ETV Bharat / city

Special: साहब! कैसे होगा जिंदगी का गुजारा...जब सवारी ही नहीं मिलती

सड़कों पर इधर-उधर सरपट दौड़ते रिक्शों के पहिए कोरोना की वजह से थम चुके हैं. पहले लॉकडाउन की वजह से आवाजाही बंद होने से सवारी नहीं मिली. वहीं बाद में अनलॉक होने के बाद भी कोरोना के डर से रिक्शे पर कोई बैठना पसंद नहीं कर रहा है. जिसके चलते रिक्शा चालक हाथ पर हाथ धरे बैठने को मजबूर हैं. देखें यह रिपोर्ट...

ajmer latest news, rajasthan news in hindi, अजमेर की खबर, राजस्थान हिंदी समाचार
रिक्शा चालकों पर गहराया संकट
author img

By

Published : Jun 20, 2020, 9:10 PM IST

अजमेर. देशभर में कोरोना वैश्विक महामारी के चलते सभी संकट की घड़ी से जूझ रहे हैं. व्यापारिक और आर्थिक दृष्टिकोण से देश पर बुरा असर पड़ा है. लोगों को इस महामारी के चलते काफी नुकसान उठाना पड़ा है. ऐसे में पूरी तरह से व्यापार और कारोबार भी ठप हो चुके हैं. हालांकि केंद्र सरकार ने अब अनलॉक तो कर दिया है. लेकिन उसके बावजूद अभी तक लोगों में कोरोना संक्रमण का डर बना हुआ है. जिसके कारण सड़कों पर लोगों की आवाजाही भी कम नजर आ रही है.

रिक्शा चालकों पर गहराया संकट

इस मंदी में सबसे अधिक मार रोज कमाने और खाने वालों को सबसे ज्यादा हुई. इसके प्रभाव से रिक्शा चालक भी अछूते नहीं है. लॉकडाउन की वजह से रिक्शे के पहिए भी 'लॉक' हो गए थे. जिससे शहर में सैकड़ों रिक्शा चालकों के सामने रोजी-रोटी पर संकट खड़ा हो गया है. रिक्शा चलाकर जिंदगी बिताने वाले चालकों के लिए लॉकडाउन सबसे बुरा समय बन गया था. लेकिन अब सब कुछ अनलॉक होने के बाद भी इन्हें सड़कों पर सवारी मिल पाना मुश्किल हो गया है.

भामाशाहों पर टिकी है जिंदगी

ईटीवी भारत ने रिक्शा चालकों से जब बात की तो उन्होंने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि लॉकडाउन के बाद से ही उनकी रोजी-रोटी पर संकट आ चुका है. उनकी आर्थिक स्थिति काफी खराब है. कुछ भामाशाह आते हैं और दो वक्त का खाना दे जाते हैं तो ही उनका पेट भर पाता हैं.

ajmer latest news, rajasthan news in hindi, अजमेर की खबर, राजस्थान हिंदी समाचार
थककर आराम करता रिक्शा चालक

रिक्शा चालकों का कहना है कि महामारी के बाद ऐसा लग रहा है कि उनके रिक्शे पर कोरोना का ताला लग चुका है. क्योंकि एक भी सवारी उन्हें दिन भर में भी नसीब नहीं होती है. जिसके चलते उनकी स्थिति दयनीय हो चुकी है.

यह भी पढ़ें- स्पेशलः दो जून की रोटी का जुगाड़ कैसे करें रिक्शा चालक...थमे पहिए, कोरोना ने लगाया ब्रेक

इन चालकों का कहना है कि पूरी जिंदगी ईमानदारी से पैसे कमाए हैं. लेकिन अब कमाई का जरिया खत्म होने से उसे पेट भरने के लिए भीख मांगनी पड़ रही है. ऐसे में कुछ घर चले गए हैं और कुछ रिक्शा मालिक के यहां पड़े हुए हैं. कोई सरकारी अमला आता है तो चार पूड़ी दे जाता था. जैसे तैसे करके दिन काट लिए. लेकिन लॉकडाउन खुलने के बाद भी कमाई का कोई जरिया नहीं है. ये रिक्शा चालक जब घर जाते हैं को बच्चे भी पूछते हैं, पापा आज क्या लाए. इस पर बेचारे चुप्पी साधे खड़े रहते हैं.

