अजमेर. शहर में मल्टीस्टोरी इमारतों और फ्लैट सिस्टम के साथ-साथ गेटेड कम्युनिटीज को रहने के लिए पसंद किया जा रहा है. बीते दस साल में ये चलन बढ़ गया है. इसका सबसे बड़ा कारण बदलती सामाजिक संरचना, एकल परिवारों का बढ़ना, फ्लैट्स की उपलब्धता और सुरक्षा है. देखिये ये रिपोर्ट...
जरूरत के हिसाब से शहर की सूरत बदलती है. अजमेर शहर भी अब बदल रहा है. पहले शहरों का क्षैतिज विकास होता था.शहर चारों दिशाओं में फैलते चले जाते थे.लेकिन अब मल्टीस्टोरी इमारतों का चलन बढ़ गया है. शहरों में सुरक्षा बड़ा मुद्दा होता है. ऐसे में लोग गेटेड कम्युनिटीज को अपने आवास के लिए पसंद कर रहे हैं. आज की बदलती सामाजिक संरचना के लिए ये कम्युनिटीज मुफीद भी हैं.
अजमेर में एक दशक से गेटेड कम्युनिटी का दौर बढ़ा है. शहर में कई इलाके हैं जहां गेटेड कम्युनिटी देखी जा सकती हैं. गेटेड कम्युनिटी अपने आप में एक छोटा सा शहर होती है जहां अंदर ही पार्क, मंदिर, जिम, शॉपिंग मॉल, क्लब और तमाम तरह की सुविधाओं के साथ लोगों को सुरक्षा मिलती है. ज्यादातर पेशेवर लोग नई विकसित गेटेड कम्युनिटी का हिस्सा बन रहे हैं.
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शहर के शोर-शराबे से दूर ये ऐसा कस्बा बन रही हैं जहां सुरक्षा के साथ शांति भी मिलती है, स्पेस मिलता है. इन कम्युनिटी में सुरक्षा को सबसे ज्यादा प्राथमिकता दी जाती है. हर ब्लाक में गार्ड हैं. मुख्य गेट पर गार्ड अनजान व्यक्ति को एंट्री के बाद ही प्रवेश देते हैं. एक कम्युनिटी के गार्ड ने बताया कि वे किसी भी बाहरी को रात 10 बजे बाद एंट्री नहीं देते.
हमने इन मस्टीस्टोरी कम्युनिटीज में रहने वाली कुछ महिलाओं से उनकी सुरक्षा को लेकर भी बात की. उनका कहना है कि वे पूरी तरह सुरक्षित महसूस करती हैं. उनके बच्चों को भी यहां अच्छा वातावरण मिल रहा है.
सभी कम्युनिटीज में हमें गेट पर गार्ड ने रोका, एंट्री की, मिलने वालों का परिचय पूछा, हम कैमरे की निगाह में थे. यहां पार्कों में बच्चे खेल रहे थे. कॉलोनियों की गलियां शांत थी. एक कम्युनिटी में सीसीटीवी पर नजरें गड़ाए दिखीं रेजीडेंसी मैनेजर शबनब. उन्होंने कहा कि सुरक्षा के लिहाज से गेटेड कम्युनिटी लोगों को पसंद आ रही हैं.
कुल मिलाकर हमने ये पाया कि शहर अब धरती की बजाय आसमान की ओर बढ़ रहे हैं..बदलते परिवेश में सुरक्षा सबसे बड़ा मुद्दा है...और इन कम्युनिटीज में सुरक्षा ही पहली प्राथमिकता है.