अजमेर. विश्व विख्यात सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह के दीवान सैयद जेनुअल ओबेदीन ने शब-ए-बारात पर लोगों से घर पर ही रहकर इबादत करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि देश में कोरोना बीमारी की वजह से लॉकडाउन है. इस स्थिति में केंद्र और राज्य सरकार के निर्देशों का लोग पालन करें. साथ ही ऐसा कोई कार्य ना करें जिससे कौम पर उंगली उठे.
दरगाह दीवान अबेदीन ने कहा कि शब-ए-बारात के दिन ऐसे कई लोग हैं जो गली मोहल्लों में हुड़दंग करते हैं. ऐसे लोग खुद को ही नहीं परिवार, समाज और देश को खतरे में डाल देते हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे वक्त में सभी लोगों का दायित्व है कि वो अपने घरों में रहकर खुद को सुरक्षित रखें.
उन्होंने यह भी कहा कि पूरे संसार में मुसलमानों के लिए यह बदनसीबी की बात है कि मुसलमानों का सबसे बड़ा मजहबी मुकाम हुजूर का रोजा और काबा दोनों बन्द हैं. उमरे के लिए लोग महरूम हो गए हैं, हर मस्जिद बंद है.
उन्होंने कहा कि आज इससे मुसलमान इबरत हासिल नहींं करते हैं तो इससे ज्यादा बदनसीबी और क्या हो सकती है कि हम किस जगह जाकर के पनाह मांगें. यह हमारे लिए खराब वक्त है. लिहाजा हमें अल्लाह से अपने गुनाहों की तौबा करनी चाहिए, वरना तौबा के दरवाजे भी बन्द हो जाएंगे और वह भी पूरी नहीं होगी.
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दरगाह दीवान ने कहा कि मरकज में लोगों ने कोरोना से संक्रमित लोगों को रखा उनका इलाज नहीं होने दिया. उसके बाद मरकज के लोग अपने घरों को लौटे तो अपने साथ संक्रमण लेकर लौटे. बावजूद इसके वो इलाज के लिए सामने नहीं आ रहे हैं. जिससे कोरोना और फैल गया है. इसकी जितनी निंदा की जाए उतनी कम है.
उन्होंने लोगों से अपील की है कि शब-ए-बारात पर लोग कब्रिस्तान में बुजुर्गों की मजार पर दुआ करने ना जाएं और घरों में ही रहकर इबादत एवं दुआ करें. साथ ही कोरोना बीमारी से निजात पाने एवं मुल्क में अमन-चैन और भाईचारे के लिए भी सभी अल्लाह एवं बुजुर्गों से दुआ मांगें.