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अजमेर: संविदा नर्सिंगकर्मियों ने की टेंपरेरी बेस पर लगे नर्सिंगकर्मियों के समान वेतन की मांग - संविदा नर्सिंगकर्मियों ने समान वेतन की मांग की

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधीन संविदा नर्सिंगकर्मियों ने सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाया है. अजमेर के सभी संविदा नर्सिंग कर्मियों ने राज्य सरकार से मांग की है कि टेम्परेरी बेसेज पर लगे नर्सिंग कर्मियों के समान उन्हें भी वेतन दिया जाए.

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संविदा नर्सिंगकर्मियों ने सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाया
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Published : Jun 1, 2020, 3:52 PM IST

अजमेर. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधीन संविदा नर्सिंगकर्मियों ने सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाया है. जिले के सभी संविदा नर्सिंगकर्मियों ने राज्य सरकार से मांग की है कि टेंपरेरी बेसेज पर लगे नर्सिंगकर्मियों के समान उन्हें वेतन दिया जाए. वर्तमान में मिल रहे अल्प वेतन से उनका गुजारा नहीं होता है. संविदा नर्सिंगकर्मियों ने चिकित्सा मंत्री के नाम सीएमएचओ को मांग पत्र सौंपा है. अपनी मांग को लेकर एनएचएम 2016 की भर्ती में नियुक्त संविदा नर्सिंगकर्मी 2 जून को पैन डाउन हड़ताल करेंगे.

संविदा नर्सिंगकर्मियों ने सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाया

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के कार्यालय परिसर में लामबंद हुए एनएचएम 2016 में नियुक्त संविदा नर्सिंगकर्मियों ने काली पट्टी बांधकर मौन प्रदर्शन किया. पोस्टर के माध्यम से उन्होंने विभाग को अपनी व्यथा बताने की कोशिश की. संविदा नर्सिंगकर्मी सिद्धार्थ कुमार ने बताया कि अस्पतालों में टेंपरेरी बेसेज पर लगे नर्सिंगकर्मियों के समान ही संविदा नर्सिंग कर्मी भी पीएचसी, सीएचसी स्तर पर अपनी सेवा दे रहे हैं.

बावजूद इसके टेंपरेरी बेसेज नर्सिंगकर्मियों को 26 हजार मासिक वेतन और उन्हें 7 हजार 900 रुपए अल्प वेतन दिया जाता है. उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी के चलते संविदा नर्सिंगकर्मी 12 घंटे बिना छुट्टी लिए अपनी सेवाएं दे रहे हैं. बावजूद इसके संविदाकर्मियों के साथ भेदभाव हो रहा है. अल्प वेतन से संविदा नर्सिंगकर्मियों का परिवार को चलाना मुश्किल हो रहा है.

यह भी पढ़ें- जैसलमेर: होटल के कमरे में पुलिस कांस्टेबल ने लगाई फांसी

उन्होंने बताया कि जिले में 90 और राज्य में 3 हजार 200 संविदा नर्सिंगकर्मी है. 2 जून को सभी संविदा नर्सिंगकर्मी कार्य का बहिष्कार करेंगे. संविदा नर्सिंगकर्मी अभिलाषा जॉर्डन ने बताया कि संविदा नर्सिंगकर्मियों ने सीएमएचओ के माध्यम से चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा से मांग की है कि उनका वेतन टेंपरेरी बेसेज नर्सिंग कर्मियों के समान किया जाए अथवा उन्हें नियमित किया जाए.

अजमेर. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधीन संविदा नर्सिंगकर्मियों ने सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाया है. जिले के सभी संविदा नर्सिंगकर्मियों ने राज्य सरकार से मांग की है कि टेंपरेरी बेसेज पर लगे नर्सिंगकर्मियों के समान उन्हें वेतन दिया जाए. वर्तमान में मिल रहे अल्प वेतन से उनका गुजारा नहीं होता है. संविदा नर्सिंगकर्मियों ने चिकित्सा मंत्री के नाम सीएमएचओ को मांग पत्र सौंपा है. अपनी मांग को लेकर एनएचएम 2016 की भर्ती में नियुक्त संविदा नर्सिंगकर्मी 2 जून को पैन डाउन हड़ताल करेंगे.

संविदा नर्सिंगकर्मियों ने सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाया

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के कार्यालय परिसर में लामबंद हुए एनएचएम 2016 में नियुक्त संविदा नर्सिंगकर्मियों ने काली पट्टी बांधकर मौन प्रदर्शन किया. पोस्टर के माध्यम से उन्होंने विभाग को अपनी व्यथा बताने की कोशिश की. संविदा नर्सिंगकर्मी सिद्धार्थ कुमार ने बताया कि अस्पतालों में टेंपरेरी बेसेज पर लगे नर्सिंगकर्मियों के समान ही संविदा नर्सिंग कर्मी भी पीएचसी, सीएचसी स्तर पर अपनी सेवा दे रहे हैं.

बावजूद इसके टेंपरेरी बेसेज नर्सिंगकर्मियों को 26 हजार मासिक वेतन और उन्हें 7 हजार 900 रुपए अल्प वेतन दिया जाता है. उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी के चलते संविदा नर्सिंगकर्मी 12 घंटे बिना छुट्टी लिए अपनी सेवाएं दे रहे हैं. बावजूद इसके संविदाकर्मियों के साथ भेदभाव हो रहा है. अल्प वेतन से संविदा नर्सिंगकर्मियों का परिवार को चलाना मुश्किल हो रहा है.

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उन्होंने बताया कि जिले में 90 और राज्य में 3 हजार 200 संविदा नर्सिंगकर्मी है. 2 जून को सभी संविदा नर्सिंगकर्मी कार्य का बहिष्कार करेंगे. संविदा नर्सिंगकर्मी अभिलाषा जॉर्डन ने बताया कि संविदा नर्सिंगकर्मियों ने सीएमएचओ के माध्यम से चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा से मांग की है कि उनका वेतन टेंपरेरी बेसेज नर्सिंग कर्मियों के समान किया जाए अथवा उन्हें नियमित किया जाए.

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