ajmer latest news, rajasthan news in hindi, अजमेर की खबर, राजस्थान हिंदी समाचार
सूनसान सड़क पर सवारी की तलाश में चालक

शहर में है हजार से अधिक रिक्शा चालक

एक बुजुर्ग रिक्शा चालक रामजीलाल ने जानकारी देते हुए बताया कि अजमेर में लगभग 800 से 1000 रिक्शा चालक है. जिनकी जिंदगी पर भारी संकट आ चुका है, क्योंकि अब कोरोना महामारी के डर के चलते कोई भी उनके रिक्शे में नहीं बैठ रहा है. इसके बाद पर्यटन व्यापार भी पूरी तरह से ठप पड़ा है. बाहर से आने वाले पर्यटकों पर भी पाबंदी है. जिसके चलते उनके रिक्शे पर पिछले 3 महीनों से कोई भी व्यक्ति सवार नहीं हुआ है. अब ऐसे में जिंदगी निकालना परेशानी का सबब बन चुकी है.

ajmer latest news, rajasthan news in hindi, अजमेर की खबर, राजस्थान हिंदी समाचार
रिक्शे को सवारी के इंतजार में साफ करता बुजुर्ग चालक

यह भी पढे़ं- SPECIAL: कोरोना की भेंट चढ़ा मोलेला का 800 साल पुराना टेराकोटा आर्ट

एक तो जून महीन की तपती गर्मी दूसरी तरफ कोरोना का कहर इन रिक्शा चालकों को झेलना पड़ रहा है. गर्मी की तपन के बीच पेड़ के नीचे रिक्शे पर सोते हुए एक चालक ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी ने लोगों के जीवन के रंगों को बदल कर रख दिया है. आज हर वर्ग परेशान हैं. ऐसे में हम अपना दर्द के पास लेकर जाएं. रिक्शा चालक ने कहा कि प्रशासन भी उनकी कोई मदद नहीं कर रहा है. धीरे-धीरे करके हमारी जिंदगी बदहाल होती जा रही है.

ajmer latest news, rajasthan news in hindi, अजमेर की खबर, राजस्थान हिंदी समाचार
रिक्शा चालक कर रहे सवारियों का इंतजार

रिक्शा चालकों ने बताया कि लॉकडाउन से पहले वे 250 से 300 रुपए दिनभर के कमा लेते थे. लेकिन अब तो एक रुपया मिलना भी मुश्किल हो गया है.

अजमेर. देशभर में कोरोना वैश्विक महामारी के चलते सभी संकट की घड़ी से जूझ रहे हैं. व्यापारिक और आर्थिक दृष्टिकोण से देश पर बुरा असर पड़ा है. लोगों को इस महामारी के चलते काफी नुकसान उठाना पड़ा है. ऐसे में पूरी तरह से व्यापार और कारोबार भी ठप हो चुके हैं. हालांकि केंद्र सरकार ने अब अनलॉक तो कर दिया है. लेकिन उसके बावजूद अभी तक लोगों में कोरोना संक्रमण का डर बना हुआ है. जिसके कारण सड़कों पर लोगों की आवाजाही भी कम नजर आ रही है.

रिक्शा चालकों पर गहराया संकट

इस मंदी में सबसे अधिक मार रोज कमाने और खाने वालों को सबसे ज्यादा हुई. इसके प्रभाव से रिक्शा चालक भी अछूते नहीं है. लॉकडाउन की वजह से रिक्शे के पहिए भी 'लॉक' हो गए थे. जिससे शहर में सैकड़ों रिक्शा चालकों के सामने रोजी-रोटी पर संकट खड़ा हो गया है. रिक्शा चलाकर जिंदगी बिताने वाले चालकों के लिए लॉकडाउन सबसे बुरा समय बन गया था. लेकिन अब सब कुछ अनलॉक होने के बाद भी इन्हें सड़कों पर सवारी मिल पाना मुश्किल हो गया है.

