अजमेर. दमकल विभाग के बेड़े में दमकल गाड़ियों की कोई कमी नहीं है. आवश्यक सामानों से लैस दमकल कर्मी अग्निशमन के साथ लोगों को संक्रमण से भी बचा रहे हैं. लॉकडाउन के पहले ही दिन से ही नगर निगम ने दमकल विभाग को यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंप दी थी, जिसे आज भी दमकल कर्मी पूरी निष्ठा के साथ निभा रहे हैं. दमकल कर्मी हर दिन तीन दमकल वाहनों से 15 फेरे करते हैं. हर फेरे में एक दमकल वाहन में 4 हजार लीटर के पानी के टैंक में 20 लीटर सोडियम हाइड्रोक्लोराइड डाली जाती है. इसके बाद उन्हें छिड़काव के लिए अलग-अलग स्थानों पर भेजा जाता है.
अग्निशमन अधिकारी हबीब खान बताते हैं कि दमकल के जरिए सोडियम हाइड्रोक्लोराइड का छिड़काव सरकारी इमारतें, अस्पताल, शहर की मुख्य सड़कें, चौराहे बंद, दुकाने, एटीएम, सीआरपीएफ, छावनी क्षेत्र, हॉट-स्पॉट दरगाह बाजार, क्वॉरेंटाइन सेंटर और शेल्टर होम के अलावा सभी थाने और एंबुलेंस आवश्यक कार्यों में लगे वाहनों को सेनेटाइज करने के लिए किया जाता है.
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दमकल कर्मी 24 घण्टे अपने काम को अंजाम देकर संक्रमण को रोकने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. उनके इस कार्य को अब टिड्डियों ने भी बढ़ा दिया है. कृषि विभाग वीडियो पर नियंत्रण के लिए जिले में चलाए जा रहे ऑपरेशन में दमकल विभाग का सहयोग ले रहा है. दमकल कर्मी रात को कृषि विभाग की सूचना पर टिड्डियों के ठहराव वाले स्थानों पर पहुंचते हैं और सुबह 4 बजे टिड्डियों पर रसायन का छिड़काव कर रहे हैं.
सहायक अग्निशमन अधिकारी गौरव तंवर ने बताया कि दमकल विभाग में मौजूद हर कर्मचारी वैश्विक कोरोना महामारी से जंग में लॉकडाउन के पहले दिन से जुटा हुआ है. संक्रमण के साथ रसायन का खतरा भी दमकल कर्मी उठा रहे हैं. लेकिन अपने काम को निरंतरता से न केवल कर रहे, बल्कि हर सूचना पर अलर्ट भी रहते हैं. बता दें कि अजमेर दमकल विभाग सालों से स्टॉफ की कमी झेल रहा है. यहां 51 कर्मचारियों का स्टॉफ स्वीकृत होने के बावजूद विभाग के पास 9 फायरमैन, 5 संविदाकर्मी और 8 चालक और 9 सुरक्षा गार्ड हैं. स्टॉफ की कमी के बावजूद दमकल कर्मी इस मुश्किल समय में हर तरह की चुनौती का सामना कर रहा है.