अजमेर. सोमवार को अजमेर दौरे के दौरान वैक्सीन की कमी पर बोलेत हुए डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि प्रदेश को आवश्यकता अनुसार वैक्सीन उपलब्ध करवाने के लिए केंद्रीय स्वास्थ मंत्री मनसुख माण्डविया को पत्र लिखकर अगस्त महीने में 2 करोड़ वैक्सीन देने की मांग की है.
डॉ. शर्मा ने कहा कि वैक्सीन की कमी से सेंकेंड डोज भी लंबित है. केंद्र सरकार ने 55 लाख डोज दी वह सेकेंड डोज के लिए पर्याप्त नहीं है, जिनको वैक्सीन का पहला डोज लग चुका है उनको दूसरी डोज लगने की अवधि आ गई है. उतनी वैक्सीन भी केंद्र सरकार उपलब्ध नहीं करवा पा रही है. दूसरी डोज लगवाने वाले लोगों की समयावधि निकल जायेगी तो ऐसे में वैक्सीनेशन कार्यक्रम कैसे आगे बढ़ेगा.
स्कूल खुलने के सवाल पर चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि बच्चों को वैक्सीन लगाए जाने को लेकर ट्रायल जारी है. यह मैं नहीं बता सकता कि बच्चों को वैक्सीन कब लगेगी. उन्होंने कहा कि वर्तमान में कोरोना महामारी का प्रकोप कम है. 1 सितंबर से स्कूल खोलने का निर्णय सरकार ने लिया है. स्कूलों को बंद करने का निर्णय सरकार के हाथ में है. अगर परिस्थितियां बिगड़ेंगी तो सरकार को मजबूरन स्कूल बंद करने का निर्णय लेना पड़ेगा. स्कूल खोले जाने के साथ ही सरकार गाइडलाइन भी जारी करेगी. स्कूल लाने, ले जाने वाले वाहनों में कितने बच्चे बैठेंगे, स्कूल स्टाफ का वैक्सीनेशन, वह सभी नियम गाइड लाइन में विस्तार से दिया गया है.
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा सोमवार को अजमेर में थे. यहां उन्होंने कायड़ में प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज की भूमि का निरीक्षण किया. इसके बाद जेएलएन अस्पताल में कई विकास कार्यों का लोकार्पण करने के अलावा अजमेर स्मार्ट सिटी लिमिटेड की ओर से चिकित्सा सुविधाओं को बढ़ाने के उद्देश्य से किए जा रहे निर्माणाधीन विकास कार्यों का निरीक्षण भी किया. बाद में अजमेर जेएलएन मेडिकल कॉलेज परिसर में स्थित नए ऑडिटोरियम भवन का भी उद्घाटन किया.
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नया ऑडिटोरियम हॉल में चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने 15 अगस्त के अवसर पर राज्य स्तरीय सम्मान समारोह में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 17 चिकित्सकों, चिकित्सा शिक्षा विदों और चिकित्सा कर्मियों को प्रशस्ति पत्र प्रतीक चिन्ह और शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया. इस अवसर पर चिकित्सा मंत्री ने कोरोना अवधि के दौरान अपनी सेवाएं देते हुए प्राण गंवाने वाले चिकित्सकों, नर्सिंग स्टाफ और हेल्थ वर्कर्स को भी विनम्र श्रद्धांजलि देते हुए याद किया.
उन्होंने कहा कि देश के कई राज्यों में कोरोना की तीसरी लहर ने दस्तक दे दी है. प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर चिकित्सा सेवाओं को सुदृढ़ किया जा रहा है. डॉ. शर्मा ने बताया कि 100 बेड संक्रमण वार्ड, कार्डियोलॉजी की कैथ लैब, ऑडिटोरियम, स्किन सेंटर, सीएसआर स्किम से मिले चिकित्सक उपकरण और एमडीआरयू का लोकार्पण किया गया है. उन्होंने बताया कि 200 करोड़ रुपए की लागत से कायड़ में नए मेडिकल कॉलेज के भवन प्रशासनिक भवन, छात्र और छात्राओं के लिए अलग-अलग हॉस्टल, खेल मैदान सहित अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित मेडिकल कॉलेज, उसका कार्य भी जल्द शुरू होगा.
