अजमेर. राजस्थान के ग्रामीण अंचलों में तेजा दशमी का विशेष महत्व है. लोक देवता तेजाजी महाराज के थानकों पर मेले का आयोजन होता है. लेकिन कोरोना महामारी के चलते सभी थानक सूने पड़े है. अजमेर शहर में उसरी गेट स्थित तेजा जी के मंदिर शुक्रवार के दिन श्रद्धालुओं के लिए बंद है. लोग अपनी श्रद्धा मंदिर के बाहर से प्रकट कर रहे है.
लोक देवता तेजा जी की दशमी पर अजमेर जिले में मौजूद सभी थानकों पर मेले इस बार नहीं लग पाए है. प्रशासन और पुलिस ने भीड़ की संभावना को देखते हुए पहले ही व्यापक इंतजाम कर दिए थे. इस कारण लोग तेजाजी के थानक तक नहीं पहुच पाए. शहर के बीच उसरी गेट पर प्रसिद्ध तेजाजी का मंदिर साल 1880 में बना था. इससे पहले भी यह तेजाजी का स्थान लोगों की श्रद्धा का केंद्र रहा है.
यहां सवा सौ साल से भी अधिक समय से तेजा दशमी पर मेला का आयोजन होता आया है. समय के साथ-साथ तेजा जी में आस्था रखने वालों में इजाफा होता रहा और मेले का स्वरूप भी विशाल होता गया. लेकिन इस बार अजमेर के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि जब तेजा दशमी पर मंदिर श्रद्धालुओं के बिना सूना रहा.
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कोरोना महामारी के चलते मेले और मंदिर में श्रद्धालुओं के आने की रोक प्रशासन ने लगा रखी है. यही वजह है कि जहां पैर रखने की जगह नहीं मिलती थी, आज वहीं सूना पड़ा हुआ है. इस बार श्रद्धालुओं के लिए पहली बार तेजाजी मंदिर के दरवाजे बंद किए गए है.
मंदिर के पुजारी पंडित कमल जोशी ने बताया कि कोरोना महामारी की वजह से पहली बार तेजा दशमी पर मेला नहीं भरा है. इससे पूर्व सालों से यहां मेला भरा करता था और लोग श्रद्धा स्वरूप मंदिर में नारियल चढ़ाया करते थे. इस बार तेजाजी का मंदिर ही नहीं, बल्कि गुलाब बाड़ी नया घर स्थित तेजाजी का थानक, कोटड़ा तेजाजी का थानक पर भी तेजा दशमी का मेला नहीं भर पाया. लोक देवता तेजाजी में सभी जाति-धर्म के लोग गहरी आस्था रखते है.