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अजमेर कलेक्टर का नवाचार, 50 पुरुषों को नसबंदी के लिए प्रेरित करने करने वाले को मिलेगी 63 हजार की बाइक

देश में केंद्र सरकार की ओर से जनसंख्या नियंत्रण के लिए जहां कानून बनाए जा रहे है और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत परिवार नियोजन के कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं. वहीं अजमेर की बात के तो नसबंदी के लिए महिलाओं की अपेक्षा पुरुष की नसबंदी के आंकड़े पिछले एक दशक से लगातार गिरते जा रहे हैं.

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पुरुष नसबंदी को बढ़ावा
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Published : Jan 15, 2020, 7:55 PM IST

अजमेर. देश में जनसंख्या बढ़ोतरी को लेकर केंद्र सरकार चिंतित है और जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून बनाने जा रही है. हालांकि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत परिवार नियोजन के कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं. जिनमें पुरुष और महिला नसबंदी के जरिए जनसंख्या को नियंत्रण करने के प्रयास जारी है. लेकिन हैरान कर देने वाली बात यह है कि नसबंदी के लिए महिलाओं की अपेक्षा पुरुष की नसबंदी के आंकड़े पिछले एक दशक से लगातार गिरते जा रहे हैं.

जिला कलक्टर ने शुरु किया नवाचार

बता दें कि सन् 2010 से पहले पुरुष नसबंदी का सालाना आंकड़ा 500 था लेकिन सन् 2011 के बाद पुरुष नसबंदी के आंकड़े में जबरदस्त गिरावट आई है. हालात यह है कि सन 2011 से हर वर्ष औसतन 50 पुरुषों की नसबंदी की जा रही है. ऐसे में जनसंख्या नियंत्रण के लिए हर वर्ष चलाए जा रहे अभियान को पलीता लग रहा है.

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साथ ही पुरुष नसबंदी के घटते आंकड़ों का विश्लेषण करें, तो विभाग की उदासीनता पुरुष प्रधानता और जागरूकता में कमी इसके प्रमुख कारण माने जा रहे हैं. ऐसे में अजमेर जिला पुरुष नसबंदी के मामले में काफी पिछड़ गया है. जबकि एक दशक पहले तक पुरुष नसबंदी में जिले की स्थिति कुछ हद तक ठीक थी.

जिला कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा ने नवाचार किया है कि इसके तहत इनाम की घोषणा की गई है. जिनमें प्रथम पुरस्कार 50 पुरुषों को नसबंदी के लिए प्रेरित करने पर प्रेरक को ₹63000 की मोटरसाइकिल देने की घोषणा की गई है. इसके अलावा द्वितीय पुरस्कार तीन प्रेरकों को 35 पुरुषों की नसबंदी करवाने पर तीन टीवीएस एक्सएल बाइक और आठ प्रेरकों को 25 पुरुषों की नसबंदी करवाने के लिए प्रेरणा स्वरुप स्मार्ट एलईडी देने की घोषणा कलेक्टर ने की है.

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अतिरिक्त जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ गजेंद्र सिंह ने बताया कि इस वर्ष अभी तक 46 पुरुष नसबंदी करवा चुके हैं. अगली तिमाही में नवाचार से विभाग 500 का आंकड़ा छूने का प्रयास करेगा. साथ ही हाल ही में नवाचार के तहत जिन पुरुषों की नसबंदी हो गई है, उन्हें अपने जीवन साथी के साथ बुलाकर विभाग ने उन्हें सम्मानित कर प्रशस्ति पत्र भी दिए है. वहीं पुरुषों को विभिन्न ब्लॉक में पुरुष नसबंदी अभियान का ब्रांड एंबेसडर भी बनाया है, ताकि अन्य पुरुष भी उनसे प्रेरित हो सकें.

अजमेर. देश में जनसंख्या बढ़ोतरी को लेकर केंद्र सरकार चिंतित है और जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून बनाने जा रही है. हालांकि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत परिवार नियोजन के कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं. जिनमें पुरुष और महिला नसबंदी के जरिए जनसंख्या को नियंत्रण करने के प्रयास जारी है. लेकिन हैरान कर देने वाली बात यह है कि नसबंदी के लिए महिलाओं की अपेक्षा पुरुष की नसबंदी के आंकड़े पिछले एक दशक से लगातार गिरते जा रहे हैं.

जिला कलक्टर ने शुरु किया नवाचार

बता दें कि सन् 2010 से पहले पुरुष नसबंदी का सालाना आंकड़ा 500 था लेकिन सन् 2011 के बाद पुरुष नसबंदी के आंकड़े में जबरदस्त गिरावट आई है. हालात यह है कि सन 2011 से हर वर्ष औसतन 50 पुरुषों की नसबंदी की जा रही है. ऐसे में जनसंख्या नियंत्रण के लिए हर वर्ष चलाए जा रहे अभियान को पलीता लग रहा है.

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साथ ही पुरुष नसबंदी के घटते आंकड़ों का विश्लेषण करें, तो विभाग की उदासीनता पुरुष प्रधानता और जागरूकता में कमी इसके प्रमुख कारण माने जा रहे हैं. ऐसे में अजमेर जिला पुरुष नसबंदी के मामले में काफी पिछड़ गया है. जबकि एक दशक पहले तक पुरुष नसबंदी में जिले की स्थिति कुछ हद तक ठीक थी.