उन्होंने बताया कि 56 साल पहले अजमेर का जेएलएन मेडिकल कॉलेज बना था. अब वह काफी जीर्णशीर्ण अवस्था में है. उन्होंने बताया कि 45 करोड़ रुपए की लागत से सर्जिकल वार्ड बन रहा है. उसमें ही 5 करोड़ रुपए की लागत से ट्रामा सेंटर भी बनेगा. उन्होंने बताया कि राज्य के अन्य संभाग स्तरीय अस्पतालों में दो हजार से अधिक बेड की क्षमता है. अजमेर जेएलएन मेडिकल कॉलेज में 1438 बेड की क्षमता थी. उन्होंने कहा कि जितने विकास कार्य हो रहे हैं वह पूर्ण होने के बाद अजमेर जेएलएन मेडिकल कॉलेज की बेड क्षमता ढाई हजार हो जाएगी. अजमेर जेएलएन मेडिकल कॉलेज को 17 सुपर स्पेशलिस्ट मिले हैं. अब प्रयास यह है कि अजमेर में हार्ट सर्जरी जल्द शुरू हो जाए. उन्होंने बताया कि ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट के लगने के बाद ऑक्सीजन कैपेसिटी 3.5 हजार ऑक्सीजन सिलेंडर के बराबर हो जाएगी.
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चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. अमित शर्मा ने कहा कि वैक्सीनेशन के मामले में राज्य में अजमेर सबसे ऊपर है. प्रदेश में पहले डोज के रूप में 55 प्रतिशत वैक्सीनेट कर पाए हैं और वैक्सीन की सेकेंड डोज 16 प्रतिशत लग चुकी है, जबकि अजमेर 65 प्रतिशत लोग वैक्सीनेट हो चुके हैं. 22 फीसदी लोगों को सेकेंड डोज लग चुकी है. मेरा मानना है कि वैक्सीनेशन के प्रबंधन में इस तरह से राजस्थान में काम हुआ है उससे वैक्सीनेशन में भी राजस्थान देश में अग्रणी है.
कोरोना की तीसरी लहर की आशंका बोले मंत्री डॉ. शर्मा
कोरोना की दूसरी लहर के कटु अनुभव लेकर यह निर्णय किया गया कि ऑक्सीजन की कमी से कैसे निपटा जाए, इसलिए प्रदेश में एक हजार मिट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन कर पाए. एयर सिपरेशन, ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट, लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर को मिलाकर एक हजार मिट्रिक टन ऑक्सीजन तीसरी लहर आने से पहले उपलब्ध हो जाएगी. राजस्थान में बच्चों के सभी अस्पतालों में चिकित्सा सेवा को सुदृढ़ीकरण करने के साथ ही बेडों की क्षमता भी बढ़ाई जा रही है. इसके अलावा हर सीएससी पर भी आईसीयू विकसित किए जा रहे हैं.
मंत्री अजमेर के हैं तो मेडिकल यूनिवर्सिटी अजमेर में क्यों नहीं बन सकती?
प्रदेश के कई जिलों में मेडिकल कॉलेज बनने जा रहे हैं. ऐसे में नई मेडिकल यूनिवर्सिटी की आवश्यकता रहेगी. इस सवाल पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जब चिकित्सा मंत्री अजमेर जिले से हैं तो फिर मेडिकल यूनिवर्सिटी अजमेर में क्यों नहीं बन सकती है. उन्होंने कहा कि सुपर स्पेशलिस्ट ब्लॉक बनाने के लिए मंच पर ही स्वास्थ्य सचिव वैभव गालरिया से बात हो चुकी है. समारोह के बाद मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने अजमेर कलेक्टर और विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक भी ली.