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पड़ोसी ने 14 साल के बालक के साथ किया दुराचार, कोर्ट ने सुनाई अंतिम सांस तक कारावास की सजा - Convict of sexual misconduct with minor boy sentenced to life imprisonment

अजमेर जिले की पॉक्सो मामलों की विशेष कोर्ट ने नाबालिग बालक से दुराचार के मामले में अभियुक्त को अंतिम सांस तक कारावास की सजा सुनाई (Convict of sexual misconduct with minor boy sentenced to life imprisonment) है. 29 अप्रैल, 2020 को सामने आए इस मामले में पीड़ित के पड़ोसी ने दुराचार की घटना को अंजाम दिया था. विधि विज्ञान प्रयोगशाला से डीएनए और एफएसएल रिपोर्ट से नाबालिग बालक के साथ दुराचार की पुष्टि हुई है.

Convict of sexual misconduct with minor boy sentenced to life imprisonment
पड़ोसी ने 14 साल के बालक के साथ छत पर ले जाकर किया दुराचार, कोर्ट ने सुनाई अंतिम सांस तक कारावास की सजा
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Published : May 19, 2022, 3:46 PM IST

अजमेर. जिले के किशनगढ़ थाना क्षेत्र में नाबालिग बालक के साथ दुराचार के मामले में आरोपी पड़ोसी युवक को अजमेर की पॉक्सो एक्ट की विशेष कोर्ट संख्या 1 ने अंतिम सांस तक कारावास की सजा से दंडित किया (Minor boy sexual misconduct case in Ajmer) है. यह मामला 29 अप्रैल, 2020 को थाने में दर्ज हुआ था. कोर्ट ने कहा कि अभियुक्त की ओर से अत्यंत घृणित कृत्य किया गया है. उसे देखते हुए दंड के प्रक्रम में अभियुक्त के प्रति नरमी का रुख अपनाया जाना उचित नहीं है. इस प्रकार के अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए अधिकतम सजा से दंडित किया जाना न्यायोचित है.

विशिष्ट लोक अभियोजक रूपेंद्र परिहार ने बताया कि अजमेर की पॉक्सो विशेष कोर्ट संख्या 1 ने 14 वर्षीय बालक के साथ दुराचार के आरोपी को आजीवन कारावास (अंतिम सांस तक) की सजा सुनाई है. परिहार ने बताया कि 29 अप्रैल, 2020 को पीड़ित के पिता ने किशनगढ़ थाने में पड़ोस में रहने वाले युवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया था. उन्होंने बताया कि आरोपी बहला-फुसलाकर नाबालिग बालक को अपने भाई के घर ले गया. वहां घर की छत पर ले जाकर बालक के साथ दुराचार किया. घर से काफी देर से गायब बालक को खोजते हुए परिजन घटनास्थल पर पंहुचे थे.

पढ़ें: नाबालिग के साथ कुकर्म: न्यायिक अधिकारी को सजा देकर न्यायपालिका बनाए रखे अपनी प्रतिष्ठा- मनन चतुर्वेदी

पुलिस ने मामले में आरोपी को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ कोर्ट में 9 जुलाई, 2020 को चालान पेश किया था. कोर्ट में अभियोजन पक्ष की ओर से 10 गवाह और 18 दस्तावेज पेश किए गए. विधि विज्ञान प्रयोगशाला से डीएनए और एफएसएल रिपोर्ट से नाबालिग बालक के साथ दुराचार की पुष्टि हुई है. प्रकरण में कोर्ट ने धारा 363 में 7 वर्ष कारावास और 7 हजार रुपए जुर्माना, धारा 377 में आजीवन कारावास एवं 15 हजार रुपए जुर्माना और 3/4 (ii) पॉक्सो एक्ट में शेष प्राकृतिक जीवन जीने तक कारावास एवं 15 हजार रुपए जुर्माने से दंडित किया है.

