अजमेर. शहर में बढ़ते कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए शनिवार को नगर निगम ने आपात बैठक बुलाई गई. इस बैठक में कोरोना को लेकर विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा करते हुए इसकी रोकथाम पर रणनीति बनाई गई. बैठक में नगर निगम आयुक्त चिन्मयी गोपाल और अन्य अधिकारी मौजूद रहे.
बैठक के पश्चात मेयर धर्मेंद्र गहलोत ने रेलवे म्यूजियम शेल्टर में खानाबदोश लोगों को शिफ्ट करने पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि किसके आदेश से उन्हें शेल्टर होम में शिफ्ट किया गया और उनकी 4 दिन तक भोजन की व्यवस्था की गई. इस विषय पर कोई जानकारी नहीं मिल पाई है.
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वहीं उन्हेंने कहा कि बुखार और सर्दी जुकाम से पीड़ित व्यक्ति की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को दी गई, लेकिन उन्होंने बीमार व्यक्ति को अलग करने के बजाय उसे फिर से उसी शेल्टर होम में भेज दिया. ऐसे में प्रशासनिक लापरवाही साफ तौर पर नजर आ रही है.
वहीं उन्होंने एक और बड़ा सवाल खड़ा करते हुए कहा कि इस महामारी के दौरान रेलवे म्यूजियम में बने हॉल में केवल 170 लोगों को ही पर्याप्त सोशल डिस्टेंसिंग के माध्यम से रखा जा सकता था. इसके बावजूद भी 258 लोगों को शिफ्ट किया गया.
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ऐसे में इस समस्या ने और बड़ा विकराल रूप धारण किया है, लेकिन फिर भी नगर निगम प्रशासन के कर्मचारी लगातार अपनी व्यवस्थाओं में जुटे हैं और उन्होंने सरकार और प्रशासन से शेल्टर होम में कार्यरत कर्मचारियों के लिए PPE KIT की मांग की है. जिससे कि कर्मचारियों में इस महामारी का प्रकोप ना बढ़ सके. वहीं नगर निगम की ओर से संचालित शेल्टर होम में तमाम व्यवस्थाएं और सफाई सुचारू की जा रही है.
मेयर धर्मेंद्र गहलोत ने पुलिस और प्रशासन से मांग की है कि अलग-अलग शेल्टर होम में बंद तमाम लोगों को कायड़ विश्राम स्थली में शिफ्ट किया जाए. जिससे कि मैन पावर की कमी को दूर करने के साथ ही तमाम व्यवस्थाएं एक ही जगह पर मौजूद हो सके.
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वहीं उन्होंने कहा अलग-अलग शेल्टर होम में नगर निगम के कर्मचारियों द्वारा ही सुरक्षा और अन्य व्यवस्था की जा रही है. ऐसे में पुलिस को विभिन्न स्थानों पर पर्याप्त व्यवस्था करने की आवश्यकता है. जिससे कि इस महामारी के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की पालना की जा सके.