अजमेर. जिला कोरोना का हॉट स्पॉट बन चुका है. खासकर एक ही क्षेत्र में 80 के करीब लोगों का कोरोना संक्रमित पाया जाना बड़ी चिंता का विषय बन गया हैं. एक ओर सघन क्षेत्र में संक्रमण को रोकने की चुनौती प्रशासन के सामने हैं तो वहीं दूसरी ओर कर्फ्यू वाले क्षेत्रों में आवश्यक चीजों को डोर टू डोर पहुंचना भी है. इसके लिए प्रशासन ने भीलवाड़ा मॉडल को कर्फ्यू क्षेत्र में लागू किया हैं. कर्फ्यू की सख्ती से पालना करवाई जा रही है.
वहीं लोगों को उनके घरों तक खाद्य सामग्री, दूध और दवा पहुंचाने की व्यवस्था करने में प्रशासन जुट गया हैं. इस विषय पर ईटीवी भारत से जिला परिषद सीईओ और जिले के कोरोना नियंत्रण प्रभारी गजेंद्र सिंह से एक्सक्लूसिव बातचीत की. अजमेर में दरगाह क्षेत्र में मुस्लिम मोची मोहल्ला में बढ़ी संख्या में कोरोना संक्रमित मरीज सामने आ रहे हैं. यहां मरीजों का आंकड़ा और भी बढ़ने की संभावना है. ईटीवी भारत ने जिले के कोरोना नियंत्रण प्रभारी गजेंद्र सिंह राठौड़ से पहला सवाल ही मुस्लिम मोची मोहल्ले में संक्रमण फैलने का मुख्य स्त्रोत का पता लगने का था.
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राठौड़ ने बताया कि यह व्यक्ति पर निर्भर करता है कि वह अपने बारे में कितना सत्य बता रहा है. पुलिस सीडीआर के माध्यम से पता कर रही है. वहीं प्रशासन और मेडिकल की एक टीम भी लोगों से ट्रैवल हिस्ट्री और अन्य तरीकों से संपर्क में आने के बारे में जानकारी जुटा रही हैं. उन्होंने बताया कि क्षेत्र में संक्रमण को रोकना और कर्फ्यू क्षेत्र में लोगों के घर तक खाद्य सामग्री, दूध, दवा पहुंचाना पहली प्रथमिकता हैं. यहां भीलवाड़ा मॉडल सहित अन्य जगहों की अच्छी बातों को भी लागू किया जा रहा हैं. उन्होंने बताया कि कर्फ्यू ग्रस्त क्षेत्रों में 6 से 15 वार्ड और 52, 53 वार्ड में भीलवाड़ा मॉडल की तर्ज पर ही व्यवस्था होगी.
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उन्होंने बताया कि कर्फ्यू क्षेत्र के हर तीन वार्ड में एक आरएएस अधिकारी लगाया गया है, जो लगातार क्षेत्र में व्यवस्थाओं की मॉनिटरिंग करेगा. वहीं खाद्य सामग्री के लिए पूर्व में कर्फ्यू क्षेत्र में की गई व्यवस्थाओं को बढ़ाया जा रहा हैं. राठौड़ ने बताया कि अजमेर जिले में 33 शेल्टर होम में राज्य के विभिन्न जिलों के लोग रह रहे हैं. शुरुआत में 450 लोगों को चिन्हित किया गया था. बता दें कि मुस्लिम मोची मोहल्ला में बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमित लोग मिलने के बाद क्षेत्र से चोरी-छिपे लोग अन्य क्षेत्रों में जा रहे थे. जिस कारण अन्य क्षेत्रों में भी संक्रमण का खतरा मंडरा रहा था. पुलिस ने कर्फ्यू ग्रस्त क्षेत्र के सभी वार्डों की हर गलियों को ब्लॉक कर दिया है. किसी को भी कर्फ्यू क्षेत्र में आने जाने की इजाजत नहीं दी गई हैं.