अजमेर. केंद्र सरकार सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के उद्देश्य से एक कार्य योजना तैयार कर रही है, इसमें पहले इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डेटाबेस (IARD) सॉफ्टवेयर के माध्यम से उन स्थानों को चिन्हित करने के प्रयास शुरू किए गए हैं. जहां सबसे अधिक सड़क हादसे होते हैं.
इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डाटाबेस के लिए छह राज्यों में सड़क हादसे का डाटा जुटाया जा रहा है. इन छह राज्यों में राजस्थान भी शामिल है. जानकारी के मुताबिक देश में घटित होने वाली दुर्घटनाओं से संबंधित आंकड़ों को एकत्रित करने और उनका विश्लेषण और रियल टाइम पर्यवेक्षण करने की दृष्टि से IARD के माध्यम से जानकारी संकलित की जाएगी.
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से आईआईटी और नेशनल इनफॉर्मेटिक्स सेंटर NIC के सहयोग से स्वर प्रथम पायलट प्रोजेक्ट के रूप में IARD को छह राज्यों में स्थापित किया जा रहा है. IARD के सफल क्रियान्वयन के लिए जिला स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं. वहीं एनआईसी के सहयोग से अधीनस्थ जिलों में पदस्थापित अनुसंधानकर्ता अधिकारियों को प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है.
जानकारी के अनुसार राज्य में 15 मार्च 2021 से IARD सॉफ्टवेयर पर सड़क दुर्घटनाओं की एंट्री किया जाना प्रस्तावित है. अजमेर के 33 थानों को IARD सॉफ्टवेयर डाउनलोड कर उसमें लॉगिन करने के निर्देश जारी हुए हैं. यातायात पुलिस उप अधीक्षक पार्थ शर्मा ने बताया कि जिस भी थाना क्षेत्र में सड़क हादसे होंगे, उस थाने को IARD सॉफ्टवेयर में सड़क हादसे से संबंधित एंट्री करनी होगी. साथ ही अपने क्षेत्र में हादसों के लिए चयनित स्थानों को भी बताना होगा. शर्मा ने बताया कि IARD सॉफ्टवेयर की सफलता के लिए एक्सरसाइज जारी है.
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बता दें कि IARD सॉफ्टवेयर से मिली जानकारी का विश्लेषण करके सड़क हादसों को रोकने के लिए कार्य योजना तैयार की जाएगी. खासकर उन स्थानों को प्राथमिकता से लिया जाएगा, जहां सबसे अधिक सड़क हादसे होते हैं.