जिला कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा ने नवाचार किया है कि इसके तहत इनाम की घोषणा की गई है. जिनमें प्रथम पुरस्कार 50 पुरुषों को नसबंदी के लिए प्रेरित करने पर प्रेरक को ₹63000 की मोटरसाइकिल देने की घोषणा की गई है. इसके अलावा द्वितीय पुरस्कार तीन प्रेरकों को 35 पुरुषों की नसबंदी करवाने पर तीन टीवीएस एक्सएल बाइक और आठ प्रेरकों को 25 पुरुषों की नसबंदी करवाने के लिए प्रेरणा स्वरुप स्मार्ट एलईडी देने की घोषणा कलेक्टर ने की है.

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अतिरिक्त जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ गजेंद्र सिंह ने बताया कि इस वर्ष अभी तक 46 पुरुष नसबंदी करवा चुके हैं. अगली तिमाही में नवाचार से विभाग 500 का आंकड़ा छूने का प्रयास करेगा. साथ ही हाल ही में नवाचार के तहत जिन पुरुषों की नसबंदी हो गई है, उन्हें अपने जीवन साथी के साथ बुलाकर विभाग ने उन्हें सम्मानित कर प्रशस्ति पत्र भी दिए है. वहीं पुरुषों को विभिन्न ब्लॉक में पुरुष नसबंदी अभियान का ब्रांड एंबेसडर भी बनाया है, ताकि अन्य पुरुष भी उनसे प्रेरित हो सकें.

Intro:अजमेर। देश में जनसंख्या बढ़ोतरी को लेकर केंद्र सरकार चिंतित है और जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून बनाने जा रही है हालांकि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत परिवार नियोजन के कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं जिनमें पुरुष और महिला नसबंदी के जरिए जनसंख्या को नियंत्रण करने के प्रयास जारी है लेकिन हैरान कर देने वाली बात यह है कि नसबंदी के लिए महिलाओं की अपेक्षा पुरुष की नसबंदी के आंकड़े पिछले एक दशक से लगातार गिरते जा रहे हैं।

बात अजमेर जिले की करें तो सन 2010 से पहले पुरुष नसबंदी का सालाना आंकड़ा 500 था लेकिन सन् 2011 के बाद पुरुष नसबंदी के आंकड़े में जबरदस्त गिरावट आई है हालात यह है कि सन 2011 से हर वर्ष औसतन 50 पुरुषों की नसबंदी की जा रही है ऐसे में जनसंख्या नियंत्रण के लिए हर वर्ष चलाए जा रहे अभियान को पलीता लग रहा है। पुरुष नसबंदी के घटते आंकड़ों का विश्लेषण करें तो विभाग की उदासीनता पुरुष प्रधानता और जागरूकता में कमी इसके प्रमुख कारण माने जा रहे हैं ऐसे में अजमेर जिला पुरुष नसबंदी के मामले में काफी पिछड़ गया है जबकि एक दशक पहले तक पुरुष नसबंदी में जिले की स्थिति कुछ हद तक ठीक थी.....
बाइट डॉ गजेंद्र सिंह अतिरिक्त जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी अजमेर

जिले में लगातार गिर रहे नसबंदी के आंकड़ों से चिंतित जिला कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा ने नवाचार किया है इसके तहत इनाम की घोषणा की गई है जिनमें प्रथम पुरस्कार 50 पुरुषों को नसबंदी के लिए प्रेरित करने पर प्रेरक को ₹63000 की मोटरसाइकिल देने की घोषणा की गई है इसके अलावा द्वितीय पुरस्कार तीन प्रेरकों को 35 पुरुषों की नसबंदी करवाने पर तीन टीवीएस एक्सएल बाइक एवं आठ प्रेरकों को 25 पुरुषों की नसबंदी करवाने के लिए प्रेरणा स्वरुप स्मार्ट एलईडी देने की घोषणा कलेक्टर ने की है। अतिरिक्त जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ गजेंद्र सिंह ने बताया कि इस वर्ष अभी तक 46 पुरुष नसबंदी करवा चुके हैं अगली तिमाही में नवाचार से विभाग 500 का आंकड़ा छूने का प्रयास करेगा ....
बाइट डॉ गजेंद्र सिंह अतिरिक्त जिला एवं स्वास्थ्य अधिकारी अजमेर

हाल ही में नवाचार के तहत जिन पुरुषों की नसबंदी हो गई है उन्हें अपने जीवन साथी के साथ बुलाकर विभाग ने उन्हें सम्मानित कर प्रशस्ति पत्र भी दिए साथ ही उन पुरुषों को विभिन्न ब्लॉक में पुरुष नसबंदी अभियान का ब्रांड एंबेसडर भी बनाया है ताकि अन्य पुरुष भी उनसे प्रेरित हो सकें जिला कलेक्टर की पहल से शुरू हुआ नवाचार पुरुष नसबंदी के आंकड़े के ग्राफ को बढ़ाने में कितना कारगर होगा यह तो वक्त बताएगा लेकिन इतना तय है कि इस दिशा में इनाम के लिए प्रयास जरूर होंगे।


Body:प्रियांक शर्मा
अजमेर


Conclusion:
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