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छात्र संघ चुनाव 2019ः सरकार की बेरूखी से आहत हैं राजकीय विधि महाविद्यालय के छात्र

अजमेर राजकीय विधि महाविद्यालय के विद्यार्थियों में छात्र संघ चुनाव को लेकर उत्साह तो है, लेकिन सरकार की बेरुखी की वजह से यहां की बिगड़ी हुई व्यवस्था के चलते विद्यार्थी आहत हैं. यहां, स्थाई मान्यता की लंबे समय से मांग रही है. वहीं, हर साल मिलने वाली अस्थाई मान्यता मिलने में भी काफी समय लग जाता है, जिससे प्रवेश की प्रक्रिया उस वक्त कॉलेज में शुरू होती है. जब अन्य कॉलेजों में आधा सत्र बीत जाता है. ईटीवी भारत छात्र संघ चुनाव को लेकर चुनावी मुद्दे और कॉलेज की समस्याओं को लेकर विद्यार्थियों से बातचीत की.

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Published : Aug 13, 2019, 5:46 PM IST

अजमेर. राजकीय विधि महाविद्यालय यूं तो जिले का ही नहीं बल्कि संभाग का सबसे बड़ा कॉलेज है. दाखिले के लिए सर्वाधिक सीटें होने की वजह से संभाग के चारों जिलों से विद्यार्थी यहां अध्ययन के लिए आते हैं. करीब 650 विद्यार्थी कॉलेज में अध्ययनरत हैं. विद्यार्थियों के लिए इससे बड़ा मजाक नहीं हो सकता कि उनके लिए कॉलेज में इमारत तो बनी है, लेकिन स्थाई प्राचार्य नहीं है.

छात्र संघ चुनाव को लेकर ईटीवी भारत की रिपोर्ट

इतना ही नहीं कॉलेज में अध्ययन होता है, लेकिन पर्याप्त शिक्षक नहीं है. हर साल कॉलेज में परीक्षाएं होती हैं, लेकिन अध्यापन कार्य न के बराबर होता है. समय पर अस्थाई मान्यता नहीं मिलने की वजह से कॉलेज में विद्यार्थियों का प्रवेश सितंबर माह में शुरू किया जाता है. जबकि अन्य शेष कॉलेजों में तब तक आधा सत्र बीत चुका होता है. इस कारण परीक्षाएं देरी से होती हैं और परिणाम भी देरी से ही आते हैं. लॉ कॉलेज में अभी तक परिणाम जारी नहीं किए गए हैं. इस वजह से विद्यार्थियों में छात्र संघ चुनाव को लेकर उत्साह तो है, लेकिन संशय की स्थिति भी है कि परिणाम यदि चुनाव से पहले घोषित नहीं किए गए तो चुनाव कैसे होंगे.

ईटीवी भारत से छात्रों ने बयां किया दर्द

यह भी पढ़ेंः दिनदहाड़े पांच साल की बालिका के अपहरण की कोशिश, इलाके में सनसनी

विद्यार्थियों ने बताया कि साल 2005 से लगातार कॉलेज के स्थाई मान्यता की मांग की जा रही है. इतना ही नहीं कॉलेज के नए भवन की नीव भी विवादों के साथ रखी गई है. कॉलेज के आसपास की जमीन आयुर्वेद विभाग की बताई जाती है. इस वजह से कॉलेज परिसर में बाउंड्री वाल तक नहीं है, जिससे की आवारा पशु कॉलेज में घूमते नजर आते हैं. कॉलेज के आसपास खाली पड़ी भूमि पर जंगल उग गए हैं.

यह भी पढ़ेंः अजमेर: एमडीएस यूनिवर्सिटी में छात्रों का प्रदर्शन, कुलपति नहीं होने से कैसे हो छात्रसंघ चुनाव

उन लोगों ने बताया कि स्पोर्ट्स और अन्य कोई गतिविधि कॉलेज में नहीं होती है. उन्होंने यह भी बताया कि कॉलेज में छात्र नेता समस्याओं को प्रशासन और सरकार तक पहुंचाते हैं. लेकिन कोई उनकी समस्या पर ध्यान नहीं देता है. वर्तमान छात्र संघ अध्यक्ष रचित कच्छावा ने बताया कि सरकार की बेरुखी की वजह से लॉ कॉलेज के नाम पर विद्यार्थियों के भविष्य के साथ मजाक लंबे समय से हो रहा है.

अजमेर. राजकीय विधि महाविद्यालय यूं तो जिले का ही नहीं बल्कि संभाग का सबसे बड़ा कॉलेज है. दाखिले के लिए सर्वाधिक सीटें होने की वजह से संभाग के चारों जिलों से विद्यार्थी यहां अध्ययन के लिए आते हैं. करीब 650 विद्यार्थी कॉलेज में अध्ययनरत हैं. विद्यार्थियों के लिए इससे बड़ा मजाक नहीं हो सकता कि उनके लिए कॉलेज में इमारत तो बनी है, लेकिन स्थाई प्राचार्य नहीं है.

छात्र संघ चुनाव को लेकर ईटीवी भारत की रिपोर्ट

इतना ही नहीं कॉलेज में अध्ययन होता है, लेकिन पर्याप्त शिक्षक नहीं है. हर साल कॉलेज में परीक्षाएं होती हैं, लेकिन अध्यापन कार्य न के बराबर होता है. समय पर अस्थाई मान्यता नहीं मिलने की वजह से कॉलेज में विद्यार्थियों का प्रवेश सितंबर माह में शुरू किया जाता है. जबकि अन्य शेष कॉलेजों में तब तक आधा सत्र बीत चुका होता है. इस कारण परीक्षाएं देरी से होती हैं और परिणाम भी देरी से ही आते हैं. लॉ कॉलेज में अभी तक परिणाम जारी नहीं किए गए हैं. इस वजह से विद्यार्थियों में छात्र संघ चुनाव को लेकर उत्साह तो है, लेकिन संशय की स्थिति भी है कि परिणाम यदि चुनाव से पहले घोषित नहीं किए गए तो चुनाव कैसे होंगे.

