर पुलिस ने कुछ नई तकनीकों को जनता के हित में अपनाया है और इसी में से एक है भारत सरकार और मद्रास आईआईटी की ओर से लागू की गई आईआरएडी एप्लीकेशन, जिसका प्रमुख उद्देश्य दुर्घटनाओं में कमी लाना है.

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डिप्टी ट्रैफिक ऑफिसर पार्थ शर्मा ने बताया कि इस एप्लीकेशन की 2 खास बातें हैं. पहली लाइव लोकेशन स्टोर करना और दूसरी टाइम स्टोर करना, जहां कहीं भी ब्लैक स्पॉट है. जहां एक्सीडेंट ज्यादा हो रहे हो तो इस एप्लीकेशन की इन दोनों खासियतो के आधार पर दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सकती है यानी कि यह उन जगहों को चिन्हित करता है, जहां सबसे ज्यादा एक्सीडेंट होते हैं और उस वक्त को भी चिन्हित करता है, जिस समय एक्सीडेंट ज्यादा हो रहे हैं. ऐसे में इन दोनों बातों का ध्यान रखकर दुर्घटनाओं में कमी लाने का प्रयास किया जा सकता है. एप्लीकेशन सभी थानों में उपलब्ध करवा दिया गया है. डेमो के बाद रविवार से इसका उपयोग शुरू कर दिया गया है. सभी पुलिस अधिकारी मौके पर जाकर लाइव लोकेशन स्टोर करेंगे. सभी को इसकी ट्रेनिंग दी जा चुकी है.

अजमेर में सभी थानों में उपयोग की जाएगी आईआरएडी एप्लीकेशन

दुर्घटनाओं में कमी लाना है पुलिस कप्तान की प्राथमिकता

अजमेर एसपी जगदीश चंद्र शर्मा की मंशा जिले को दुर्घटना मुक्त बनाने की है. इसीलिए इस काम पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. वहीं, अभय कमांड सेंटर के बारे में बात करते हुए पार्थ शर्मा ने बताया कि अभय कमांड सेंटर को अभी प्रशासन द्वारा 100 फीसदी काम में नहीं लिया जा रहा है. पूरी संभावना है लोगों में जागरूकता फैलाने के बाद इसका 100 फीसदी उपयोग किया जाएगा.

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पुलिस-प्रशासन ने अनिवार्य कर किया हेलमेट लगाना

शहर को दुर्घटना मुक्त बनाने के लिए पुलिस-प्रशासन ने हेलमेट को 100 फीसदी अनिवार्य कर दिया है. ये सख्ती तब तक लागू रहेगी, जब तक लोगों को हाल में पहनने की आदत ना हो जाए, इसके बाद लोग खुद ही जागरूक होकर हेलमेट का उपयोग करने लगेंगे.

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