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स्पेशल: लॉकडाउन में Corona वॉरियर की भूमिका निभा रहे डॉ. बुंदेला, घर-घर जाकर लोगों को दे रहे मेडिकल ट्रीटमेंट - Dr. Bundela giving medical treatment at home

अजमेर में निजी क्लीनिक चलाने वाले डॉ. जीएस बुंदेला लॉकडाउन के दौरान लोगों की मदद के लिए खुद घर-घर जाकर उन्हें मेडिकल ट्रीटमेंट दे रहे हैं. कोरोना वॉरियर्स की भूमिका निभाने वाले डॉ. बुंदेला बताते हैं कि इससे उन्हें आत्मिक संतोष की प्राप्ति होती है. देखें स्पेशल स्टोरी..

डॉ. बुंदेला निभा रहे Corona वॉरियर की भूमिका, Dr. Bundela playing the role of Corona warrior
घर जाकर लोगों को मेडिकल ट्रीटमेंट दे रहे डॉ. बुंदेला
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Published : Apr 14, 2020, 4:36 PM IST

अजमेर. देशभर में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए 3 मई तक लॉकडाउन है. ऐसे में जिन लोगों का पहले से मेडिकल ट्रीटमेंट चल रहा है उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. लेकिन ऐसे लोगों की मुश्किलों को आसान करने के लिए अजमेर के डॉक्टर जीएस बुंदेला कोरोना वॉरियर के रूप में सामने आए हैं.

घर जाकर लोगों को मेडिकल ट्रीटमेंट दे रहे डॉ. बुंदेला

जो लोग लॉकडाउन के दौरान अपने घर से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं और उन्हें चिकित्सक की सहायता या परामर्श की जरूरत है, ऐसे लोगों के लिए डॉक्टर बुंदेला आशा की नई किरण का काम कर रहे हैं.

अजमेर के धोला भाटा के निवासी डॉक्टर जीएस बुंदेला अपना निजी क्लीनिक चलाते हैं. लॉकडाउन के चलते आए संकट में बुंदेला लोगों के घर जाकर उन्हें चिकित्सा सुविधा बिल्कुल फ्री मुहैया करा रहे हैं. बुंदेला सुबह 9 बजे घर से निकल जाते हैं रात 9 बजे तक लौटते हैं.

ये भी पढ़ें- ETV BHARAT के सवाल पर बोले गहलोत, कहा- प्रवासी मजदूरों की हालात के लिए PM जिम्मेदार

इस दौरान लगभग 40 से 50 लोगों का वो चेकअप करते हैं. डॉक्टर बुंदेला की ओर से मरीजों को दवाइयां भी फ्री में मुहैया कराई जाती हैं. खास बात तो यह है कि जिस दिन वह जल्दी फ्री हो जाते हैं, तो अपने घर के बाहर ही पेड़ के नीचे सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए लोगों का चेकप करते हैं.

डॉक्टर जी एस बुंदेला बताते हैं कि कई बार रात में भी उन्हें कॉल आते हैं और वह इमरजेंसी पर लोगों के घर जाकर भी मरीज को देखते हैं. इसके लिए वो किसी से भी पैसे नहीं लेते हैं. बुंदेला ने बताया कि 5 अप्रैल को ही उनके पास रात में फोन आया था कि किसी व्यक्ति को किडनी से संबंधित समस्या है. जिसे तुरंत हॉस्पिटल रेफर करना है. ऐसे में डॉक्टर बुंदेला ने बीमार व्यक्ति का चेकअप करते हुए उसे लॉकडाउन के बीच अस्पताल पहुंचाया.

ये भी पढ़ें- कोरोना संकट के बीच जयपुर में दिखी 'गंगा-जमुनी तहजीब', हिंदू की मौत पर मुस्लिम भाइयों ने दिया कंधा

निचली बस्तियों में जाकर दे रहे सेवा

डॉक्टर बुंदेला ने बताया कि वह रोज कुछ ऐसे क्षेत्रों में जाते हैं, जहां निचले तबके के लोग मौजूद होते हैं. जिनके पास ठीक व्यवस्था नहीं होती है. ऐसे में उन लोगों का भी मुफ्त में इलाज कर दवा उपलब्ध करवाते हैं. साथ ही उनके खाने-पीने की व्यवस्था का ध्यान भी बुंदेला रखते हैं.