भामाशाहों पर टिकी है जिंदगी

ईटीवी भारत ने रिक्शा चालकों से जब बात की तो उन्होंने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि लॉकडाउन के बाद से ही उनकी रोजी-रोटी पर संकट आ चुका है. उनकी आर्थिक स्थिति काफी खराब है. कुछ भामाशाह आते हैं और दो वक्त का खाना दे जाते हैं तो ही उनका पेट भर पाता हैं.

ajmer latest news, rajasthan news in hindi, अजमेर की खबर, राजस्थान हिंदी समाचार
थककर आराम करता रिक्शा चालक

रिक्शा चालकों का कहना है कि महामारी के बाद ऐसा लग रहा है कि उनके रिक्शे पर कोरोना का ताला लग चुका है. क्योंकि एक भी सवारी उन्हें दिन भर में भी नसीब नहीं होती है. जिसके चलते उनकी स्थिति दयनीय हो चुकी है.

यह भी पढ़ें- स्पेशलः दो जून की रोटी का जुगाड़ कैसे करें रिक्शा चालक...थमे पहिए, कोरोना ने लगाया ब्रेक

इन चालकों का कहना है कि पूरी जिंदगी ईमानदारी से पैसे कमाए हैं. लेकिन अब कमाई का जरिया खत्म होने से उसे पेट भरने के लिए भीख मांगनी पड़ रही है. ऐसे में कुछ घर चले गए हैं और कुछ रिक्शा मालिक के यहां पड़े हुए हैं. कोई सरकारी अमला आता है तो चार पूड़ी दे जाता था. जैसे तैसे करके दिन काट लिए. लेकिन लॉकडाउन खुलने के बाद भी कमाई का कोई जरिया नहीं है. ये रिक्शा चालक जब घर जाते हैं को बच्चे भी पूछते हैं, पापा आज क्या लाए. इस पर बेचारे चुप्पी साधे खड़े रहते हैं.

ajmer latest news, rajasthan news in hindi, अजमेर की खबर, राजस्थान हिंदी समाचार
सूनसान सड़क पर सवारी की तलाश में चालक

शहर में है हजार से अधिक रिक्शा चालक

एक बुजुर्ग रिक्शा चालक रामजीलाल ने जानकारी देते हुए बताया कि अजमेर में लगभग 800 से 1000 रिक्शा चालक है. जिनकी जिंदगी पर भारी संकट आ चुका है, क्योंकि अब कोरोना महामारी के डर के चलते कोई भी उनके रिक्शे में नहीं बैठ रहा है. इसके बाद पर्यटन व्यापार भी पूरी तरह से ठप पड़ा है. बाहर से आने वाले पर्यटकों पर भी पाबंदी है. जिसके चलते उनके रिक्शे पर पिछले 3 महीनों से कोई भी व्यक्ति सवार नहीं हुआ है. अब ऐसे में जिंदगी निकालना परेशानी का सबब बन चुकी है.

ajmer latest news, rajasthan news in hindi, अजमेर की खबर, राजस्थान हिंदी समाचार
रिक्शे को सवारी के इंतजार में साफ करता बुजुर्ग चालक

यह भी पढे़ं- SPECIAL: कोरोना की भेंट चढ़ा मोलेला का 800 साल पुराना टेराकोटा आर्ट

एक तो जून महीन की तपती गर्मी दूसरी तरफ कोरोना का कहर इन रिक्शा चालकों को झेलना पड़ रहा है. गर्मी की तपन के बीच पेड़ के नीचे रिक्शे पर सोते हुए एक चालक ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी ने लोगों के जीवन के रंगों को बदल कर रख दिया है. आज हर वर्ग परेशान हैं. ऐसे में हम अपना दर्द के पास लेकर जाएं. रिक्शा चालक ने कहा कि प्रशासन भी उनकी कोई मदद नहीं कर रहा है. धीरे-धीरे करके हमारी जिंदगी बदहाल होती जा रही है.

ajmer latest news, rajasthan news in hindi, अजमेर की खबर, राजस्थान हिंदी समाचार
रिक्शा चालक कर रहे सवारियों का इंतजार

रिक्शा चालकों ने बताया कि लॉकडाउन से पहले वे 250 से 300 रुपए दिनभर के कमा लेते थे. लेकिन अब तो एक रुपया मिलना भी मुश्किल हो गया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.