ETV Bharat / city

Shani Amavasya 2022: शनि अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी, पितरों के निमित्त किए अनुष्ठान

शनि अमावस्या के दौरान तीर्थराज पुष्कर में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी (Tirtharaj Pushkar on Shani Amavasya) रही. यहां पहुंचे श्रद्धालुओं ने पवित्र सरोवर में स्नान करने के साथ ही पूर्वजों के निमित तर्पण और पिंडदान किया.

Donations made on Shani Amavasya
शनि अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी
author img

By

Published : Apr 30, 2022, 9:07 PM IST

Updated : Apr 30, 2022, 11:02 PM IST

अजमेर. तीर्थराज पुष्कर में शनि अमावस्या पर हजारों लोगों ने पवित्र सरोवर में स्नान कर अपने पूर्वजों के निमित तर्पण और पिंडदान (Donations made on Shani Amavasya) किया. श्रद्धालुओं ने आस्था अनुसार दान पुण्य कर पुण्य लाभ भी कमाया.

वैशाख माह में शनि अमावस्य पर तीर्थ नगरी पुष्कर में श्रद्धालुओं की दिनभर आवाजाही रही. पुष्कर के पवित्र सरोवर में स्नान कर श्रद्धालुओ ने अपने पितरों के निमित्त तर्पण, पिन्डदान करवाए. कई श्रद्धालुओ ने अपनी कुंडली में दोषों के निवारण के लिए पूजा अर्चना भी करवाई. बताया जाता है कि दोष निवारण और पितरों के लिए श्राद्ध तर्पण और पिंडदान करने का सबसे शुभ दिन अमावस्य को माना जाता है. शनि अमावस्य विशेषकर इन अनुष्ठानों के लिए उपयुक्त मानी जाती है. पुष्कर सरोवर के 52 घाटों पर तीर्थ पुरोहित सुबह से अपने जजमानों को विधिवत पूजा अर्चना करवाने में व्यस्त नजर आए. दोपहर बाद तक घाटों पर अनुष्ठानों का दौर जारी रहा. इन अनुष्ठानों के बाद श्रद्धालुओ ने जगत पिता ब्रह्मा के दर्शन किए.

पढ़े:शनि अमावस्या आज, ये किया तो मिलेगा पूर्वजों का आशीर्वाद

अनुष्ठानों से मिलता है विशेष लाभ: तीर्थ पुरोहितों ने बताया कि पुष्कर सरोवर में स्नान करने से अक्षय पुण्यों की प्राप्ति होती है. वहीं पितरों के निमित्त यहां किए गए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान का भी विशेष महत्व है. ऐसा करने से पितृ संतुष्ट होते हैं और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है. पूजा अर्चना और अनुष्ठान के बाद श्रद्धालुओं ने अपनी आस्था के अनुसार दान पुण्य भी किया.

तीर्थ पुरोहित पंडित फूलचंद पाराशर बताते हैं कि पवित्र सरोवर में स्नान से पापों से मुक्ति मिलती है और रुके हुए कार्य बनने लगते है. पाराशर ने बताया कि पुष्कर में सरोवर स्नान और पूजा अर्चना का ही विशेष महत्व है. विशेषकर अमावस्या के दिन इसका महत्व और भी बढ़ जाता है. तीर्थ पुरोहित पंडित दिलीप शास्त्री बताते हैं कि वैशाख माह की शनि अमावस्या को सुबह से लेकर दोपहर बाद तक श्रद्धालुओं का पुष्कर सरोवर के घाटों पर आना जारी है. श्रद्धा भाव के साथ श्रद्धालु पवित्र सरोवर में स्नान कर रहे हैं.

शनि अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

पढ़े:शनि अमावस्या के मौके पर 108 कुंडीय महायज्ञ, कोरोना मुक्त भारत को लेकर प्राथना

उन्होंने बताया कि पवित्र सरोवर में स्नान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है. श्राद्ध तर्पण और पिंडदान के अलावा श्रद्धालु अपनी कुंडली के दोषों के निवारण के लिए भी पूजा अर्चना करवा रहे. मध्यप्रदेश से आए श्रद्धालू संदीप ने बताया कि पुष्कर सरोवर में स्नान करने के बाद पूजा अर्चना करने से मन को अच्छा लगा. उन्होंने बताया कि गृह दोष की शान्ति के लिए घाट पर पूजा करवाई है.