लॉकडाउन के बीच सेवा करने से मिल रहा आत्मिक सुख

डॉ. बुंदेला ने कहा कि जहां लॉकडाउन के बीच कोई भी व्यक्ति घर से बाहर नहीं निकल सकता. ऐसे में वो घर-घर पहुंच कर मरीजों की सेवा कर रहे हैं. जिससे उन्हें आत्मिक संतोष मिल रहा है. कोरोना वायरस के संक्रमण से ज्यादा से ज्यादा लोग बच सकें. इसके लिए डॉक्टर बुंदेला खुद लोगों के घर जाकर उनका ट्रीटमेंट करते हैं.

अजमेर. देशभर में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए 3 मई तक लॉकडाउन है. ऐसे में जिन लोगों का पहले से मेडिकल ट्रीटमेंट चल रहा है उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. लेकिन ऐसे लोगों की मुश्किलों को आसान करने के लिए अजमेर के डॉक्टर जीएस बुंदेला कोरोना वॉरियर के रूप में सामने आए हैं.

घर जाकर लोगों को मेडिकल ट्रीटमेंट दे रहे डॉ. बुंदेला

जो लोग लॉकडाउन के दौरान अपने घर से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं और उन्हें चिकित्सक की सहायता या परामर्श की जरूरत है, ऐसे लोगों के लिए डॉक्टर बुंदेला आशा की नई किरण का काम कर रहे हैं.

अजमेर के धोला भाटा के निवासी डॉक्टर जीएस बुंदेला अपना निजी क्लीनिक चलाते हैं. लॉकडाउन के चलते आए संकट में बुंदेला लोगों के घर जाकर उन्हें चिकित्सा सुविधा बिल्कुल फ्री मुहैया करा रहे हैं. बुंदेला सुबह 9 बजे घर से निकल जाते हैं रात 9 बजे तक लौटते हैं.

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इस दौरान लगभग 40 से 50 लोगों का वो चेकअप करते हैं. डॉक्टर बुंदेला की ओर से मरीजों को दवाइयां भी फ्री में मुहैया कराई जाती हैं. खास बात तो यह है कि जिस दिन वह जल्दी फ्री हो जाते हैं, तो अपने घर के बाहर ही पेड़ के नीचे सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए लोगों का चेकप करते हैं.

डॉक्टर जी एस बुंदेला बताते हैं कि कई बार रात में भी उन्हें कॉल आते हैं और वह इमरजेंसी पर लोगों के घर जाकर भी मरीज को देखते हैं. इसके लिए वो किसी से भी पैसे नहीं लेते हैं. बुंदेला ने बताया कि 5 अप्रैल को ही उनके पास रात में फोन आया था कि किसी व्यक्ति को किडनी से संबंधित समस्या है. जिसे तुरंत हॉस्पिटल रेफर करना है. ऐसे में डॉक्टर बुंदेला ने बीमार व्यक्ति का चेकअप करते हुए उसे लॉकडाउन के बीच अस्पताल पहुंचाया.

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निचली बस्तियों में जाकर दे रहे सेवा

डॉक्टर बुंदेला ने बताया कि वह रोज कुछ ऐसे क्षेत्रों में जाते हैं, जहां निचले तबके के लोग मौजूद होते हैं. जिनके पास ठीक व्यवस्था नहीं होती है. ऐसे में उन लोगों का भी मुफ्त में इलाज कर दवा उपलब्ध करवाते हैं. साथ ही उनके खाने-पीने की व्यवस्था का ध्यान भी बुंदेला रखते हैं.

लॉकडाउन के बीच सेवा करने से मिल रहा आत्मिक सुख

डॉ. बुंदेला ने कहा कि जहां लॉकडाउन के बीच कोई भी व्यक्ति घर से बाहर नहीं निकल सकता. ऐसे में वो घर-घर पहुंच कर मरीजों की सेवा कर रहे हैं. जिससे उन्हें आत्मिक संतोष मिल रहा है. कोरोना वायरस के संक्रमण से ज्यादा से ज्यादा लोग बच सकें. इसके लिए डॉक्टर बुंदेला खुद लोगों के घर जाकर उनका ट्रीटमेंट करते हैं.

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