अजमेर. भीलवाड़ा के मांडल में गुर्जर समाज के आराध्य भगवान देवनारायण का वर्षों से बंद मंदिर खुलवाने और विधिवत पूजा-अर्चना शुरू कराने की मांग तेज हो गई. गुर्जर समाज के संगठन देवसेना के पदाधिकारियों का कहना है कि मंदिर में 45 वर्षों से ताला लगा हुआ है. मंदिर से बहुत से लोगों की आस्था जुड़ी है. इसलिए इसे दर्शन के लिए खोला जाए. सोमवार को अजमेर में लामबंद होकर देवसेना के साथ विभिन्न हिंदूवादी संगठनों ने बैठकर आंदोलन को गति देने की रणनीति बनाई. वहीं कलेक्टर को सीएम के नाम ज्ञापन देकर मंदिर खोलने और पूजा शुरू करने के लिए स्वीकृति देने की मांग भी उठाई है.
अजमेर देवसेना के अध्यक्ष संवार लाल गुर्जर ने बताया कि भगवान देवनारायण गुर्जर समाज के आराध्य देव हैं. 36 कौमों के लोगों की भी उनमें गहरी आस्था है. गुर्जर ने कहा कि भीलवाड़ा जिले के मांडल कस्बे में वर्षों पुराने भगवान देवनारायण के मंदिर में 45 वर्षों से मुख्य द्वार पर ताला लगा है. उनका आरोप है कि कुछ असामाजिक तत्वों ने मंदिर के मुख्य द्वार पर ताले लगवाए थे. गुर्जर ने बताया कि कुछ दिन पहले मंदिर के द्वार पर लगा ताला खोलकर समाज के ही एक युवक गोपाल बस्सी ने पूजा-अर्चना की तो उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. इससे गुर्जर समाज आक्रोश है. गुर्जर समाज के साथ हिन्दू संगठन गोपाल बस्सी की रिहाई एवं मंदिर में पूजा पद्धति विधिवत शुरू करने की स्वीकृति की भी मांग कर रहा है.
भीलवाड़ा के बाद अजमेर और इसके बाद पूरे राजस्थान में गुर्जर समाज इस मांग को लेकर आंदोलन करेगा. पाली जिले के देवसेना अध्यक्ष देवकरण गुर्जर ने कहा अजमेर जिले में गुर्जर सामज के समस्त जनप्रतिनिधियों और हिंदूवादी संगठनों के लोग लामबंद हुए हैं. उन्होंने कहा कि 45 वर्षों से देवनारायण भगवान का मंदिर बंद है. समाज की मांग है कि देवनारायण भगवान के मंदिर में पूजा व्यवस्था सुचारू की जाए.