पढ़ें: राजस्थान : यौन दुराचार का आरोपी जज फरार, रजिस्टार विजिलेंस टीम पहुंची भरतपुर

1 ने मार्च से अब तक 12 अलग-अलग प्रकरणों में सुनाई सजा: परिहार ने बताया कि पॉक्सो विशेष कोर्ट संख्या 1 ने मार्च से अब तक 12 अलग—अलग प्रकरणों में सजा सुनाई है. इनमें एक रूपनगढ़ के प्रकरण में आरोपी को अंतिम सांस तक कारावास, ब्यावर सिटी के एक प्रकरण में आरोपी को आजीवन कारावास, अजमेर में गंज थाना क्षेत्र के एक प्रकरण में आजीवन कारावास, जवाजा थाना क्षेत्र के प्रकरण में आरोपी को 20 वर्ष की सजा, ब्यावर सिटी थाना क्षेत्र के एक प्रकरण में आजीवन कारावास और जवाजा थाना क्षेत्र के एक प्रकरण में 10 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई जा चुकी है.

अजमेर. जिले के किशनगढ़ थाना क्षेत्र में नाबालिग बालक के साथ दुराचार के मामले में आरोपी पड़ोसी युवक को अजमेर की पॉक्सो एक्ट की विशेष कोर्ट संख्या 1 ने अंतिम सांस तक कारावास की सजा से दंडित किया (Minor boy sexual misconduct case in Ajmer) है. यह मामला 29 अप्रैल, 2020 को थाने में दर्ज हुआ था. कोर्ट ने कहा कि अभियुक्त की ओर से अत्यंत घृणित कृत्य किया गया है. उसे देखते हुए दंड के प्रक्रम में अभियुक्त के प्रति नरमी का रुख अपनाया जाना उचित नहीं है. इस प्रकार के अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए अधिकतम सजा से दंडित किया जाना न्यायोचित है.

विशिष्ट लोक अभियोजक रूपेंद्र परिहार ने बताया कि अजमेर की पॉक्सो विशेष कोर्ट संख्या 1 ने 14 वर्षीय बालक के साथ दुराचार के आरोपी को आजीवन कारावास (अंतिम सांस तक) की सजा सुनाई है. परिहार ने बताया कि 29 अप्रैल, 2020 को पीड़ित के पिता ने किशनगढ़ थाने में पड़ोस में रहने वाले युवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया था. उन्होंने बताया कि आरोपी बहला-फुसलाकर नाबालिग बालक को अपने भाई के घर ले गया. वहां घर की छत पर ले जाकर बालक के साथ दुराचार किया. घर से काफी देर से गायब बालक को खोजते हुए परिजन घटनास्थल पर पंहुचे थे.

पढ़ें: नाबालिग के साथ कुकर्म: न्यायिक अधिकारी को सजा देकर न्यायपालिका बनाए रखे अपनी प्रतिष्ठा- मनन चतुर्वेदी

पुलिस ने मामले में आरोपी को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ कोर्ट में 9 जुलाई, 2020 को चालान पेश किया था. कोर्ट में अभियोजन पक्ष की ओर से 10 गवाह और 18 दस्तावेज पेश किए गए. विधि विज्ञान प्रयोगशाला से डीएनए और एफएसएल रिपोर्ट से नाबालिग बालक के साथ दुराचार की पुष्टि हुई है. प्रकरण में कोर्ट ने धारा 363 में 7 वर्ष कारावास और 7 हजार रुपए जुर्माना, धारा 377 में आजीवन कारावास एवं 15 हजार रुपए जुर्माना और 3/4 (ii) पॉक्सो एक्ट में शेष प्राकृतिक जीवन जीने तक कारावास एवं 15 हजार रुपए जुर्माने से दंडित किया है.

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1 ने मार्च से अब तक 12 अलग-अलग प्रकरणों में सुनाई सजा: परिहार ने बताया कि पॉक्सो विशेष कोर्ट संख्या 1 ने मार्च से अब तक 12 अलग—अलग प्रकरणों में सजा सुनाई है. इनमें एक रूपनगढ़ के प्रकरण में आरोपी को अंतिम सांस तक कारावास, ब्यावर सिटी के एक प्रकरण में आरोपी को आजीवन कारावास, अजमेर में गंज थाना क्षेत्र के एक प्रकरण में आजीवन कारावास, जवाजा थाना क्षेत्र के प्रकरण में आरोपी को 20 वर्ष की सजा, ब्यावर सिटी थाना क्षेत्र के एक प्रकरण में आजीवन कारावास और जवाजा थाना क्षेत्र के एक प्रकरण में 10 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई जा चुकी है.

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