अजमेर. गर्मियां आते ही आग लगने की घटनाएं शुरू हो गई हैं. गैस सिलेंडर विस्फोट, शॉर्ट सर्किट और दूसरे कारणों से आग लगती है. उद्योगों, वाणिज्यिक परिसरों और आवासीय क्षेत्रों में संपत्ति और जान-माल का नुकसान होता है. किसान भी खेतों में आग लगने की घटना से टेंशन में रहते हैं. आगजनी की दुर्घटनाएं कई बार जनहानि का कारण भी बन जाती हैं. ज्यादातर घटनाएं लोगों की लापरवाही की वजह से होती है, इसलिए लोगों का जागरूक होना जरूरी है.
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गर्मी के दिनों में खेतों में ज्यादा लगती है आग
- गर्मी के मौसम में खेतों में फसल के साथ ही भूसा और चारा भी रखा होता है. ऐसे में थोड़ी सी लापरवाही भी भारी पड़ जाती है.
- आग लगने की ज्यादातर घटनाओं की वजह खेत में खाना पकाते वक्त आग फैलने, खेतों से गुजरने वाले हाइटेंशन तारों में शॉर्ट सर्किट, हाई वोल्टेज तारों से निकली चिंगारी होती है.
- गर्मी में तेज हवाएं चलती हैं और बिजली के तारों में टकराव से भी आग की घटनाएं हो जाती हैं. कई बार बिजली विभाग की लापरवाहियों के कारण पुराने तार को बदला नहीं जाता. आंधी या तेज हवाओं में ये तार टूटकर गिर जाते हैं और आग लग जाती है.
- बिजली के ढीले तार भी कई बार हादसों की वजह बन जाते हैं. इनमें टक्कर से आग की घटनाएं होती हैं और फसलों को नुकसान होता है.
2020 में हुआ ब्यावर में सिलेंडर हादसा
ब्यावर के कुमावत भवन में शादी समारोह का भोजन बनाते समय गैस सिलेंडर फट गया था. इस हादसे में कई लोगों की दर्दनाक मौत हो गई. कई लोग गंभीर रूप से घायल भी हुए.
खालसा पेट्रोल पंप हादसा
साल 2020 में ही परबतपुरा स्थित खालसा पेट्रोल पंप में भी पुरानी गैस निकालते समय भीषण हादसा हुआ था. इस हादसे में भी कई लोग सौ फीसदी झुलस गए थे. इनमें से ज्यादातर लोगों ने बाद में दम तोड़ दिया था.
अजमेर में 2 अग्मिशमन केंद्र
अग्निशमन विभाग के अधिकारी गौरव तंवर ने बताया की अजमेर शहर में 2 अग्निशमन केंद्र हैं. 29 वाहनों के जरिए शहर को आग से बचाने के इंतजाम किए गए हैं. इन वाहनों में बाइक, जीप, कैंटर शामिल हैं.
क्या मैनपावर की कमी है?
- 2 अग्निशमन केंद्रों में करीब 50 कर्मचारी हैं. कर्मचारियों की संख्या यहां पर्याप्त है. एक अग्निशमन केंद्र शहर की बाहरी सीमा पर स्थित है. इस इलाके में इंडस्ट्रीज हैं. यहां अग्निशमन की 2 गाड़ियों के साथ ही कुछ कर्मचारी भी काम करते हैं.
- दूसरा अग्निशमन केंद्र शहर के भीतर ही है. शहर की भीतरी सीमा में ज्यादा लोग निवास करते हैं, लिहाजा दमकल वाहनों की संख्या भी ज्यादा रखी गई है.
कैसे हैं इंतजाम?
- कोरोना के इस दौर में भी फायर ब्रिगेड के कर्मचारी पूरी शिद्दत से अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं. शहर में हर दिन एक या दो मामले आगजनी के सामने आते हैं. हालांकि फायर ब्रिगेड कर्मचारी तुरंत पहुंच कर स्थिति को बिगड़ने से बचा लेते हैं.
- फायर ब्रिगेड विभाग के पास आग बुझाने के लिए सेफ्टी सिलेंडर के भी पर्याप्त इंतजाम हैं, इसीलिए विभाग पूरी निश्चिंतता के साथ शहर में अपनी जिम्मेदारी को पूरा कर रहा है.
फायर सेफ्टी नहीं होने के कारण अबतक कितनी बिल्डिंग हुई सीज
राजस्थान में अबतक फायर एक्ट लागू नहीं किया गया है. इसीलिए विभाग ने फायर सेफ्टी के इंतजाम नहीं होने के कारण किसी भी बिल्डिंग को अबतक सीज नहीं किया है. अभी यह अधिकार नगर निगम के पास है.
सावधान रहें, सतर्क रहें
थोड़ी सी सावधानी बरतने पर कई बड़े हादसों से बच सकते हैं. गैस जैसे अत्यंत ज्वलनशील पदार्थ की हिफाजत के लिए सरकार समय-समय पर गाइडलाइंस भी जारी करती है.
- घरेलू गैस सिलेंडरों को खुले में रखें.
- घरेलू गैस कनेक्शन के लिए ISI मार्का उपकरण ही काम में लें.
- गाड़ी में पेट्रोल भराते समय मोबाइल पर बातचीत नहीं करें.
शॉर्ट सर्किट से लगती है आग
- घरों की बिजली की वायरिंग पर खास ध्यान दें. अच्छी कंपनी के वायर का इस्तेमाल करें.
- जरूरत पड़े तो बिजली की पुरानी वायरिंग या स्विच बदल दें.
- एमसीबी स्विच को भी मुख्य मेन स्विच बोर्ड में लगाया जाना चाहिए.
- एयर कंडीशन(AC) की सफाई भी नियमित रूप से की जानी चाहिए वर्ना गरम होकर आग लगने की संभावना रहती है.
आग लग जाए तो घबराएं नहीं, ये उपाय करें
- कपड़ों में आग लग जाए तो भागे नहीं, बल्कि जमीन पर लोट जाएं.
- गैस सिलेंडर में आग लगे तो उसे पानी के किसी बर्तन में डाल दें.
- शॉर्ट सर्किट होने पर मेन लाइन का तार तुरंत काट दें.
- यदि किसी घर में आग लगती है तो ऐसा कमरा देखें, जिसमें बाहर की ओर खिड़की खुलती हो. परिवार के सभी सदस्यों को उस कमरे में ले जाकर दरवाजा बंद कर लें. खिड़की में से या तो मदद के लिए बुलाएं या फिर चादरों को आपस में बांधकर खिड़की से नीचे उतरने का प्रयास करें.
- यदि आग लग जाए तो घुटनों के बल चलकर निकलने का प्रयास करें, क्योंकि धुआं ऊपर की तरफ उठता है.
- खेत में आग लगे तो आगे की जगह में खुदाई कर दें, आग फैलेगी नहीं.
गर्मी के मौसम में आगजनी की ज्यादातर घटनाएं लोगों की थोड़ी सी लापरवाही के कारण घटती हैं. ऐसे में लोगों को जागरूक होने की जरूरत है. छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखने से आगजनी की घटना विकराल रूप नहीं लेगी और जनहानि नहीं होगी.