अजमेर. इस शहर की खासियत है कि यहां हर पर्व लोग मिलजुलकर मानते है. फाग का महीना और पर्व होली का है. ऐसे में घीयर की बात ना हो तो अधूरा सा लगता है. घीयर एक प्रकार की मिठाई है जिसका स्वाद जलेबी सा है.
मिठाई की दुकानों पर घीयर आपको होली से 5 दिन पहले ही देखने को मिलेगा क्योंकि यह खास मिठाई होली पर ही बनाई और खाई जाती है. अजमेर में सिंधी और मारवाड़ियों की संख्या अधिक है. बताया जाता है कि घीयर सिंधी व्यंजन है, लेकिन इसकी स्वाद रिश्तों में मिठास भर देता है. घीयर को होली पर बहन बेटी के भेंट किया है. वही घरों में अतिथियों का सत्कार भी घीयर से किया जाता है.
बाजार में घीयर की कीमत 180 से 400 रुपए किलो तक है. घीयर को मूंगफली के तेल या देशी घी में बनाया जाता है. इसका स्वाद जलेबी की तरह मीठा होता है, लेकिन कहीं-कहीं इसमें टाटरी मिलाकर इसको खठा मीठा भी बनाया जाता है.
पढ़ें- होली के रंग में रंगा दौसा, युवाओं ने मस्ती के साथ दी एक दुसरे को बधाई
अजमेर में सिंधी समाज के लोग विभाजन के दौरान पाकिस्तान से आकर बसे थे. आज सिंधी समाज चाशनी की तरह अजमेर में घुल गया है. घीयर सिंधी व्यंजन है, लेकिन इसका स्वाद सभी वर्ग के लोगों को खूब भाता है. यही वजह है की घीयर अब अन्य मिठाई की तरह अजमेर में खास मिठाई बन चुका है. होली पर गुजिया, भुजिया नमकीन के साथ घीयर का स्वाद भी ठीक वैसे ही हो गया जैसे जलेबी में चाशनी.