अजमेर. जिले में भारतीय किसान संघ के के बैनर तले किसानों का आंदोलन जारी है. जिला मुख्यालय के बाद सोमवार को चित्तौड़ प्रांत के अजमेर संभाग के किसान संभागीय आयुक्त को अपना 21 सूत्री मांग पत्र सौंपने पहुंचे. इस दौरान किसान रैली निकालकर संभागीय आयुक्त कार्यालय पहुंचे.
किसानों का आरोप है कि राज्य सरकार किसानों की मांगों को दरकिनार कर रही है. साथ ही किसानों ने चेतावनी देते हुए कहा कि ग्राम से संग्राम तक हमारी तैयारी है. सरकार ने किसानों को राहत देते हुए मांगे पूरी नहीं की तो जयपुर में विधानसभा का घेराव करेंगे. बता दें कि किसान विद्युत सिंचाई मुआवजा, ऋण और मंडी विपणन सहित कई मांगों को लेकर संघर्षरत हैं.
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भारतीय किसान संघ के जिला अध्यक्ष राजेश शर्मा ने बताया कि बिजली के बिलों में किसानों को सब्सिडी मिला करती थी. लेकिन, राज्य सरकार ने 2019 में उसे बंद कर दिया गया है. साथ ही विद्युत बिलों में पेनाल्टी भी शुरू कर दी गई है, जिससे किसानों के लिए कोढ़ में खाज वाला काम हो गया है.
राजेश शर्मा ने बताया कि गेहूं की समर्थन मूल्य पर खरीद नहीं हो रही है. मंडियों में व्यापारी समर्थन मूल्य से काफी कम दाम किसानों को दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि नए कनेक्शन के लिए डिमांड नोटिस 6 महीने के भीतर जमा करवाकर किसान को कनेक्शन दिया जाना चाहिए. साथ ही रात के बजाय दिन में बिजली कृषि उपयोग के लिए दी जानी चाहिए, जिससे किसानों को रात के वक्त जहरीले कीड़े और सांपों से नुकसान ना पहुंचे. भारतीय किसान संघ ने सिंगल फेस बिजली देने की भी राज्य सरकार से मांग की है.
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राजेश शर्मा ने कहा कि लंबे समय से 21 सूत्रीय मांग सरकार के पास लंबित है, जिसका समाधान सरकार ने अभी तक नहीं किया है. उन्होंने कहा कि किसान ग्राम से लेकर संग्राम तक के लिए तैयार हैं. उन्होंने बताया कि सरकार ने जल्द ही किसानों की मांग पर सकारात्मक रुख नहीं अपनाया तो जयपुर में विधानसभा का घेराव करेंगे.