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अजमेर कांग्रेस की सियासत में पायलट और रघु शर्मा के बाद नया चेहरा बनकर उभर रहे धर्मेंद्र सिंह राठौड़, सियासी गलियारों में चर्चा

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Published : Feb 21, 2022, 9:06 PM IST

अजमेर जिले में कांग्रेस की सियासत बदलती नजर आ रही है. कुछ दिनों पहले तक जिले में (New Political Face of Congress in Ajmer) कांग्रेस की सियासत पूर्व मंत्री रघु शर्मा के इर्द गिर्द घूम रही थी. लेकिन अब उसमें बदलाव आ गया है. अब आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र सिंह राठौड़ जिला कांग्रेस की सियासत में एक्टिव नजर आ रहे हैं.

पायलट और रघु शर्मा के बाद नया चेहरा बनकर उभर रहे धर्मेंद्र सिंह राठौड़
पायलट और रघु शर्मा के बाद नया चेहरा बनकर उभर रहे धर्मेंद्र सिंह राठौड़

अजमेर. हाल ही में सीएम अशोक गहलोत के करीबी धर्मेंद्र सिंह राठौड़ को आरटीडीसी की जिम्मेदारी मिली है. ऐसे में राठौड़ आरटीडीसी की जिम्मेदारी लेने अपने गृह जिले अजमेर आए थे. इससे पहले राठौड़ का अजमेर की सियासत में कभी दखल नहीं रहा. पिछले छह माह से ही सक्रिय हुए राठौड़ का नाम पुष्कर में 100 बेड के अस्पताल की जमीन के विवाद को लेकर सामने आया था. लेकिन अब राठौड़ का कद बढ़ने से कई बड़े नेताओं के खेमे के कार्यकर्ता भी उनसे नजदीकियां बढ़ाने में लग गए हैं.

दरअसल अजमेर के पूर्व सांसद सचिन पायलट से पहले अजमेर जिले में गहलोत खेमे का ही बोल बाला था. पायलट के आने के बाद गहलोत खेमे से असंतुष्ट कांग्रेसियों ने पायलट से नजदीकियां बढ़ा लीं. चुंकि पायलट अजमेर छोड़कर टोंक चले गए, ऐसे में कार्यकर्त्ताओं को अपने स्थानीय काम निकलवाने के लिए नए नेता की जरूरत पड़ने लगी. ऐसे में पायलट के बाद केकड़ी से विधायक डॉ. रघु शर्मा अजमेर जिले की कांग्रेस में पावर पॉइंट बनकर उभरे, जिले में अफसर उनकी मर्जी से लगने लगे.

यह भी पढ़ें- Dotasra on Bikaner Visit : PCC चीफ डोटासरा का भाजपा पर बड़ा आरोप, कहा- राम मंदिर के पैसे से बन रहे BJP के कार्यालय

चिकित्सा मंत्री की जिम्मेदारी मिलने के साथ ही रघु शर्मा ने अपना मार्ग बदल दिया, वह केकड़ी से सीधे जयपुर आने जाने लगे. हालांकि अपने लगाए अफसरों के जरिये वह अजमेर के प्रशासन पर अपना दबदबा जरूर रखते थे. शर्मा के मंत्री पद छोड़कर गुजरात कांग्रेस प्रभारी बनने के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं को नई उम्मीद जगी है. अजमेर दौरे के दौरान जिस तरह से स्थानीय कार्यकर्ताओं ने राठौड़ का स्वागत किया. उससे साफ लग रहा है कि राठौड़ अब पायलट और डॉ. रघु शर्मा के बाद अजमेर जिले की सियासत में पावर पॉइंट के रूप में उभर चुके हैं.

चर्चा तो यह भी है कि राठौड़ अजमेर में अपनी सियासी जमीन तैयार कर रहे हैं. पुष्कर या अजमेर उत्तर क्षेत्र से आगामी चुनाव राठौड़ के लड़ने की चर्चा गर्म है. इधर, अजमेर में अजमेर विकास प्राधिकरण में चेयरमैन पद पर राजनीतिक नियुक्ति होनी है. वहीं दूसरी ओर संगठन में शहर और देहात कांग्रेस अध्यक्ष की नियुक्ति अभी तक नहीं हुई है. ऐसे में दावेदारों के लिए नए हुजूर राठौड़ बन गए हैं.

यह भी पढ़ें- मांग पूरी नहीं होने पर नाराज किसान बोला 'थैंक यू सचिन पायलट'...जानें क्या है पूरा मामला

माना जा रहा है कि राठौड़ गहलोत खेमे से आते हैं ऐसे में अजमेर में दबदबा कायम रखने के लिए राठौड़ को अजमेर में सक्रिय किया गया है. अजमेर कांग्रेस की सियासत में मूलतः गहलोत और पायलट खेमे है. पायलट के सत्ता से दूर जाने के बाद अजमेर में उनके कार्यकर्ताओं का झुकाव सत्ता पक्ष की तरफ बढ़ रहा है. शहर कांग्रेस के निवर्तमान अध्यक्ष विजय जैन पायलट खेमे से हैं, लेकिन जैन की करीबियां गहलोत खेमे से पूर्व विधायक राजकुमार जयपाल से भी काफी है. यानी जैन ने अपनी एक टांग गहलोत खेमे में भी डाल रखी है.