पाली में भी उमड़े श्रद्धालुः शनि अमावस्या के दिन शनिधाम में भक्तों का सवेरे से तांता लगा रहा. हजारों कि संख्या मे श्रद्धांलुओं ने शनि देव मंदिर मे शीश नवाए. कई लोगो ने प्रसाद बनाकर वितरण भी किया. पाली के खेतावास रोड स्थित इस मंदिर में सुबह से श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही. माना जाता है कि शनि और अमावस्या के विशेष संगम के दौरान दान पुण्य करने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं.

अजमेर. तीर्थराज पुष्कर में शनि अमावस्या पर हजारों लोगों ने पवित्र सरोवर में स्नान कर अपने पूर्वजों के निमित तर्पण और पिंडदान (Donations made on Shani Amavasya) किया. श्रद्धालुओं ने आस्था अनुसार दान पुण्य कर पुण्य लाभ भी कमाया.

वैशाख माह में शनि अमावस्य पर तीर्थ नगरी पुष्कर में श्रद्धालुओं की दिनभर आवाजाही रही. पुष्कर के पवित्र सरोवर में स्नान कर श्रद्धालुओ ने अपने पितरों के निमित्त तर्पण, पिन्डदान करवाए. कई श्रद्धालुओ ने अपनी कुंडली में दोषों के निवारण के लिए पूजा अर्चना भी करवाई. बताया जाता है कि दोष निवारण और पितरों के लिए श्राद्ध तर्पण और पिंडदान करने का सबसे शुभ दिन अमावस्य को माना जाता है. शनि अमावस्य विशेषकर इन अनुष्ठानों के लिए उपयुक्त मानी जाती है. पुष्कर सरोवर के 52 घाटों पर तीर्थ पुरोहित सुबह से अपने जजमानों को विधिवत पूजा अर्चना करवाने में व्यस्त नजर आए. दोपहर बाद तक घाटों पर अनुष्ठानों का दौर जारी रहा. इन अनुष्ठानों के बाद श्रद्धालुओ ने जगत पिता ब्रह्मा के दर्शन किए.

पढ़े:शनि अमावस्या आज, ये किया तो मिलेगा पूर्वजों का आशीर्वाद

अनुष्ठानों से मिलता है विशेष लाभ: तीर्थ पुरोहितों ने बताया कि पुष्कर सरोवर में स्नान करने से अक्षय पुण्यों की प्राप्ति होती है. वहीं पितरों के निमित्त यहां किए गए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान का भी विशेष महत्व है. ऐसा करने से पितृ संतुष्ट होते हैं और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है. पूजा अर्चना और अनुष्ठान के बाद श्रद्धालुओं ने अपनी आस्था के अनुसार दान पुण्य भी किया.

तीर्थ पुरोहित पंडित फूलचंद पाराशर बताते हैं कि पवित्र सरोवर में स्नान से पापों से मुक्ति मिलती है और रुके हुए कार्य बनने लगते है. पाराशर ने बताया कि पुष्कर में सरोवर स्नान और पूजा अर्चना का ही विशेष महत्व है. विशेषकर अमावस्या के दिन इसका महत्व और भी बढ़ जाता है. तीर्थ पुरोहित पंडित दिलीप शास्त्री बताते हैं कि वैशाख माह की शनि अमावस्या को सुबह से लेकर दोपहर बाद तक श्रद्धालुओं का पुष्कर सरोवर के घाटों पर आना जारी है. श्रद्धा भाव के साथ श्रद्धालु पवित्र सरोवर में स्नान कर रहे हैं.

शनि अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

पढ़े:शनि अमावस्या के मौके पर 108 कुंडीय महायज्ञ, कोरोना मुक्त भारत को लेकर प्राथना

उन्होंने बताया कि पवित्र सरोवर में स्नान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है. श्राद्ध तर्पण और पिंडदान के अलावा श्रद्धालु अपनी कुंडली के दोषों के निवारण के लिए भी पूजा अर्चना करवा रहे. मध्यप्रदेश से आए श्रद्धालू संदीप ने बताया कि पुष्कर सरोवर में स्नान करने के बाद पूजा अर्चना करने से मन को अच्छा लगा. उन्होंने बताया कि गृह दोष की शान्ति के लिए घाट पर पूजा करवाई है.

पाली में भी उमड़े श्रद्धालुः शनि अमावस्या के दिन शनिधाम में भक्तों का सवेरे से तांता लगा रहा. हजारों कि संख्या मे श्रद्धांलुओं ने शनि देव मंदिर मे शीश नवाए. कई लोगो ने प्रसाद बनाकर वितरण भी किया. पाली के खेतावास रोड स्थित इस मंदिर में सुबह से श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही. माना जाता है कि शनि और अमावस्या के विशेष संगम के दौरान दान पुण्य करने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं.

Last Updated : Apr 30, 2022, 11:02 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.