अजमेर. कोरोना की दूसरी लहर इतनी ज्यादा घातक होगी इसके बारे में किसी ने सोचा तक नहीं था. प्रदेश में लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच सरकार ने इस पर काबू पाने के लिए 3 मई तक के लिए जन अनुशासन पखवाड़ा लागू किया है. इसके बाद भी कोरोना का विकराल रूप शांत होता दिखाई नहीं दे रहा है. संक्रमितों की संख्या हर दिन बढ़ती जा रही है.
हालात यह है कि अजमेर जिले के 16 छोटे बड़े सरकारी निजी अस्पताल कोरोना मरीजो से भर चुके हैं. इतना ही नही 5 हजार से ज्यादा कोरोना मरीज घरों में क्वारंटाइन हैं. जिले में अब संक्रमितों की संख्या 800 का आंकड़ा प्रतिदिन छूने जा रही है. कोरोना की चैन तोड़ने के लिए राज्य सरकार, प्रशासन और चिकित्सक अपने प्रयास कर रहे हैं. ऐसे में अब अजमेर में कोरोना की चैन तोड़ने के लिए प्रशासन अलग रणनीति से कार्य कर रहा है. अजमेर में कोरोना ने हालात विकट बना दिए हैं. स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग ने सभी संसाधन कोरोना संक्रमण को रोकने में झोंक दिए हैं. इससे साफ जाहिर है कि अजमेर में कम्यूनिटी स्प्रेड हो चुका है. जिसे रोक पाना बड़ी चुनौती बन गया है. प्रशासन माइक्रो कंटेनमेंट बना कर संक्रमण को रोकने का प्रयास कर रहा है.
वहीं सरकार के निर्देश पर सुबह 7 बजे से 11 बजे तक खुलने वाली दुकानों पर पड़ने वाली भीड़ को नियंत्रण करने का कार्य किया जा रहा है. इसके अलावा प्रशासन ने लोगों के कदम घर पर रोकने एवं कोरोना के प्रारंभिक लक्षण वाले रोगियों को घर पर दवा उपलब्ध करवाकर ईलाज शुरू करने के लिए डोर 2 डोर सर्वे और दवा वितरण अभियान शुरू कर दिया है. एडीएम सिटी गजेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि कोरोना से बढ़ रहे संक्रमितों की संख्या को कम करने के लिए आवश्यकता कोरोना की चैन तोड़ना है. उन्होंने बताया कि आमजन को यह समझना होगा कि कोरोना किसी का सगा नहीं है. इससे बचाव ही निदान है. इसके लिए आवश्यक है कि लोग घरों से बाहर कम निकलें. सर्दी खांसी जुकाम और कोरोना के प्रारंभिक लक्षणों से निपटने के लिए सर्वे टीम घर-घर दवा का वितरण कर रही है. जिससे कोरोना संक्रमित व्यक्ति को आवश्यक दवाइयां समय पर मिल जाएं जिससे उसे बाहर निकलने की जरूरत ही नहीं पडे़. इससे एक फायदा यह भी होगा कि संक्रमण बढ़ने से बढ़ने से पहले ही दवाइयों के जरिए संक्रमित व्यक्ति स्वस्थ हो जाएगा.
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प्रशासन , पुलिस, चिकित्सक, हेल्थ वर्कर सहित कई सरकारी विभाग के अधिकारी और कर्मचारी कोरोना की चैन तोड़ने में जुटे है. ऐसे में आमजन का भी यह कर्तव्य है कि मौके की नजाकत को समझते हुए कुछ दिन घर पर ही रखकर कोरोना की चैन तोड़ने में सहयोग करें.