यह भी पढ़ें- RAS Mains exam 2022 : सीएम गहलोत ने किया स्पष्ट, स्थगित नहीं होगी परीक्षा...निश्चित समय में भर्तियां पूरी करना सरकार की प्राथमिकता

सब जानते हैं कि नगर निगम के चुनाव में टिकट वितरण में जैन ने डॉ जयपाल के साथ मिलकर बंदरबाट की थी. देहात अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह राठौड़ भी पायलट खेमे से है, लेकिन डॉ रघु शर्मा से उनकी भूपेंद्र सिंह की नजदीकियां छुपी हुई नहीं हैं. पूर्व राज्यमंत्री नसीम अख्तर भी पायलट खेमे से है. नसीम पुष्कर से विधायक रह चुकी है. ऐसे में राठौड़ की सक्रियता ने उनकी बेचैनी बढ़ा दी है. कुल मिलाकर अजमेर में पायलट और शर्मा के बाद नए पावर पॉइंट के रूप में राठौड़ को देखा जा रहा है.

अजमेर. हाल ही में सीएम अशोक गहलोत के करीबी धर्मेंद्र सिंह राठौड़ को आरटीडीसी की जिम्मेदारी मिली है. ऐसे में राठौड़ आरटीडीसी की जिम्मेदारी लेने अपने गृह जिले अजमेर आए थे. इससे पहले राठौड़ का अजमेर की सियासत में कभी दखल नहीं रहा. पिछले छह माह से ही सक्रिय हुए राठौड़ का नाम पुष्कर में 100 बेड के अस्पताल की जमीन के विवाद को लेकर सामने आया था. लेकिन अब राठौड़ का कद बढ़ने से कई बड़े नेताओं के खेमे के कार्यकर्ता भी उनसे नजदीकियां बढ़ाने में लग गए हैं.

दरअसल अजमेर के पूर्व सांसद सचिन पायलट से पहले अजमेर जिले में गहलोत खेमे का ही बोल बाला था. पायलट के आने के बाद गहलोत खेमे से असंतुष्ट कांग्रेसियों ने पायलट से नजदीकियां बढ़ा लीं. चुंकि पायलट अजमेर छोड़कर टोंक चले गए, ऐसे में कार्यकर्त्ताओं को अपने स्थानीय काम निकलवाने के लिए नए नेता की जरूरत पड़ने लगी. ऐसे में पायलट के बाद केकड़ी से विधायक डॉ. रघु शर्मा अजमेर जिले की कांग्रेस में पावर पॉइंट बनकर उभरे, जिले में अफसर उनकी मर्जी से लगने लगे.

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चिकित्सा मंत्री की जिम्मेदारी मिलने के साथ ही रघु शर्मा ने अपना मार्ग बदल दिया, वह केकड़ी से सीधे जयपुर आने जाने लगे. हालांकि अपने लगाए अफसरों के जरिये वह अजमेर के प्रशासन पर अपना दबदबा जरूर रखते थे. शर्मा के मंत्री पद छोड़कर गुजरात कांग्रेस प्रभारी बनने के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं को नई उम्मीद जगी है. अजमेर दौरे के दौरान जिस तरह से स्थानीय कार्यकर्ताओं ने राठौड़ का स्वागत किया. उससे साफ लग रहा है कि राठौड़ अब पायलट और डॉ. रघु शर्मा के बाद अजमेर जिले की सियासत में पावर पॉइंट के रूप में उभर चुके हैं.

चर्चा तो यह भी है कि राठौड़ अजमेर में अपनी सियासी जमीन तैयार कर रहे हैं. पुष्कर या अजमेर उत्तर क्षेत्र से आगामी चुनाव राठौड़ के लड़ने की चर्चा गर्म है. इधर, अजमेर में अजमेर विकास प्राधिकरण में चेयरमैन पद पर राजनीतिक नियुक्ति होनी है. वहीं दूसरी ओर संगठन में शहर और देहात कांग्रेस अध्यक्ष की नियुक्ति अभी तक नहीं हुई है. ऐसे में दावेदारों के लिए नए हुजूर राठौड़ बन गए हैं.

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माना जा रहा है कि राठौड़ गहलोत खेमे से आते हैं ऐसे में अजमेर में दबदबा कायम रखने के लिए राठौड़ को अजमेर में सक्रिय किया गया है. अजमेर कांग्रेस की सियासत में मूलतः गहलोत और पायलट खेमे है. पायलट के सत्ता से दूर जाने के बाद अजमेर में उनके कार्यकर्ताओं का झुकाव सत्ता पक्ष की तरफ बढ़ रहा है. शहर कांग्रेस के निवर्तमान अध्यक्ष विजय जैन पायलट खेमे से हैं, लेकिन जैन की करीबियां गहलोत खेमे से पूर्व विधायक राजकुमार जयपाल से भी काफी है. यानी जैन ने अपनी एक टांग गहलोत खेमे में भी डाल रखी है.

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सब जानते हैं कि नगर निगम के चुनाव में टिकट वितरण में जैन ने डॉ जयपाल के साथ मिलकर बंदरबाट की थी. देहात अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह राठौड़ भी पायलट खेमे से है, लेकिन डॉ रघु शर्मा से उनकी भूपेंद्र सिंह की नजदीकियां छुपी हुई नहीं हैं. पूर्व राज्यमंत्री नसीम अख्तर भी पायलट खेमे से है. नसीम पुष्कर से विधायक रह चुकी है. ऐसे में राठौड़ की सक्रियता ने उनकी बेचैनी बढ़ा दी है. कुल मिलाकर अजमेर में पायलट और शर्मा के बाद नए पावर पॉइंट के रूप में राठौड़ को देखा जा रहा है.

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