अजमेर. राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से 23 जून को आयोजित की जाने वाली सहायक अभियंता (सिविल/ विद्युत/ यांत्रिकी) प्रतियोगी परीक्षा 2018 की काउंसलिंग में एक ही एग्जाम सेंटर के सबसे ज्यादा अभ्यार्थियों के सेलेक्ट होने का मामला सामने आया है. इसको लेकर काफी विवाद हो रहा है.
इस स्कूल से सेलेक्ट हुए सर्वाधिक अभ्यर्थी
आरपीएससी (Rajasthan Public Service Commission) की ओर से आयोजित की गई एईएन सिविल परीक्षा 2018 (AEN Civil Exam) की काउंसलिंग में अजमेर के सेंट्रल गर्ल्स स्कूल परीक्षा केंद्र के सर्वाधिक 69 अभ्यार्थियों के सेलेक्ट होने का मामला सामने आने के बाद विवाद छिड़ गया है. एक ही परीक्षा केंद्र के इतने सारे अभ्यर्थियों के चयनित होने पर लाडपुरा कोटा के पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत ने इस मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से शिकायत की है. इसके साथ ही उन्होंने इस केंद्र से चयनित अभ्यार्थियों के रोल नंबर भी उन्हें भेजे हैं.
गौरतलब है कि इस परीक्षा केंद्र पर अनुपस्थित रहने वाले अभ्यर्थियों के अलावा सभी अभ्यर्थी इस परीक्षा में सेलेक्ट हुए हैं. उन्होंने पीएम को लिखे पत्र में इस परीक्षा केंद्र पर धांधली और भ्रष्टाचार होने की आशंका जताई है.
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मामला उठने के बाद अभ्यार्थियों के तर्क
इस मामले में मुख्यमंत्री तक शिकायत पहुंचने के बाद अभ्यर्थियों का कहना है कि परीक्षा का पेपर सब्जेक्टिव टाइप था. यदि यही पेपर ऑब्जेक्टिव टाइप होता, तो नकल की संभावना होती लेकिन सब्जेक्टिव टाइप पेपर में नकल संभव नहीं है.
रिटोटलिंग के आवेदन भी शक के घेरे में
इस परीक्षा को लेकर विवाद का एक हिस्सा इसकी रिटोटलिंग के लिए मांगे गए आवेदन भी हैं. अभ्यर्थियों का कहना है कि आमतौर पर आरपीएससी किसी भी भर्ती प्रक्रिया के पूरा होने के बाद रिटोटलिंग के लिए आवेदन मांगती है, लेकिन इस परीक्षा में काउंसलिंग से पहले ही आरपीएससी ने रिटोटलिंग के आवेदन मांग लिए.
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आरपीएससी चेयरमैन भूपेंद्र सिंह यादव ने सभी आरोपों को सिरे से नकारते हुए कहा कि भर्ती परीक्षा 2018 के परिणाम में एक ही परीक्षा केंद्र से सर्वाधिक अभ्यार्थियों के सेलेक्ट हो जाने की शिकायत आयोग को प्राप्त हुई थी. आरपीएससी ने इस शिकायत को लेकर जांच भी कराई है, लेकिन यह शिकायत तथ्यात्मक रूप से सही नहीं है.