ईटीवी भारत से छात्रों ने बयां किया दर्द

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विद्यार्थियों ने बताया कि साल 2005 से लगातार कॉलेज के स्थाई मान्यता की मांग की जा रही है. इतना ही नहीं कॉलेज के नए भवन की नीव भी विवादों के साथ रखी गई है. कॉलेज के आसपास की जमीन आयुर्वेद विभाग की बताई जाती है. इस वजह से कॉलेज परिसर में बाउंड्री वाल तक नहीं है, जिससे की आवारा पशु कॉलेज में घूमते नजर आते हैं. कॉलेज के आसपास खाली पड़ी भूमि पर जंगल उग गए हैं.

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उन लोगों ने बताया कि स्पोर्ट्स और अन्य कोई गतिविधि कॉलेज में नहीं होती है. उन्होंने यह भी बताया कि कॉलेज में छात्र नेता समस्याओं को प्रशासन और सरकार तक पहुंचाते हैं. लेकिन कोई उनकी समस्या पर ध्यान नहीं देता है. वर्तमान छात्र संघ अध्यक्ष रचित कच्छावा ने बताया कि सरकार की बेरुखी की वजह से लॉ कॉलेज के नाम पर विद्यार्थियों के भविष्य के साथ मजाक लंबे समय से हो रहा है.

Intro:नोट- विजुअल लाइव किए गए हैं

अजमेर। अजमेर के राजकीय विधि महाविद्यालय में विद्यार्थियों में छात्र संघ चुनाव को लेकर उत्साह तो है लेकिन सरकार की बेरुखी की वजह से यहां की बिगड़ी हुई व्यवस्था के चलते विद्यार्थी आहत भी है। कॉलेज के स्थाई मान्यता की लंबे समय से मांग रही है। वहीं हर वर्ष मिलने वाली अस्थाई मान्यता मिलने में भी काफी समय लग जाता है। जिससे प्रवेश की प्रक्रिया उस वक्त कॉलेज में शुरू होती है जब अन्य कॉलेजों में आधा सत्र बीत जाता है। ईटीवी भारत छात्र संघ चुनाव को लेकर चुनावी मुद्दे और कॉलेज की समस्याओं को लेकर विद्यार्थियों से बातचीत की।

अजमेर का राजकीय विधि महाविद्यालय यूं तो जिले का ही नहीं बल्कि संभाग का सबसे बड़ा कॉलेज है सर्वाधिक सीटें दाखिले के लिए कॉलेज में होने की वजह से संभाग के चारों जिलों से विद्यार्थी यहां अध्ययन के लिए आते हैं। साढ़े छह सौ विद्यार्थी कॉलेज में अध्ययनरत हैं। विद्यार्थियों के लिए इससे बड़ा मजाक नहीं हो सकता कि उनके लिए कॉलेज की इमारत है लेकिन स्थाई प्राचार्य नहीं है। कॉलेज में अध्ययन होता है लेकिन पर्याप्त शिक्षक नहीं है। हर वर्ष कॉलेज में परीक्षाएं होती है लेकिन अध्यापन कार्य ना के बराबर होता है। इतना ही नहीं समय पर अस्थाई मान्यता नहीं मिलने की वजह से कॉलेज में विद्यार्थियों का प्रवेश सितंबर महा में शुरू किया जाता है जबकि अन्य शेष कॉलेजों में तब तक आधा सत्र बीत चुका होता है। इस कारण परीक्षाएं देरी से होती है और परिणाम भी देरी से ही आते हैं। लॉ कॉलेज में अभी तक परिणाम जारी नहीं किए गए हैं। इस वजह से विद्यार्थियों में छात्र संघ चुनाव को लेकर उत्साह तो है लेकिन संशय की स्थिति भी है कि परिणाम यदि चुनाव से पहले घोषित नहीं किए गए तो चुनाव कैसे होंगे। विद्यार्थियों ने बताया कि 2005 से लगातार कॉलेज के स्थाई मान्यता की मांग की जा रही है। इतना ही नहीं कॉलेज के नए भवन की नीव भी विवादों के साथ रखी गई है कॉलेज के आसपास की जमीन आयुर्वेद विभाग की बताई जाती है इस वजह से कॉलेज परिसर में बाउंड्री वाल तक नहीं है जिससे कि आवारा पशु कॉलेज में घूमते नजर आते हैं। कॉलेज के आस पास खाली पड़ी भूमि पर जंगल उग आए है। विद्यार्थियों ने बताया कि स्पोर्ट्स और अन्य कोई गतिविधि कॉलेज में नहीं होती है। उन्होंने यह भी बताया कि कॉलेज में छात्र नेता समस्याओं को प्रशासन और सरकार तक पहुंचाते हैं लेकिन कोई उनकी समस्या पर ध्यान नहीं देता है। वर्तमान छात्र संघ अध्यक्ष रचित कच्छावा ने बताया कि सरकार की बेरुखी की वजह से लॉ कॉलेज के नाम पर विद्यार्थियों के भविष्य के साथ मजाक लंबे समय से हो रहा है....

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Body:प्रियांक शर्मा
अजमेर


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